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Mar 04 2025, 13:01

13,500 करोड़ का एमओयू करने वाला ठेकेदार निकला ठग, ईडी ने एयरपोर्ट से दबोचा 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाने का जिम्मा लेने को आगे आई कंपनी व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और व्यूनाउ इंफ्राटेक फर्जी निकली। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने कागजों में फर्जीवाड़ा कर अफसरों की आंखों में धूल झोंक एमओयू की चाल चली। शीर्ष अधिकारियों ने कंपनी की कुंडली नहीं खंगाली। इसी एमओयू की आड़ में मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरोर ने अपनी टीम के साथ 3558 करोड़ निवेशकों से बटोर लिए। विदेश भागने से पहले ईडी ने उसे पत्नी सहित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया।

कंपनियों का इतिहास और हकीकत जांचने के स्पष्ट निर्देश

बता दें कि निवेश के मामले में भी सरकार ने गलतियां रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति को लागू किया था और उसके आधार पर ही निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी जा रही है। इसके मद्देनजर ही उच्चस्तर से वैश्विक निवेशक सम्मेलन में निवेश का समझौता करने वाली सभी कंपनियों का इतिहास और हकीकत जांचने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। परीक्षण में संदिग्ध पाई जाने की स्थिति में कंपनियों द्वारा किए गए एमओयू को रोकने या रद्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं। लेकिन डाटा सेंटर के लेकर किए गए एमओयू में अधिकारी गच्चा खा गए। 20 नवंबर 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में व्यूनाउ के एमडी और मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरोर ने एमओयू किया था। 

बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की तैयारी थी

13,500 करोड़ रुपये के एमओयू के तहत व्यूनाउ इंफोटेक को प्रदेश के सभी जनपदों में डाटा सेंटर स्थापित करना था। मुख्य सचिव ने कहा था कि एमओयू के बाद प्रदेश में एज सेंटर का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क स्थापित होगा। इन्हीं डाटा सेंटरों की मदद से भविष्य में 5जी नेटवर्क, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की तैयारी थी।

निवेशकों को एमओयू की आड़ में फंसाया

एमओयू के दौरान मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह ने बताया था कि उनकी कंपनी राज्य के सभी 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाएगी। राज्य सरकार के साथ इस एमओयू को उसने जमकर भुनाया। इसकी आड़ में उसने ''क्लाउड पार्टिकल घोटाला’ कर दिया। निवेशकों को फर्जी ''सेल एंड लीज-बैक'' मॉडल के जरिए फंसाया गया। इसके तहत डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता को छोटे-छोटे हिस्सों में लीज पर देने का आफर दिया। दांव काम आ गया और बाजार से हजारों करोड़ रुपये निवेश के रूप में आ गए। सुखविंदर ने उस रकम से डाटा सेंटर लगाने के बजाय विदेशों में भेजा। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के बाद अपनी जांच शुरू की। 
 
कागजों में बढ़ा चढ़ा कर कंपनी की हैसियत दिखाई

ईडी की जांच में सामने आया कि व्यूनाउ ग्रुप के संस्थापक सुखविंदर सिंह खरूर ने क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी के नाम पर निवेशकों से भारी रकम जुटाई। फिर इसे निवेशकों को गुमराह करने के लिए कागजों में बढ़ा चढ़ा कर कंपनी की हैसियत दिखाई। डाटा सेंटरों की अलग-अलग जिलों में लगाने की फर्जी सूचनाएं दीं और 3,558 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से ऐंठ ली। रविवार को सुखविंदर अपनी पत्नी डिंपर खरोर के साथ विदेश भागने की फिराक में था लेकिन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। 

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Mar 04 2025, 13:01

गोरखपुर की बेटी निहारिका को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्नेहिल आशीर्वाद – प्रतिभा

गोरखपुर। भारत के गौरवशाली भविष्य की आधारशिला रखने वाले इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर ( आईआईएसी ) के भव्य कोलोकियम में एक ऐतिहासिक क्षण तब साकार हुआ जब देश के उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने गोरखपुर की प्रतिभाशाली बेटी निहारिका से हाथ मिलाया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। यह केवल एक साधारण भेंट नहीं थी, बल्कि यह भारत के युवा प्रतिभाओं के सम्मान और स्वीकृति का एक गौरवशाली प्रतीक था। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आईआईएसी के चेयरमैन, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हेमंत गुप्ता भी मंच पर उपस्थित थे, जिन्होंने देश में आर्बिट्रेशन और वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली को नई दिशा देने पर विचार साझा किए।

निहारिका: संकल्प, साधना और सफलता की त्रिवेणी

गोरखपुर की पावन धरा, जो साहित्य, शिक्षा, संस्कृति और अध्यात्म की अमूल्य धरोहर रही है, ने निहारिका जैसी मेधावी संतान को जन्म दिया, जिसने अपनी लगन, परिश्रम और ज्ञान के बल पर न केवल अपने परिवार और नगर बल्कि संपूर्ण देश का नाम रोशन किया है।

गोरखपुर के प्रतिष्ठित कार्मल गर्ल्स इंटर कॉलेज से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत, निहारिका ने अपनी अद्भुत मेधा और प्रखर बुद्धि के बल पर बीटेक (सिविल) की उपाधि जेएसएस नोएडा से प्राप्त की। सिविल इंजीनियरिंग, जो किसी भी राष्ट्र की अधोसंरचना और प्रगति की नींव होती है, उसमें उत्कृष्टता हासिल करना यह सिद्ध करता है कि निहारिका न केवल तकनीकी दक्षता में निपुण हैं, बल्कि उनके भीतर राष्ट्र निर्माण की भावना भी समाहित है। उनकी सोच, उनके विचार और उनके कार्य, समाज के विकास और प्रगति के प्रति उनकी गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

माता-पिता: निहारिका की सफलता के प्रेरणा स्तंभ

किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और उसके अभिभावकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। निहारिका अपनी इस उपलब्धि का संपूर्ण श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनके पिता, वरिष्ठ पत्रकार श्री पीपीएन उपाध्याय जी और माता श्रीमती सीमा उपाध्याय जी, उनके लिए केवल माता-पिता नहीं, बल्कि जीवन के मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी हैं।

श्री पीपीएन उपाध्याय जी, जिन्होंने पत्रकारिता जगत में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और निर्भीकता के नए प्रतिमान स्थापित किए, उनके विचारों और सिद्धांतों ने निहारिका को न्याय और कर्तव्यपरायणता का पाठ पढ़ाया। वहीं, उनकी माता श्रीमती सीमा उपाध्याय जी ने उन्हें संस्कार, आत्मविश्वास और धैर्य का पाठ पढ़ाकर एक सशक्त और आत्मनिर्भर व्यक्तित्व प्रदान किया। माता-पिता के आशीर्वाद और शिक्षाओं का ही परिणाम है कि निहारिका आज देश के शीर्ष मंचों पर अपनी पहचान बना रही हैं।

गोरखपुर: एक ऐतिहासिक नगर, जो मेधा और मेधा-सृजन का केंद्र है

गोरखपुर केवल एक नगर नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, साहित्य, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण की संजीवनी भूमि है। यह वही भूमि है जिसने महात्मा बुद्ध को ज्ञान दिया, गोरखनाथ को तपस्या का स्थान दिया, फिराक गोरखपुरी को साहित्य में विशिष्ट पहचान दी और अनगिनत शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, समाजसेवियों और पत्रकारों को जन्म दिया।

इस पुण्यभूमि की माटी में जन्मी निहारिका ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर संकल्प अडिग हो और मार्गदर्शन सही हो, तो भारत के छोटे शहरों के युवा भी विश्व मंच पर अपनी चमक बिखेर सकते हैं। उपराष्ट्रपति द्वारा निहारिका से की गई भेंट इस बात का प्रमाण है कि देश की युवा शक्ति अब केवल परिधि में सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रही है।

गौरवमयी क्षण: जब उपराष्ट्रपति ने निहारिका को सराहा

यह क्षण केवल निहारिका के लिए ही नहीं, बल्कि गोरखपुर और संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए गौरवशाली था, जब देश के उपराष्ट्रपति ने उनके कार्यों को मान्यता दी। इस भेंट ने यह सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा किसी क्षेत्र, परिवार, वर्ग या परिस्थिति की मोहताज नहीं होती। जिनमें आत्मविश्वास, मेहनत और ईमानदारी होती है, वे अपनी पहचान स्वयं बना लेते हैं।

निहारिका का भविष्य: संभावनाओं का असीम विस्तार

यह उपलब्धि निहारिका के लिए मात्र एक पड़ाव नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। उनके ज्ञान, दृष्टिकोण और नवोन्मेषी सोच ने यह सिद्ध कर दिया कि वे आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं। तकनीकी दक्षता के साथ-साथ उनकी नेतृत्व क्षमता और विचारशीलता उन्हें वैश्विक स्तर पर भी प्रतिष्ठा दिलाएगी।

युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

निहारिका की यह सफलता संपूर्ण गोरखपुर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। यह संदेश देती है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मार्गदर्शन सही मिले, तो कोई भी कठिनाई सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती। उनकी यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि सच्ची लगन और आत्मविश्वास के साथ कोई भी व्यक्ति असाधारण ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।

निहारिका को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ

निहारिका की यह सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक संकेत है भारत की नारी शक्ति के उत्थान का, एक प्रतीक है भारतीय युवाओं की सृजनात्मक क्षमता का और एक प्रेरणा है उन सभी के लिए, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए तत्पर हैं। 

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Mar 04 2025, 10:10

vip train लखनऊ मेल से सफर कर रहे विधायक अतुल प्रधान का बैग चोरी 



लखनऊ ।रेल प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर भले ही बड़े बड़े दावे करता फिर रहा हो लेकिन जमीन स्तर पर स्थिति बिल्कुल अलग है। कहते नहीं है कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के लिए कुछ और है। इसी का परिणाम है कि वीआईपी ट्रेन लखनऊ मेल से सपा विधायक अतुल प्रधान का बैग चोरों ने पार कर दिया और किसी को भनक तक भी नहीं लगी है। बैग चोरी होने पर विधायक ने रेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए चारबाग जीआरपी में तहरीर दी है। 

ट्रेनों में फर्स्ट एसी में भी सफर सुरिक्षत नहीं  

बता दें कि अतुल प्रधान मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने बताया कि दो मार्च को लखनऊ मेल (12230) की फर्स्ट एसी बोगी एच-1 की सीट संख्या ए-4 पर यात्रा कर रहे थे। उन्हें हापुड़ से लखनऊ आना था। इस दौरान उनका काले रंग का बैग चोरी हो गया। इसमें जरूरी दस्तावेज थे। उन्होंने कहा कि स्लीपर बोगियों से चोरी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, लेकिन अब तो फर्स्ट एसी में भी सफर सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसे में डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा को मामले में हस्तक्षेप कर यात्रियों व उनके सामान की सुरक्षा की व्यवस्था पुख्ता करनी चाहिए।

जनरल ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे 

यह तो बात वीआईपी ट्रेनों का है। बिना वीआईपी ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था तो राम भरोसे है, क्योंकि जनरल ट्रेनों पर सफर करते समय अक्सर देखा जा सकता है कि किस तरह से किन्नरों व चना, चाय, मूंगफली बेचने वाले वेंडरों का कब्जा रहा है। ऐसे में ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अगर खुद दिन रात जागकर अपने सामानों की सुरक्षा न करें तो फिर उसे गायब होने से कोई रोक नहीं सकता। ट्रेनों में किन्नरों ने तो यात्रियों का सफर करना मुहाल कर दिया है। रेलवे प्रशासन द्वारा इन पर लगाम नहीं लग पा रहा है। इन्हीं सब लापरवाही की वजह से ट्रेनों में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। 

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Mar 03 2025, 15:41

सोनभद्र अनपरा के औड़ी में तेज़ रफ्तार ट्रेलर 15 फीट नीचे घर में घुसा , बाल-बाल बचे लोग

विकास कुमार अग्रहरी 

सोनभद्र। अनपरा के औड़ी में देर रात तेज़ रफ्तार का कहर देखने को मिला। सिंगरौली से औड़ी की ओर जा रहा एक तेज़ रफ्तार खाली ट्रेलर वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित एक मकान में जा घुसा। इस घटना में मकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन मकान में सो रहे लोग बाल-बाल बच गए।

घटना का विवरण
घटना देर रात हुई जब सभी लोग गहरी नींद में थे।अनपरा थाना क्षेत्र के औड़ी मोड़ के पास नरोत्तम माहोर का मकान है, जहाँ वे अपने परिवार के साथ रहते हैं। तेज़ रफ्तार ट्रेलर वाहन मुख्य मार्ग से 15 फीट नीचे उतरकर नरोत्तम माहोर के मकान परिसर में घुस गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद मकान मालिक नरोत्तम माहोर ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस की कार्रवाई:
  सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।यह घटना औड़ी-सिंगरौली मुख्य मार्ग पर हुई।

स्थानीय लोगों में दहशत:
इस घटना से मकान में मौजूद लोगों के होश उड़ गए। घटना ने लोगों को दहशत में ला दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही से हमेशा खतरा बना रहता है। 

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Mar 03 2025, 09:42

बुजुर्ग महिला को छोड़कर डेढ़ महीने से गायब बेटों को  पुलिस ने बुजुर्ग मां से मिलवाया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला का अस्पताल में आंख का ऑपरेशन कराने के बाद उसके दोनों बेटे फरार हो गये। करीब डेढ़ महीने तक बुजुर्ग महिला दोनों बेटों का इंतजार करतीं रही और अंत में जब नहीं आये तो रविवार को हजरतगंज पुलिस की मदद मांगी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों बेटों को बुलवाया उनके साथ बुजुर्ग मां को घर भेजवा दिया। इतना ही नहीं दोनों बेटों को पुलिस द्वारा चेतावनी भी दी गई कि अगर ध्यान नहीं रखा गया तो खैर नहीं है। 

आंख का ऑपरेशन कराने अस्पताल लेकर आये थे दोनों बेटे 

बता दें कि दो मार्च को कोतवाली हजरतगंज में एक बुजुर्ग महिला ने पुलिस से मदद की आस लेकर पहुंची।जानकारी करने पर वृद्ध महिला उम्र करीब 65 वर्ष जो विगत डेढ़ महीने से सिविल अस्पताल मे लावारिस हालत में भर्ती थीं।उपरोक्त बुजुर्ग महिला ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले उनकी आँखों का इलाज कराने के लिए उनका बेटा उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करा कर चला गया था लेकिन 2 दिन इलाज होने के बाद वो ठीक भी हो गयी लेकिन तब से उन्हें कोई लेने नहीं आया न ही वो अपने घर जा पा रही थीं। क्योंकि वो अपने घर का पता नहीं जानती थीं, उन्हें कोई न रास्ता दिख पाने पर लखनऊ पुलिस की मदद को सोची और स्थानीय हज़रतगंज पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

हर पंद्रह दिन में हाल चाल बताने की दी हिदायत 

थाना प्रभारी हज़रतगंज विक्रम सिंह ने महिला पुलिसकर्मियों को बुलाकर मामले में पूछताछ कर जांच पड़ताल शुरू की तो फ़ौरी सूचना पर वृद्ध महिला के दोनों पुत्रो को संपर्क कर थाने बुलाया गया। तथा उपरोक्त महिला बुजुर्ग को उनके दोनों बेटों की सुपुर्दगी में दिया गया। तथा आवश्यक हिदायत दिया गया कि वह अपनी माता जी की देख रेख करते हुए प्रत्येक 15 दिवस में कुशलता के सम्बन्ध में थाना स्थानीय को अवगत करायेंगे । बुजुर्ग महिला उपरोक्त को उनके पुत्रों के साथ सकुशल रवाना किया गया। बुजुर्ग महिला बेटों से मिलने के बाद पुलिस को खूब आशीर्वाद दी। 

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Mar 03 2025, 09:41

ठाकुरगंज पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल, लावारिस बुजुर्ग का कराया अंतिम संस्कार 

लखनऊ । राजधानी की ठाकुरगंज पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक अज्ञात बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराया। फुटपाथ पर रहने वाले 80 वर्षीय बुजुर्ग की रविवार को अचानक मौत हो गई। बुजुर्ग का कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं दिखा तो स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर शव के अंतिम संस्कार करने का जिम्मा उठाया। पुलिस ने पूरे विधि विधान के साथ गुलाला घाट पर अंतिम संसकार करवाया गया। पुलिस की इस पहल का क्षेत्र वासियों ने प्रशंसा की। 

फरीदीपुर मोड़ पर फुटपाथ पर अकेले रह रहा था बुजुर्ग 

ठाकुरगंज थाने की पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला। फरीदीपुर में फुटपाथ पर रह रहे बुजुर्ग की रविवार को मौत हो गई। ठाकुरगंज पुलिस ने गुलाला घाट पर लावारिस शव का अंतिम संस्कार करवाया। प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज श्रीकांत राय के मुताबिक रविवार को सूचना मिली कि फरीदीपुर मोड़ पर गोलू गुप्ता की दुकान के सामने फुटपाथ पर रहने वाले 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है।

बुजुर्ग काफी समय से चल रहा था बीमार 

 वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह काफी समय से अकेले फुटपाथ पर ही रह रहे थे। सूचना पर चौकी प्रभारी भूहर शुभम त्यागी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों द्वारा अंतिम संस्कार करने पर असमर्थता जताने पर पुलिसकर्मियों द्वारा गुलाला घाट पर पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया। इससे पहले भी ठाकुरगंज पुलिस इस तरह का कार्य कर चुकी है। 

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Mar 02 2025, 19:25

जबड़े की चोट में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोप बचा सकता है जान : डॉ प्रेमराज सिंह



 राम आशीष गोस्वामी 

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग ने एयरवे मैनेजमेंट फाउंडेशन के सहयोग से एएमएफ एयरवे कार्यशाला 2025 का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने आपातकालीन स्थितियों में सांस का प्रबंधन करने की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की।
सांस का मार्ग (एयरवे) जीवन रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि दुर्घटनाओं और जटिल चिकित्सा स्थितियों में उचित एयरवे प्रबंधन से रोगियों की जान बचाई जा सकती है। विशेष रूप से जबड़े की चोट वाले मरीजों में पारंपरिक नली डालने की प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है। ऐसे मामलों में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी एक प्रभावी समाधान साबित हो सकता है, जिसमें नाक के माध्यम से एक पतली नली डाली जाती है और कैमरे की सहायता से मॉनिटर पर पूरा मार्ग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि वीडियो लैरिंगोस्कोप की मदद से एयरवे को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिससे तरल पदार्थ, रक्त के थक्के या अन्य रुकावटों को आसानी से हटाया जा सकता है। वहीं, हाई प्रेशर जेट वेंटिलेशन तकनीक गंभीर रोगियों के मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी से होने वाले नुकसान से बचाने में मददगार होती है।

- एयरवे मैनेजमेंट में आने वाली चुनौतियाँ

नली डालने की प्रक्रिया के दौरान रक्तस्राव, दांतों के टूटने जैसी जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ स्थितियों में नली निकालना भी जोखिम भरा हो सकता है, जैसे: अत्यधिक मोटे मरीज, छोटी गर्दन वाले लोग, छोटे बच्चे और कैंसर रोगी या जिनकी गर्दन की सर्जरी हो चुकी हो। इन परिस्थितियों में नली से निकला पदार्थ सांस नली में प्रवेश कर सकता है, जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं।

- कार्यशाला में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की भागीदारी

कार्यशाला का उद्घाटन केजीएमयू की कुलपति सोनिया नित्यानंद ने किया। इस अवसर पर डीन-अकादमिक्स प्रो. अमिता जैन, एएमएफ़ के निदेशक डॉ. राकेश कुमार, एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डॉ. मोनिका कोहली, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. पी. के. दास, प्रो. ममता हरजाई, आयोजन सचिव डॉ. प्रेमराज सिंह और कई प्रतिष्ठित डॉक्टर एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. राकेश कुमार ने किया, जिनके साथ एम्स पीजीआई  चंडीगढ़, बीएचयू , दिल्ली, जम्मू और देहरादून के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। प्रमुख प्रशिक्षकों में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शक्ति दत्त शर्मा, डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. रेनू वाखलू, डॉ. रंजू सिंह, डॉ. नीरू गुप्ता कुमार, डॉ. भावना सक्सेना, डॉ. वीणा अस्थाना, डॉ. कविता मीना और डॉ. रीना शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों का सुलभ और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। 

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Mar 02 2025, 19:24

कोटवा-सिरसी रोड, मिर्जापुर पर तेज़ रफ्तार से सड़क हादसों में हो रही वन्यजीवों की मौत

मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश – मिर्जापुर के कोटवा सिरसी रोड पर तेज़ रफ्तार से वाहन चलाने के कारण वन्यजीवों की मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें लकड़बग्घा और रस्टी स्पॉटेड बिल्ली जैसे दुर्लभ प्रजातियों का भी शिकार हो रहे हैं। यह दुखद घटनाएं वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं और यह दर्शाती हैं कि इस क्षेत्र में बेहतर सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता की आवश्यकता है।

कोटवा सिरसी रोड, जो ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरता है, वन्यजीवों के लिए एक ख़तरनाक रास्ता बन गया है। इस क्षेत्र में कई तरह के वन्यजीव रहते हैं, जिनमें से कुछ प्रजातियां अत्यधिक संकटग्रस्त हैं। घने जंगलों से घिरा यह मार्ग वन्यजीवों के लिए भोजन और आवागमन का अहम स्थान है, लेकिन तेज़ गति से गुजरने वाली गाड़ियां इन जीवों के लिए खतरा बन रही हैं।

हाल ही में एक लकड़बग्घे की मौत की घटना ने इस समस्या को और अधिक उजागर किया। यह जानवर, जो ज्यादातर रात में सक्रिय रहता है, तेज़ रफ्तार से वाहन द्वारा मारा गया। स्ट्राइप्ड हाईना जो पहले से ही भारत में संकटग्रस्त हैं, उनके जीवित रहने के लिए यह हादसा और भी बड़ा खतरा बन गया है। उनकी संख्या पहले ही उनके आवासों के नष्ट होने और शिकार के कारण घट रही है। सड़क पर होने वाली इस तरह की घटनाएं उनकी आबादी के लिए बेहद हानिकारक हैं।

इसी तरह, रस्टी पोटेड बिल्ली की स्थिति भी गंभीर है। यह बिल्ली दुनिया की सबसे छोटी वन्य बिल्लियों में से एक है और अब संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है। कोटवा सिरसी रोड के आसपास की जंगली जगहों पर यह बिल्ली निवास करती है, लेकिन वाहन की तेज़ रफ्तार के कारण इन बिल्लियों के लिए सड़क पार करना और भी मुश्किल हो गया है। इन बिल्लियों की छोटी आकार और घने जंगलों के पास रहने की आदतें उन्हें गाड़ियों के लिए आसान शिकार बना देती हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षणकर्ताओं ने मिर्जापुर और आसपास के क्षेत्रों में सड़क पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंता जताई है। "यह एक दुखद उदाहरण है कि कैसे मानवीय गतिविधि, विशेष रूप से तेज़ रफ्तार, हमारे वन्यजीवों को विलुप्ति की ओर धकेल रही है। "यह जरूरी है कि सड़क सुरक्षा के लिए वन्यजीवों के अनुकूल उपाय लागू किए जाएं, जैसे स्पीड ब्रेकर, वन्यजीव क्रॉसिंग और बेहतर साइनबोर्ड्स ताकि इन दुर्घटनाओं को रोका जा सके।"

स्थानीय निवासियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और कई लोगों ने सड़क पर गति सीमा को सख्ती से लागू करने और जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है। हम अपने वन्यजीवों से बहुत प्यार करते हैं, और यह देखना बेहद दुखद है कि मानवीय लापरवाही के कारण ये जीव मर रहे हैं।

जैसे-जैसे इस मुद्दे को हल करने के प्रयास जारी हैं, वन्यजीव संगठन और स्थानीय समुदाय उत्तर प्रदेश वन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए रणनीतियाँ लागू करने का अनुरोध कर रहे हैं। उम्मीद है कि सहयोग और जागरूकता के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि लकड़बग्घा और रस्टी स्पॉटेड कैट जैसी प्रजातियां अपने प्राकृतिक आवासों में स्वतंत्र रूप से रह सकें।

जब तक ऐसे उपाय लागू नहीं होते, मिर्जापुर के वन्यजीवों का भविष्य संकट में है, और कोटवा सिरसी रोड पर तेज़ रफ्तार से चलने वाली गाड़ियां भारत की कुछ दुर्लभ और खूबसूरत प्रजातियों के अस्तित्व के लिए खतरा बनी हुई हैं। 

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Mar 02 2025, 19:23

जन जागरण कार्यक्रम का आयोजन कर संगठन विस्तार पर दिया बल

संभल । भारतीय किसान यूनियन (बी आर एस एस) द्वारा ग्राम - रुदायन, तहसील बिल्सी, जनपद बदायूं में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में संगठन विस्तार को लेकर जन जागरण बैठक का आयोजन किया गया । संगठन विस्तार में कार्यकारिणी द्वारा हेमेन्द्र कुमार शर्मा को युवा जिला प्रभारी बदायूं एवं चौधरी कृष्ण पाल सिंह ग्राम - रामनगर सैदपुर तहसील बिसौली जनपद बदायूं को तहसील महासचिव बिसौली नियुक्त किया गया ।

जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने नवनियुक्त पदाधिकारियो को बधाई देकर आभार व्यक्त किया ।मुख्य रूप से युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, जिला महासचिव ठाकुर अनमोल कुमार, अमरीश कुमार शर्मा, वीरेश शास्त्री, चौधरी ओमवीर सिंह आदि उपस्थित रहे । 

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Mar 02 2025, 15:34

सनातन धर्म का परचम लहराए का संकल्प लेकर नगर में झांकियो के साथ निकली शोभायात्रा
 
फर्रुखाबाद। सनातन धर्म का आदेश अधिक प्रचार हो इसी परचम को लेकर शहर के नितगंजा मोहल्ला स्थित शिव मंदिर से शोभा यात्रा प्रारंभ होकर चौक से स्टेट बैंक पांडेश्वर नाथ मंदिर, रेलवे रोड होते हुए मुरास कन्हैया से बाबा नीम करोरी धाम तक जाएगी यात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों ने पुष्प बरसा की और शोभायात्रा में पैदल चल रहे गौरव मिश्रा ने कहा कि भक्तों का स्वागत सत्कार किया गया। यात्रा में सैकड़ो भक्तों के साथ चलने को लेकर कहा कि यह तो सनातन धर्म के लोगों के लिए बहुत ही अच्छी बात है।
यह ध्वज यात्रा शहर में घूमते हुए जसमई दरवाजा से मुरहास कन्हैया से बाबा नीम करोरी धाम पर पहुंच कर समापन हुआ। इस ध्वज यात्रा के व्यवस्थापक रत्नेश मिश्रा आशीष मिश्रा गौरव मिश्रा पंकज दुबे शिवम मिश्रा सांसद प्रतिनिधि गौरव बाजपेई राम तीरथ गुप्ता और समस्त भक्तगण इस ध्वज यात्रा में सम्मिलित हुए हैं।