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Oct 17 2024, 14:20

बिहार के इन पांच जिलों के DEO पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश, जानिए क्या है वजह

डेस्क : बिहार के बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बताया जा रहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन समय से नहीं मिल पा रहा है। इन जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षकों का आधार वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते समय पर नहीं दिए हैं। विशेष रूप से, अस्थायी शिक्षकों और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय लंबे समय से रुका हुआ है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने बार-बार स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी जिलों में शिक्षकों का वेतन हर महीने के पहले हफ्ते में अवश्य दे दिया जाए। लेकिन, इन जिलों के DEO ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। 8 अक्टूबर को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पाया गया कि कई जिलों में सितंबर महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया था। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को 9 अक्टूबर तक वेतन वितरण करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, 15 अक्टूबर को हुई एक और बैठक में पता चला कि कई जिलों में, खासकर बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान में, वेतन भुगतान अभी भी लंबित है।

वेतन भुगतान में इस तरह की देरी के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। कई शिक्षक परिवारों के पालन-पोषण के लिए कर्ज लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे न केवल उनका मनोबल गिर रहा है बल्कि उनके कार्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्दार्थ इस लापरवाही से काफी नाराज है। विभाग ने इन जिलों के DEO के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही, विभाग यह भी जांच कर रहा है कि आखिर क्यों इन जिलों में वेतन भुगतान में इतनी देरी हो रही है। क्या यह तकनीकी समस्या है, वित्तीय अड़चन है, या फिर प्रशासनिक लापरवाही? भविष्य में इस तरह की स्थिति न आए, इसके लिए शिक्षा विभाग कुछ कड़े कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ वेतन भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के उपाय भी शामिल हैं। 

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Oct 17 2024, 13:55

बिहार: सीतामढ़ी में थानाध्यक्ष का शव मिलने से प्रशासन में हड़कंप


पटना के नेपाल से सटे सीमावर्ती जिले सीतामढ़ी में थानाध्यक्ष का शव मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया. सीतामढ़ी में बुधवार ( 16 अक्टूबर) देर रात बैरगनिया थाना के थानाध्यक्ष का शव फंदे से लटका मिला, जिसके बाद पुलिस प्रशासन में सनसनी मच गई. सीतामढ़ी के बैरगनिया थाना प्रभारी कुंदन कुमार बिहार पुलिस के 2009 बैच के इंस्पेक्टर थे. घटना के बाद आला अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के बाद कुंदन कुमार के शव पर गमछे के फंदा लगा हुआ मिला. घटना बुधवार ( 16 अक्टूबर) देर रात की बताई जा रही है. शव मिलने के बाद सीतामढ़ी जिले के एसपी मनोज कुमार तिवारी, डीएसपी राम कृष्ण सहित पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. कुंदन कुमार इससे पहले मुजफ्फरपुर में सदर थानेदार के पद पर थे. इसके बाद वहा से ट्रांसफर होकर सीतामढ़ी आए थे.

पोस्टमार्टम के बाद होगी आगे की जांच


घटना के बारे में जानकारी देते हुए सदर डीएसपी रामकृष्ण ने बताया कि शाम करीब 10:45 बजे सूचना मिली कि थाना प्रभारी का शव उनके आवासीय कमरे में पाया गया है. सूचना मिलने के बाद मामले की जांच के लिए एसपी के नेतृत्व में हम लोग यहां आए हैं. मामले की जांच की जा रही है. ऐसे में क्या हुआ है? यह बताना अभी उचित नहीं लग रहा है. एफएसएल की टीम आ रही है. उसके बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई होगी, जिसके बाद कुछ बताया जा सकता है. उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी से शाम तक बात हुई है. वह दिन में काम करने भी निकले थे. उनसे रोज बात होती थी. शाम के बाद से उनकी उनसे बातचीत नहीं हुई थी. घटना की पुष्टि रात में हुई है.

दिन में गिरोह का किया था पर्दाफाश

मिली खबर के अनुसार कुंदन कुमार की गिनती बिहार पुलिस के कडक, अनुशासनप्रिय और तेज तर्रार अधिकारी में होती थी. बुधवार की रात में जब उनकी संदिग्ध हालात में मौत की खबर आई, उसी दिन उन्होंने एक बड़े मोबाइल चोरों के गिरोह को कानून के शिकंजे में लिया था. इस दौरान कुंदन ने करीब 40 मोबाइल फोन को भी बरामद किया था.ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस गिरोह के तार भारत के साथ नेपाल से भी जुड़े हुए हैं और गिरोह का कुंदन की मौत में हाथ हो सकता है. 

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Oct 17 2024, 13:44

अनुपम खेर की तस्वीर वाले नकली नोट से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,तीन गिरफ्तार

अहमदाबाद में अनुपम खेर की तस्वीर वाले 500 रुपये के नकली नोट देकर ठगने वाले मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने करीब 1.5 करोड़ रुपये के सोने के बदले नकली नोट देकर भाग गए थें. इस मामले में क्राइम ब्रांच कार्रवाई करते हुए 1.37 करोड़ रुपये का सोना भी बरामद कर लिया है.

पुलिस तीनों आरोपियों की पहचान भी कर ली है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक राजपूत (32), नरेंद्र जादव (36) और कल्पेश मेहता (45) के रूप में हुई है. ये तीनों अहमदाबाद के ही रहले वाले हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने सोना खरीदने के नाम पर नकली नोटों का इस्तेमाल कर ठगी की थी. फिलहाल पुलिस अब जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह ने और किसी के साथ भी ठगी की है. साथ ही ये भी देखा जा रहा है कि इस धोखाधड़ी में और कितने लोग शामिल हैं.

क्या है पूरा मामला?
मामला 24 सितंबर का है जब अहमदाबाद के सर्राफा व्यापारी मेहुल ठक्कर से सोना खरीदने के लिए आरोपियों ने संपर्क किया था. 2.1 किलोग्राम सोने की डील 1.60 करोड़ रुपये में तय हुई थी. ठक्कर ने सीजी रोड स्थित अपने अंगड़िया कार्यालय में इस डील को फाइनल किया. जहां पर व्यापारी को पैसे दिए जाने थे. जब ठक्कर के कर्मचारी वहां पहुंचे, तो वहां तीन लोग पहले से ही नकदी गिनने की मशीन लेकर मौजूद थे.

इनमें से दो आरोपियों ने सोना इकट्ठा किया और 500 रुपये के नकली नोटों के 26 बंडल ठक्कर के कर्मचारियों को थमा दिए. ठगों ने कहा कि बाकी 30 लाख रुपये की रकम बगल के ऑफिस से लाएंगे और इसके बाद वे सोना लेकर मौके से फरार हो गए. इसके बाद सर्राफा व्यापारी मेहुल ठक्कर ने नवरंगपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई. ठक्कर ने बताया कि 500 रुपये के नकली नोटों पर अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी हुई थी. पुलिस को जब यह शिकायत मिली, तो उन्होंने फौरन मामले की जांच शुरू की.
बाकी संदिग्धों की तलाश में पुलिस
इस तरह की ठगी में नकली नोटों का इस्तेमाल होना नई बात नहीं है, लेकिन अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर वाले 500 रुपये के नोटों का इस्तेमाल कर ठगी करना बेहद चौंकाने वाला है. पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि यह नकली नोट कहां से आए और इन्हें छापने में कौन-कौन शामिल है. इसके साथ ही पुलिस बाकी संदिग्धों की तलाश में भी जुटी है.

इस मामले के बाद से सभी व्यापारी अब और सतर्क हो गए हैं और ठगी से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं. साथ ही पुलिस ने कहा कि ऐसे बड़े लेन-देन में सतर्क रहें और नकद लेन-देन करते समय सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें. 

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Oct 17 2024, 13:44

उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा कदम, थूक लगाने वालों के खिलाफ 25,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना"

उत्तराखंड में खाने-पीने की चीजों पर थूक लगाने वालों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई होगी. पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक दोषी पाए जाने पर 25000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. हाल ही में देहरादून और मसूरी में होटल और ढाबा जैसी जगहों पर खाने-पीने की चीजों में थूकने की घटना सामने आई थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस पर सीएम धामी ने संज्ञान लेते हुए एफडीए और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड इस तरह की घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले. वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है. ऐसे में किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शुद्धता और सुरक्षा सरकार की सर्वाच्च प्राथमिकता है.

दरअसल, मसूरी में लाइब्रेरी चौक पर चाय की रेहड़ी लगाने वाले दो भाइयों नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उसे ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दोनों भाई उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर जिले के खतौली के रहने वाले हैं.

SOP में क्या?
एसओपी में कहा गया कि सभी ढाबों, होटलों तथा रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करनी होगी. प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारी, होटल और रेस्टूरेंट में हलाल और झटका को अनिवार्य रूप से लिखना पड़ेगा. अनुपालन न किए जाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्राविधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी 

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Oct 17 2024, 13:43

सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई न्याय की देवी की नई मूर्ति, आंखों की पट्टी खुली और हाथ में संविधान"

सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में न्याय की देवी की मूर्ति लगाई गई. इस मूर्ति में नई बात यह है कि पहले न्याय की देवी की मूर्ति में जहां एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार होती थी और आंखों पर पट्टी होती थी, अब नए भारत की न्याय की देवी की आंखों की पट्टी खुल गई है. यहां तक कि उनके हाथ में तलवार की जगह संविधान आ गया है.

कुछ समय पहले ही अंग्रेजों के कानून बदले गए हैं. अब भारतीय न्यायपालिका ने भी ब्रिटिश युग को पीछे छोड़ते हुए नया रंग-रूप अपनाना शुरू कर दिया है. ये सब कवायद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने की है. उनके निर्देश पर न्याय की देवी में बदलाव कर दिया गया है. ऐसी ही स्टैच्यू सुप्रीम कोर्ट में जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है.

हाथ में तलवार की जगह संविधान
इस तरह देश की सर्वोच्च अदालत ने संदेश दिया है कि अब ‘कानून अंधा’ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के निर्देश पर न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाई गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान को जगह दी गई है. मूर्ति के हाथ में तराजू का मतलब है कि न्याय की देवी फैसला लेने के लिए मामले के सबूतों और तथ्यों को तौलती है. तलवार का मतलब था कि न्याय तेज और अंतिम होगा.


अभी तक न्याय की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बंधी थी. एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार थी. इससे जुड़ा मुहावरा सुर्खियों में रहता है कि ‘कानून अंधा होता है’. अदालतों में दिखने वाली मूर्ति को लेडी जस्टिस मूर्ति कहा जाता है. इस मूर्ति को मिस्र की देवी मात और ग्रीक देवी थेमिस के नाम से जाना जाता है.

थेमिस को कानून-व्यवस्था का प्रतीक माना जाता
इसे सद्भावना, न्याय, कानून और शांति व्यवस्था जैसी विचारधाराओं का प्रतीक माना जाता है. ग्रीस में थेमिस को सच्चाई और कानून-व्यवस्था का प्रतीक माना जाता है. किंवदंती के मुताबिक, डिकी जूस की बेटी थी. वो इलाके के लोगों के साथ न्याय करती थी. वैदिक संस्कृति में डिओस द्वारा ज़ीउस को प्रकाश और ज्ञान का देवता बृहस्पति कहा जाता था. जस्टिसिया देवी डिकी का रोमन विकल्प थी.

डिकी को आंखों पर पट्टी बांधे हुए दिखाया गया. न्याय की देवी हाथों में तराजू और तलवार लिए महिला न्यायधीश, आंखों पर पट्टी बांधकर न्याय व्यवस्था को नैतिकता का प्रतीक माना जाता है. जिस प्रकार ईश्वर बिना किसी भेदभाव के समान न्याय देता है, उसी प्रकार यह न्याय की देवी भी देती है. 

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Oct 17 2024, 13:43

विराट कोहली ने तोड़ा धोनी का रिकॉर्ड, बने भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले खिलाड़ी

विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में एमएस धोनी का एक बड़ा रिकॉर्ड तोड़ दिया है. टॉस जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जैसे ही प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया, उसी के साथ विराट कोहली के नाम भी एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई. अब आप सोच रहे होंगे कि भारतीय प्लेइंग इलेवन के ऐलान का विराट कोहली के बनाए रिकॉर्ड से क्या लेना-देना? दरअसल, इसका कनेक्शन ये है कि अगर विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं होते तो वो धोनी के रिकॉर्ड को बेंगलुरु में नहीं तोड़ पाते. कोहली ने बेंगलुरु में धोनी का जो रिकॉर्ड तोड़ा है वो भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले खिलाड़ी से जुड़ा है.

विराट ने तोड़ा धोनी का बड़ा रिकॉर्ड


भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर का है, जिन्होंने अपने करियर में 664 मैच खेले. उसके बाद 535 मैचों के साथ एमएस धोनी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर थे. लेकिन, न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए मैदान पर उतरते ही विराट कोहली ने धोनी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है. न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु में खेला जा रहा पहला टेस्ट विराट कोहली के करियर का 536वां इंटरनेशनल मैच है.

टॉप 5 में रोहित शर्मा का भी नाम


सचिन, विराट और धोनी के अलावा राहुल द्रविड़ एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 500 या उससे ज्यादा इंटरनेशनल मैच भारत के लिए खेले हैं. भारत के लिए 504 इंटरनेशनल मैच खेलकर द्रविड़ चौथे स्थान पर हैं. वहीं टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट उनके करियर का 486वां इंटरनेशनल मैच है. रोहित शर्मा सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों में 5वें स्थान पर हैं.

बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली नाकाम

न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में धोनी को सबसे ज्यादा मैच खेलने के मामले में पीछे करने वाले विराट कोहली के प्रदर्शन की बात करें तो वो 9 गेंदों का सामना करने के बाद खाता भी नहीं खोल पाए. लंबे समय के बाद नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट का प्रदर्शन एक बार फिर से खराब रहा. 

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Oct 17 2024, 13:42

सलमान खान के फार्म हाउस की रेकी करने वाला शूटर गिरफ्तार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा

महाराष्ट्र की नवी मुंबई पुलिस ने सलमान खान के फार्म हाउस की रेकी करने वाले शूटर को गिरफ्तार किया है. शूटर सुक्खा को मुंबई पुलिस ने हरियाणा के पानीपत से पकड़ा है. मुंबई लाने पर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. उसके खिलाफ नवी मुंबई में एफआईआर दर्ज है. वह उन आरोपियों में शामिल है, जिसने सलमान खान के नवी मुंबई के पनवेल स्थित फार्म हाउस की रेकी की थी. पकड़ा गया शूटर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है.

नवी मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की हत्या की साजिश रचने के मामले में लॉरेंस गैंग का शूटर सुक्खा को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए बताया कि सुक्खा को हरियाणा के पानीपत से पकड़ा है. नवी मुंबई लाए जाने के बाद उसे गुरुवार को एक अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस ने बताया कि शूटर को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे पानीपत पहुंची थी.

दाढ़ी-बाल बढ़ाकर छिपा था होटल में
मुबंई पुलिस ने पानीपत के सेक्टर 29 थाना पुलिस का सहयोग लिया और ज्वाइंट ऑपरेशन में अनाज मंडी कट स्थित अभिनंदन होटल से शूटर को गिरफ्तार किया. अभिनंदन होटल में टीम ने दबिश दी. यहां 104 नंबर कमरे से शूटर सुक्खा को दबोच लिया गया. वह पानीपत के रेरकला गांव का रहने वाला है. गिरफ्तार किए गए बाकी 5 आरोपियों से पूछताछ में सुक्खा का नाम सामने आया था, जिसके बाद उसका मोबाइल नंबर समेत सोशल मीडिया अकाउंट आइडी व अन्य डिटेल मुंबई पुलिस जुटा रही थी, लेकिन वह ट्रेस नही हो रहा था.


लॉरेंस ने सौंपा था सलमान के घर फायरिंग का काम
सुक्खा लगातार लोकेशन बदल रहा था. आखिर कार उसकी लोकेशन मिलते ही पुलिस पानीपत पहुंची और होटल पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया. पुलिस सुक्खा पुराना रिकॉर्ड खंगाल रही है. सुक्खा ने दाढ़ी और बाल बढ़ाए हुए थे, जिससे उसे पहचाना न जा सके. जानकारी के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई ने उसे सलमान के घर पर गोलीबारी करने का काम सौंपा था. इस बीच गिरोह के कुछ सदस्य पुलिस की गिरफ्त में आ गए जिसके कारण सुक्खा भाग गया था. सुक्खा को ऐसे समय अरेस्ट किया गया है, जब पुलिस एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हाल ही में हुई हत्या की जांच कर रही है. 

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Oct 17 2024, 13:42

भगवान शिव का एक अनोखा शिवालय, जहां चिता की आग से जलाई जाती है आरती की ज्योत"

वैसे तो उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती होती है और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भी आरती के लिए चिता की अग्नि का इस्तेमाल किया जाता है। भगवान शंकर के ये दोनों ही मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त अगर देश में कोई अन्य ऐसा शिवालय है जहां आरती की ज्योत प्रज्जवलित करने के लिए जलती हुई चिता की लकड़ी का सहारा लिया जाता है, तो वह है कोलकाता के नीमतल्ला घाट के समीप बना बाबा भूतनाथ मंदिर।

जी हां, बाबा भूतनाथ मंदिर भले ही द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल न हो, इसके बावजूद यह शिवभक्तों की अटूट आस्था और विश्वास का केंद्र है। जानकारों के अनुसार मंदिर करीब सवा 300 साल पुराना है, जिसकी स्थापना नीमतल्ला श्मशान घाट पर रहने वाले एक अघोरी बाबा ने की थी। शुरूआती दिनों में मंदिर के नाम पर केवल एक शिवलिंग था और अघोरी बाबा के अलावा आसपास के अन्य लोग जलाभिषेक व पूजा-अर्चना करते थे।


भूतनाथ मंदिर का इतिहास खंगालने पर पता चला है कि बिल्कुल श्मशान भूमि पर ही शिवलिंग यानी मंदिर बना हुआ था इसीलिए आरती के वक्त जब ज्योति प्रज्जवलन की जरूरत होती थी तब पुजारी किसी भी जलती हुई चिता से एक लकड़ी उठा लेता था। यह प्रथा तब से आज तक जारी है।

गंगा नदी के पश्चिम किनारे पर बने भूतनाथ मंदिर के भव्य व दिव्य मंदिर के संचालन का जिम्मा हिंदू सत्कार समिति के पास है, जबकि प्रबंधन का कार्य मंदिर कमेटी देखती है। हिंदू सत्कार समिति के संयुक्त सचिव के मुताबिक 1932 से समिति ने मंदिर का संचालन अपने हाथों में लिया और साल-दर-साल मंदिर का विस्तार व प्रचार होता गया।

1940 में खड़ी की गई दीवार.

उनके अनुसार 1940 के आसपास कोलकाता नगर निगम की पहल पर मंदिर और श्मशान घाट के बीच एक दीवार खड़ी कर दोनों को पृथक किया गया। मंदिर स्थापना की निश्चित तिथि किसी के स्मरण में नहीं है, इसलिए मंदिर संचालन समिति, प्रबंधक कमेटी, पुजारी और नित्य आने वाले भक्तों की रजामंदी से अंग्रेजी नववर्ष के पहले दिन यानी पहली जनवरी को मंदिर का स्थापना दिवस मान लिया गया और इसी दिन मंदिर का वार्षिक उत्सव मनाया जाने लगा।

इसकी पूर्व संध्या यानी 31 दिसम्बर की रात मंदिर के समक्ष भजन-कीर्तन होता है, जिसमें लाखों भक्तों की मौजूदगी में देश के ख्याति प्राप्त भजन गायक अपनी-अपनी मधुर आवाज में बाबा के भजनों की गंगा प्रवाहित करते है। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन होता है और पूरे सावन महीने के दौरान भक्तों द्वारा अलौकिक श्रृंगार, संगीतमय भजन-कीर्तन और महारुद्राभिषेक कराया जाता है। हालांकि, कोरोना महामारी की वजह से बीते दो साल सावन में होने वाले आयोजनों को स्थगित कर दिया गया था। कोरोना महामारी के दौरान पुजारीगण ही नियमित पूजा पाठ करते थे। मंदिर परिसर में भक्तों के प्रवेश पर राज्य प्रशासन और संचालन समिति द्वारा रोक थी।

भूतनाथ मंदिर के प्रति लोगों के विश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर परिसर में प्रवेश पर रोक के बावजूद भगवान शिव के अति प्रिय सावन महीने में रोजाना हजारों लोग मंदिर की चौखट पर माथा टेकने पहुंचते रहे। इस दफा कोरोना नियमों को मानकर सावन महोत्सव मनाया जा रहा है।

300 साल से जारी है क्रम

इसे बाबा भूतनाथ की कृपा से कम नहीं कहा जा सकता, कि मंदिर के स्थापना काल (सवा 300 साल पहले) से अभी तक मंगला आरती (सुबह 4 बजे) और संध्या आरती (शाम साढ़े 6 बजे) की ज्योत चिता की आग से प्रज्वलित हो रही है।

बाबा की आरती के वक्त पुजारी को कोई न कोई जलती चिता अवश्य मिल जाती है, जिसकी लकड़ी से दीपक की ज्योत जलाई जाती है। इतने लंबे इतिहास में एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि आरती के वक्त किसी की चिता न जल रही हो।

चांदी की दीवार

अपने किसी मनोरथ के पूर्ण होने पर स्वेच्छा से मंदिर में श्रृंगार या विशेष पूजा के लिए भी भक्तों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। भक्तों में बाबा के प्रति विश्वास इस बात से पुख्ता होता है कि लाखों खर्च कर मंदिर परिसर की पूरी दीवार रजत (चांदी) से बनवाई गई है।

इसके अलावा नंदी, त्रिशूल, डमरू और अर्धनारीश्वर के अतिरिक्त भगवान शंकर के कई रूप चांदी के हैं, जिन्हें बारी-बारी से हर शाम सुसज्जित कर भक्तों के दर्शनार्थ शिवलिंग पर विराजित किया जाता है। इन सबसे अलग एक और बात, जो केवल भूतनाथ मंदिर में ही देखने को मिलेगी, वह यह कि सर्व भूतों के स्वामी भूतनाथ नमामि का यह मंदिर सातों दिन और चौबीसों घंटे खुला रहता है। कहते हैं कि नियमित रूप से इस मंदिर में आकर कपूर जलाने वाले और उसकी कालिख का टीका लगाने वाले भक्तों की बाबा हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। 

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Oct 17 2024, 13:41

न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को दिया बड़ा झटका, पहले 10 ओवर में गिरे 3 विकेट 

बेंगलुरू टेस्ट के दूसरे दिन बारिश रुकी तो खेल शुरू हुआ और लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने खतरनाक गेंदों की बरसात कर दी. न्यूजीलैंड ने पहले 10 ओवर इतने बेहतरीन फेंके कि टीम इंडिया का बुरा हाल हो गया और उसके फैंस को 18 साल बाद ऐसा दिन देखना पड़ा.

 टीम इंडिया ने बेंगलुरू टेस्ट के पहले 10 ओवर में सिर्फ 12 रन बनाए और उसके 3 विकेट भी गिर गए. ये टीम इंडिया का पिछले 18 सालों में अपने घर पर पहले 10 ओवर में सबसे कम स्कोर है. इससे पहले साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में पहले 10 ओवर में 10 रन ही बनाए थे और उसका एक विकेट गिरा था. मतलब पिछले 23 सालों में टीम इंडिया के साथ अपने घर पर दूसरी बार इतना बुरा हाल हुआ है.

टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर ढेर

बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में पहले 10 ओवर में ही टीम इंडिया के तीन टॉप बल्लेबाज आउट हो गए. सबसे पहले कप्तान रोहित शर्मा का विकेट निकला. वो 2 रन बनाकर टिम साउदी की गेंद पर बोल्ड हुए. इसके बाद विराट कोहली ने विलियम ओरौर्के को अपना विकेट दिया. विराट तो खाता भी नहीं खोल पाए. इसके बाद सरफराज खान का भी यही हाल हुआ. ईरानी कप में दोहरा शतक जमाने वाले सरफराज खान तीसरी गेंद पर खाता खोले बिना आउट हो गए. उनका विकेट मैट हैनरी ने झटका.

टीम इंडिया का इतना बुरा हाल कैसे हुआ?
अब सवाल ये है कि टीम इंडिया का इतना बुरा हाल कैसे हुआ? क्या भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेले या न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कमाल गेंदबाजी की. वैसे सच बात ये है कि इसमें पिच का बेहद अहम रोल रहा . बेंगलुरु में पिछले दो दिन से बारिश हो रही थी और पिच को कवर्स से ढका गया था. इसके बावजूद टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी. पिच की नमी से गेंदबाजों को फायदा मिला और उन्हें एक्स्ट्रा बाउंस हासिल हुआ. इसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने अपनी लेंग्थ एडजस्ट कर टीम इंडिया पर शॉर्ट बॉल से हमला किया और नतीजा न्यूजीलैंड ने टॉप ऑर्डर को धराशायी कर दिया. 

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Oct 17 2024, 13:26

15000 फीट की ऊंचाई पर मुख्य चुनाव आयुक्त रात भर फंसे रहे, खाली घर का ताला तुड़वाया गया, लकड़ियां जलाकर बिताई रात





डेस्क: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को गुरुवार सुबह रेस्क्यू करके मुनस्यारी तहसील मुख्यालय लाया गया। वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। बुधवार को खराब मौसम के चलते उनके हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने में परेशानी आ रही थी। इसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। रात भर वह रालम गांव में रुके। इस दौरान गांव के एक घर का ताला तोड़ा गया। घर का मालिक कहीं बाहर पलायन कर चुका है। इसी घर में लकड़ियां जलाकर राजीव कुमार और हेलीकॉप्टर में मौजूद अन्य लोग बैठे रहे।

सुबह तीन बजे पास के गांव से ग्रामीणों की टीम रालम पहुंची और सुबह चार बजे तक आईटीबीपी की टीम भी मौके पर पहुंच गई। रालम गांव 15000 फीट की ऊंचाई पर है। इस वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं। हालांकि, सुबह उसी हेलीकॉप्टर से मुख्य चुनाव आयुक्त सहित अन्य लोगों को मुन्सियारी लाया गया।

बुधवार दोपहर देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। खराब मौसम के चलते उनके हेलीकॉप्टर को मुनस्यारी के रालम में उतारा गया था। उनके साथ राज्य के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे भी मौजूद थे। यह हेलीकॉप्टर पिथौरागढ़ से मिलम की ओर जा रहा था। फिर मिलम से नंदा देवी बेस कैम्प ट्रैकिंग के लिए जाने का प्लान था। इस बीच खराब मौसम के कारण दोपहर 1 बजे यह घटना हुई। 

राजीव कुमार देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। उन्होंने 15 मई 2022 को पदभार ग्रहण किया था और 18 फरवरी 2025 तक इस पद पर रहेंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारी राजीव कुमार ने अपने लंबे प्रशासनिक करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में 36 साल तक काम किया। 

केंद्र के कई मंत्रालयों के अलावा उन्होंने अपने बिहार-झारखंड कैडर में भी लंबे समय तक सेवाएं दीं। राजीव कुमार बीएससी के साथ एलएलबी, पीजीडीएम और लोक नीति से एमए भी किया है। कुमार के कार्यकाल में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के अलावा 2024 के लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनाव हुए।