Feb 21 2025, 19:43
हड़ताल पर रहे तहसील के अधिवक्ताओं ने किया संशोधन विधेयक का विरोध
खजनी गोरखपुर।विधि का शासन बनाए रखने के लिए निर्भीक न्याय तंत्र का होना अति आवश्यक है। किंतु अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 अधिवक्ताओं के खिलाफ पूरी तरह से काला कानून लागू करने का प्रावधान है, यह संशोधन हम सभी अधिवक्ताओं के साथ ही आम जनता के न्याय की आस को चोट पहुँचाने जैसा है। इसका अधिवक्ता समाज पूरी तरह से विरोध करता है।उक्त विचार खजनी तहसील बार एशोसिएशन के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने तहसील में आयोजित बैठक के दौरान कहीं, साथ ही तहसील मुख्यालय में सामूहिक विरोध प्रदर्शन के बाद एक पत्रक सचिव केंद्रीय विधि मंत्रालय को संबोधित तहसीलदार खजनी को सौंपा गया।
दिए गए पत्रक में अधिवक्ताओं और उनके परिवार के लिये एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान करने की मांग की गई। पत्रक में परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए और उनके लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखने की मांग तथा परिषदों के सदस्यों या अस्तित्व पर सुझाए गए संशोधनः को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई। प्रदेश के अधिवक्ताओं विशेषकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के द्वारा मांग की गई कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख रूपए का मेडिक्लेम और किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 10 लाख रूपए की बीमा राशि देने की मांग की गई।
साथ ही पंजीकरण के समय प्रत्येक अधिवक्ता से लिए जाने वाली 500/-₹ के स्टाम्प की राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस करने की मांग करते हुए राज्य सरकार द्वारा विधिक स्टाम्प की बिकी से प्राप्त धनराशि का 02 प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की मांग करते हुए ऐसा केरल राज्य सरकार द्वारा किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा गया कि नियम बनाने का अधिकार पूर्व में जो एडवोकेट्स एक्ट में प्राविधानित था, उसको उसी प्रकार रखा जाए। आक्रोश जताते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गयी हैं, उसे तुरंत समाप्त किया जाए। कहा गया है कि किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता न होने के कारण हम सभी अधिवक्त एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल-2025 के पूरे संशोधन को निरस्त करते हैं। एडवोकेट अमेंडमेंड बिल-2025 को तुरन्त वापस लिया जाए, अन्यथा अधिवक्ता गण पूरे देश में इस लड़ाई को लड़ने की रणनीति बनाने पर बाध्य होंगे। धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,मंत्री कामेश्वर प्रसाद,पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, रामप्रीत यादव, पलटराज, दरगाही प्रसाद,अनूप सिंह, विनोद कुमार पाण्डेय, ईश्वरचन्द्र सिंह,अशोक दूबे, बलजीत,सुनील कुमार, रामकृष्ण दूबे,सन्तोष कुमार सिंह,कृष्णानन्द शुक्ल,संजय कुमार ,अनिल कुमार,बिजेंद्र यादव,लालबहादुर यादव, राजदेव प्रियदर्शी, दिनेश, बृजलाल प्रसाद,सूर्यनाथ मौर्य आदि सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।
Feb 22 2025, 19:07