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Feb 04 2025, 12:44

दो डंपर की आमने-सामने जोरदार भिड़ंत के बाद लगी आग, तीन जिंदा जले

लखनऊ । यूपी के हमीरपुर में भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां पर कानपुर सागर हाईवे पर दो डंपर की आमने-सामने जोरदार भिड़ंत हो गई और देखते ही देखते दोनों आग का गोला बन गए। घटना में तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि दोनों के खलासी गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनको मौदहा सीएचसी में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद हाइवे पर दोनों ओर 15 किमी लंबा जाम लग गया। शवों को पुलिस ने कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

कबरई से गिट्टी लेकर जा रहा दूसरा ट्रक सामने से टकरा गया

मौदहा कोतवाली के इंस्पेक्टर उमेश सिंह ने मंगलवार को बताया कि जिला सीतापुर के थानाक्षेत्र सिंधौली के ग्राम रेवरीपुरवा निवासी पंकज , हसनापुर थाना क्षेत्र के मानपुर निवासी हेल्पर अनिल के साथ कानपुर की ओर से महोबा गिट्टी लेने जा रहा था। उसमें चालक का साला थाना लहपुर के गांव कुंभारनपुरवा निवासी कपिल समेत एक अन्य व्यक्ति सवार था। छिरका गांव के पास कबरई से गिट्टी लेकर जा रहा दूसरा ट्रक सामने से टकरा गया।

उलरापुर गांव निवासी कुंवर राजपूत घायल हो गए

ट्रक में सवार उन्नाव जनपद के थाना हसनगंज के नेवलगंज गांव निवासी चालक विकास यादव व हेल्पर हसनगंज थानाक्षेत्र के उलरापुर गांव निवासी कुंवर राजपूत घायल हो गए। दोनों ट्रकों में सवार लोग केबिन में फंस गए। तेज धमाके के साथ टकराने से दोनों ट्रकों में आग लग गई। हादसे में पंकज उसका साला कपिल व दूसरे ट्रक के खलासी कुंवर राजपूत की जिंदा जलने से मौत हो गई। जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस व फायर बिग्रेड की टीम पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पाेस्टमार्टम को भेज दिया है।

मप्र सीमा पर यात्री बस पलटी, छह सवारियां घायल

झांसी- मऊरानीपुर राजमार्ग पर मध्य प्रदेश सीमा के समीप यात्री बस राहगीरों को बचाने के चक्कर में सड़क किनारे पलट गई। जिससे बस में सवार आधा दर्जन लोग घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने त्वरित कार्यवाही कर सभी को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया।

मध्य प्रदेश के बॉर्डर के नाराई चौकी पहुंची

मंगलवार की सुबह तड़के झांसी से मऊरानीपुर की ओर जा रही बस एमपी 36 पी 0249 जैसे ही झांसी के सदर बाजार थाना क्षेत्र स्थित भगवंतपुरा से निकलकर मध्य प्रदेश के बॉर्डर के नाराई चौकी पहुंची। तभी सामने से आ रहे राहगीरों को बचाने के प्रयास में मोड़ पर ही बस पलट कर खाई में जा गिरी। जिससे बस में सवार धन्नू, पार्वती, बसंती, कुसुम निवासी मध्य प्रदेश के लिधौरा जिला टीकमगढ़ ओर मोहन तथा सपना निवासी जतारा घायल हो गए। 

सभी का इलाज करवा दिया गया

सूचना मिलते ही सदर बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और त्वरित कार्यवाही करते हुए घायलों को पास के अस्पताल भिजवा कर उपचार कराया।सदर बाजार थाना प्रभारी निरीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 लोगों को हल्की चोट आई है। सभी का इलाज करवा दिया गया है। कोई जनहानि नहीं हुई है। 

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Feb 04 2025, 10:55

महाकुम्भ में उमड़ा जनसैलाब, स्नानार्थियों की संख्या 35 करोड़ के पार

महाकुम्भ नगर । मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर महाकुम्भ में अब तक स्नानार्थियों की संख्या ने 35 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। सोमवार को सुबह 8 बजे तक 62.25 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई। इसके साथ ही महाकुम्भ में स्नानार्थियों की कुल संख्या 35 करोड़ के पार हो गई। अभी महाकुम्भ को 23 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50 करोड़ के ऊपर जा सकती है। 

महाकुम्भ में देखने को मिल रही विविध संस्कृतियों की झलक 

प्रयागराज में श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर भी सुबह से ही करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम स्नान को पहुंचे। रविवार 2 फरवरी को करीब 1.20 करोड़ ने स्नान किया था, जिसके बाद कुल स्नानार्थियों की संख्या 35 करोड़ के करीब पहुंच गई थी, जिसने सोमवार सुबह यह आंकड़ा पार कर लिया। स्नानार्थियों में 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। 

स्नान पर्व पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ 

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई।

चौकस रही सुरक्षा व्यवस्था, फील्ड पर डटे रहे अफसर

महाकुम्भ प्रयाग की पावन भूमि पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य उत्सव बसंत पंचमी पर सोमवार को  गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पवित्र पावन संगम में सुनहरे मौसम के मध्य करोडों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। इस दौरान महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों एवं साधु-संत-महात्माओं व कल्पवासियों के सुगम आवागमन व सुरक्षित स्नान हेतु व्यापक पुलिस प्रबन्ध किये गये।

बम निरोधक दस्ता की टीमें व्यवस्थापित कर सतर्क दृष्टि रखी

 सुरक्षा के दृष्टिगत सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों के महत्वपूर्ण स्थलों, प्रत्येक चौराहे/तिराहे, पाण्टून पुलों, अखाड़ों के मार्गों एवं स्नान घाटों पर नागरिक पुलिस, यातायात पुलिस, घुड़सवार पुलिस, महिला पुलिस, अग्निशमन दल, पीएसी के जवान, एसटीएफ, एटीएस, एनएसजी के कमाण्डों, अर्धसैनिक बल, बम निरोधक दस्ता की टीमें व्यवस्थापित कर सतर्क दृष्टि रखी गई।

जवानों द्वारा निरंतर भ्रमण करते हुए सतर्क दृष्टि रखी गयी

पवित्र संगम में जल पुलिस के साथ गोताखोर/डीप डाइवर की नियुक्ति कर स्नानार्थियों/ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े प्रबन्ध किये गये। इस दौरान बसंत पंचमी पर्व पर संगम क्षेत्र व अन्य स्नान घाटों का एसडीआरएफ/एनडीआरएफ/फ्लड कम्पनी के जवानों द्वारा निरंतर भ्रमण करते हुए सतर्क दृष्टि रखी गयी। 

संगम स्नान कर कल्पवासियों ने किया सरस्वती पूजन 

पौराणिक मान्यता है बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। वर्तमान काल में तीर्थराज प्रयागराज में ही मां सरस्वती का वास है। जो अंतः सलिला रूप में गंगा, यमुना के संगम में मिल कर पवित्र त्रिवेणी बनाती हैं। बसंत पंचमी के दिन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान का विशेष महत्व है। आज के दिन कल्पवासियों विधि पूर्वक संगम स्नान कर सरस्वती पूजन किया।

10 लाख से अधिक कल्पवासियों ने किया बसंत पंचमी का स्नान 

महाकुम्भ 2025 में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में संगम तट पर कल्पवास कर रहे हैं। जो प्रतिदिन पूरे माघ मास तीनों काल नियमपूर्वक गंगा में स्नान और व्रत का पालन करते हैं। महाकुम्भ में बसंत पंचमी के स्नान विशिष्ट महत्व है। कल्पवासियों ने नियम पूर्वक मौन व्रत रख कर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान किया। महाकुम्भ के विशाल मेला क्षेत्र के अलग-अलग सेक्टरों में बसे कल्पवासी प्रातःकाल में ही पैदल चल कर संगम तट पर आते जा रहे थे। उन्होंने करोंड़ों श्रद्धालुओं और संन्यासियों के अखाड़ों के साथ अमृत स्नान किया।

अंतिम अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा, लगे जयकारे 

महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन सोमवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद नागा संन्यासियों, संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए। 

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Feb 04 2025, 10:10

बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर्व से शुरू हुई वैष्णव अखाड़ों की अद्भुत अग्नि स्नान साधना



महाकुम्भ नगर ।  महाकुंभ  त्याग और तपस्या के साथ विभिन्न साधनाओं के संकल्प का भी पर्व है । प्रयागराज महाकुम्भ साधनाओं के विविध  संकल्पों का  साक्षी बन रहा है ऐसी ही एक  साधना है पंच धूनी तपस्या जिसे अग्नि स्नान की साधना भी कहा जाता है जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर्व से हो गई ।

तपस्वी नगर में पंच धूनी तपस्या का आरंभ

कुम्भ क्षेत्र जप ,तप और साधना का क्षेत्र है जिसके हर कोने में कोई न कोई साधक अपनी साधना में  रत नज़र आएगा । महाकुम्भ के तपस्वी नगर में बसंत पंचमी से एक खास तरह की साधना का आरंभ हुआ है जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा कौतूहल है। इस साधना को पंच धूनी तपस्या कहा जाता है जिसे आम भक्त अग्नि स्नान साधना के नाम से भी जानते हैं।  इस साधना में साधक अपने चारों तरफ जलती आग के कई घेरे बनाकर उसके बीच में बैठकर अपनी साधना करता है । जिस आग की हल्की से आंच के सम्पर्क में आने से इंसान की त्वचा झुलस जाती है उससे कई गुना अधिक आंच के घेरे में बैठकर ये तपस्वी अपनी साधना करते हैं । 

वैष्णव अखाड़ों में खालसा के संतों में है साधना की यह कठिन परम्परा

 वैष्णव अखाड़े के खालसा में इस अग्नि स्नान की साधना की परम्परा है  जो बेहद त्याग  और संयम की स्थिति में पहुंचने के बाद की जाती है । श्री दिगंबर अनी अखाड़े में महंत राघव दास बताते हैं कि अग्नि साधना वैष्णव  अखाड़ों के सिरमौर अखाड़े   दिगंबर अनी अखाड़े के  अखिल भारतीय पंच तेरह भाई त्यागी खालसा के साधकों की विशेष साधना है । यह साधना अठारह वर्षो की होती है । इस अनुष्ठान को पूरा करने के पीछे न सिर्फ साधना के उद्देश्य की पूर्ति करनी होती है बल्कि साधु की क्षमता और सहनशीलता का परीक्षण भी होता है।  लगातार 18 वर्ष तक साल के 5 माह इस कठोर तप से गुजरने के बाद उस साधु को वैरागी की उपाधि मिलती है । 

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Feb 04 2025, 10:09

उत्तर प्रदेश रेलवे में 18 गुना हुआ आवंटन : अश्विनी वैष्णव 



प्रयागराज।  इस वर्ष के पारित बजट के मद्देनजर सोमवार को केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तर प्रदेश में संचालित किए जा रहे रेलवे के विभिन्न परियोजनों हेतु आवंटित बजट हिस्सेदारी पर प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि इस साल के रेलवे बजट का कुल उत्तर प्रदेश रेलवे के लिए 19858 करोड़ रुपए बजट में आवंटित किया गया है। यह  उत्तर प्रदेश के रेलवे के कायाकल्प के लिए रामबाण साबित होगा।

यूपी में रेलवे का पूर्व की सरकारों से 18 गुना ज्यादा बजट आवंटन 

गौरतलब है कि 1 फरवरी को पारित बजट में रेलवे के लिए आवंटित मौद्रिक राशि तथा विभिन्न परियोजनाओं के सिलसिले में आज केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश में रेलवे द्वारा जितनी भी योजनाएं, परियोजनाएं संचालित हो रही हैं उनके वर्तमान विकास की अवस्था एवं भविष्य की रूपरेखा पर पत्रकार  से परिचर्चा की। उन्होंने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार ने विगत 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश में रेलवे का पूर्व की सरकारों से 18 गुना ज्यादा बजट आवंटन किया  है। इनमें विभिन्न परियोजनाएं, नए स्टेशन, नए-नए ट्रैक,  ट्रैकों का मल्टी ट्रैकिंग इत्यादि समाहित है।

 रेलवे के विकास में डबल इंजन की सरकार की महती भूमिका

 उन्होंने डबल इंजन की सरकार की महत्ता को उद्घाटित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास में डबल इंजन की सरकार की महती भूमिका रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रेल के विकास में आने वाली समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ट्रैक बिछाने में चाहे वह जमीन अधिग्रहण की समस्या हो, अनुमति से संबंधित मामला हो या किसानों द्वारा जताई गई आपत्ति या कोई अन्य प्रकार की समस्या हो, इन सबके शीघ्र निस्तारण में मुख्यमंत्री की अहम भूमिका रही है। 

आज 5200 किलोमीटर ट्रैक बिछाए गए 

विकास की इसी सरपट भागती गाड़ी के कारण आज उत्तर प्रदेश में रेलवे बड़ा आकर ले चुका है। उन्होंने यूपी रेलवे के विकास का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज 5200 किलोमीटर ट्रैक बिछाए गए हैं। एक प्रदेश में इतने लंबे ट्रैकों की संख्या यूरोप के स्विट्जरलैंड अथवा बेल्जियम के कुल रेल नेटवर्क से अधिक ही है। यह माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकसित भारत के सपनों को हकीकत में परिवर्तित हो रही तस्वीरों को रेखांकित करता है। निश्चित तौर पर यह उत्तर प्रदेश के रेलवे के लिए बेहद गौरव का विषय है। 

उत्तर प्रदेश में 104000 करोड़ का निवेश होगा

आगे उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे उत्तर प्रदेश में 104000 करोड़ का निवेश होगा। जिसमें कई सारे प्रोजेक्ट होंगे। मसलन, अमृत स्टेशन बनाए जाएंगे, रेलवे ट्रैक बिछाए जाएंगे। उन्होंने द्रुत गामी वंदे भारत ट्रेनों के बारे में बात करते हुए बताया कि 14 वंदे भारत ट्रेन इस समय उत्तर प्रदेश से संचालित हो रही हैं। जिसमें तकरीबन 20 जनपद कवर होते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश में सारे रेलवे को कवच प्रणाली से जोड़ दिया जाएगा। जिससे भविष्य में कोई भी रेलवे दुर्घटना ना हो सके।                                                                           

  उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास संंबंधित प्रमुख बिंदु

•	उत्तर प्रदेश में रेल के विकास के वर्ष 2025-26 के लिए कुल रुपए 19858 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। यह वर्ष 2009-14 के दौरान औसत आवंटन 1109 करोड़ से लगभग 18 गुना अधिक है। 

•	वर्ष 2009-14 की अवधि के दौरान औसतन 199 किमी नए रेल ट्रैक का निर्माण होता था जो वर्ष -2014-25 की अवधि में प्रति वर्ष 474 किमी हो गया। 
•	 वर्ष 2009-14 की अवधि के दौरान औसतन 193 किमी ट्रैक का रेल विद्युतीकरण होता था जो वर्ष -2014-25 की अवधि में प्रति वर्ष 551 किमी(2.8 गुना) हो गया। 2014 से अब तक 6,064 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है। उत्तर प्रदेश 100% विद्युतीकृत है।

•	2014 से अब तक उत्तर प्रदेश में 5,209 किलोमीटर नई पटरियाँ बनाई गईं, जो स्विटज़रलैंड के पूरे रेल नेटवर्क से अधिक है।
•	 उत्तर प्रदेश में कुल 4876 किमी के रेल ट्रैक पर कवच लगाने का कार्य स्वीकृत है इसमें से 2043 किमी पर कार्य प्रगति पर या टेंडर प्रक्रिया के अधीन है।  
•	चालू परियोजनाएँ (नई पटरियाँ): 70 परियोजनाएँ; 5,958 किलोमीटर; 96,283 करोड़ रुपये 
•	7,695 करोड़ रुपये की लागत से 157 अमृत स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं।
•	2014 से 1,568 रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण किया गया।
•	2014 से प्रदान की गई यात्री सुविधाएं: लिफ्ट-120, एस्केलेटर: 130 ,  वाईफाई (स्टेशनों की संख्या): 771 
•	उत्तर प्रदेश में 25 यूनीक  स्टॉपेज वाले 20 जिलों को कवर करते हुए 14 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। 
•	1 अमृत भारत एक्सप्रेस (दरभंगा - आनंद विहार टर्मिनल), जो यूपी में 10 यूनीक स्टॉपेज वाले 10 जिलों को कवर करती है। 

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Feb 04 2025, 10:09

महाकुंभ से मिल रही सनातन धर्म को नयी दिशा : डा लक्ष्मी नारायण

महाकुंभ नगर। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज में लगे विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ से सनातन धर्म को नयी दिशा मिल रही है क्योंकि जहां लोग धर्म की मजबूती के लिए आगे आ रहे हैं वहीं लोग धर्म से और मजबूती से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 45 दिन के महाकुंभ में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में अक्षय पुण्य के लिए परिवार सहित डुबकी लगा रहे हैं इसी से समझा जा सकता है कि महाकुंभ ने सनातन धर्म को और मजबूती देते हुए उसका प्रचार-प्रसार कर रहा है। 

यह बातें किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने महाकुंभ के चौथे मुख्य स्नान पर्व बसंत पंचमी एवं अंतिम अमृत स्नान पर्व (शाही स्नान) पर स्नान के दौरान आज संगम पर कहा। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में जुटे संत, महात्मा और करोड़ों श्रद्धालु जहां प्रयागराज में सनातन धर्म को मजबूती दे रहे हैं वहीं सनातन धर्म इस विश्व स्तरीय आयोजन से मजबूती के साथ आगे बढ रहा है।

 समाज को नया संदेश देने का काम करेगा

उन्होंने बसंत पंचमी पर संत, महात्मा, श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयागराज आने वाले समय में सनातन धर्म की मजबूती और समाज को नया संदेश देने का काम करेगा। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि किन्नर संतों ने विश्व शांति, विश्व कल्याण और लोगों की उन्नति के लिए भगवान तीर्थराज प्रयागराज, वेणीमाधव से कामना की है। 

स्नान में अखाड़ा के संरक्षक के साथ ये रहे शामिल 

स्नान के दौरान अखाड़ा के संरक्षक महंत दुर्गा दास, किन्नर अखाड़ा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी, कुंभ प्रभारी महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी पवित्रा नंद गिरी, महामंडलेश्वर पुष्पानंद गिरि, महामंडलेश्वर मयूरी नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी वामदेव नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ऋषिकेश नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी मनिकंडन महराज, महामंडलेश्वर स्वामी सतीश नंद गिरी, महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी, महामंडलेश्वर जगदंबा नंद गिरी,, महामंडलेश्वर दीपानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी इन्दूनंद गिरि, श्रीमहंत रिदिमा नंद गिरी सहित बड़ी संख्या में शिष्यों ने संगम पर अमृत स्नान किया। 

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Feb 03 2025, 10:11

महाकुम्भ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु


महाकुम्भ नगर। बसंत पंचमी के अवसर पर विदेशी श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करते हुए भारतीय संस्कृति के जीवंत रंगों में रंगे दिखाई दिए। वो न सिर्फ भारतीय मित्रों के साथ आध्यात्मिक गहराइयों में डूबे नजर आए, बल्कि अन्य तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत करते भी दिखे। विदेशी श्रद्धालुओं ने इस विशेष अवसर पर भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए दिव्य स्नान में भाग लिया और अपनी यात्रा को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव बताया।

लोग इस क्षण के लिए 144 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे

इटली से आए एक विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि मैंने कुछ मिनट पहले पवित्र डुबकी लगाई। यह एक जीवन में मिलने वाला अनोखा अवसर जैसा महसूस हो रहा है। लोग इस क्षण के लिए 144 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे। खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर अनुभवों में से एक रहा। यहां के लोग हमारे प्रति बहुत ही दयालु रहे हैं।

 मैंने और मेरी पत्नी ने पवित्र स्नान किया

क्रोएशिया से आए एंड्रो ने बसंत पंचमी के अवसर पर संगम में पवित्र स्नान के बाद कहा कि मैंने और मेरी पत्नी ने पवित्र स्नान किया। यह एक अद्भुत अनुभव है। वास्तव में दिव्य महाकुम्भ की अनुभूति हो रही है। यहां व्यवस्थाएं और सुविधाएं सब कुछ बहुत शानदार और उत्तम रहा।

जीवन का सबसे अनमोल दिन

ऑस्ट्रिया से आई अविगेल कहती हैं, "यह अविश्वसनीय और अद्भुत है। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है। मैंने भारत के लोगों को समझना शुरू किया है। इससे पहले मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।" इटली से एक अन्य श्रद्धालु भी कहते हैं, "यह मेरे लिए इस तरह का पहला अवसर है। मैं इटली से आ रहा हूं और मैं बहुत बहुत खुश हूं। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है। 

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Feb 03 2025, 09:52

महाकुम्भ : अंतिम अमृत स्नान पर नागा श्रद्धालुओं को देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। त्रिवेणी तट पर इन साधुओं की पारंपरिक और अद्वितीय गतिविधियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अमृत स्नान के लिए ज्यादातर अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन नागा साधुओं का अनुशासन और उनका पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था। कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवारें लहराते हुए, इन साधुओं ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। लाठियां भांजते और अठखेलियां करते हुए ये साधु अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे।

घोड़ों पर और पैदल निकली शोभा यात्रा

बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए निकली अखाड़ों की शोभा यात्रा में कुछ नागा साधु घोड़ों पर सवार थे तो कुछ पैदल चलते हुए अपनी विशिष्ट वेशभूषा और आभूषणों से सजे हुए थे। जटाओं में फूल, फूलों की मालाएं और त्रिशूल हवा में लहराते हुए उन्होंने महाकुम्भ की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया। स्व-अनुशासन में रहने वाले इन साधुओं को कोई रोक नहीं सकता था, लेकिन वो अपने अखाड़ों के शीर्ष पदाधिकारियों के आदेशों का पालन करते हुए आगे बढ़े। नगाड़ों की गूंज के बीच उनके जोश ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। त्रिशूल और डमरू के साथ उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि महाकुम्भ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का उत्सव है।

नृत्य, नगाड़े और उत्साह

शोभायात्रा के दौरान मीडिया ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के मोबाइल के कैमरे भी नागा साधुओं को कैप्चर करने के लिए हवा में लहरा रहे थे। नागा भी किसी को निराश नहीं कर रहे थे, बल्कि वो अपने हाव भाव से उन्हें आमंत्रित कर रहे थे। कुछ नागा तो आंखों में काला चश्मा लगाकर आम लोगों से इंटरैक्ट भी कर पा रहे थे। उनकी इस स्टाइल को हर कोई कैद कर लेना चाहता था। 

स्नान के दौरान भी मस्ती
यही नहीं, नागा साधु नगाड़ों की ताल पर नृत्य करते हुए अपनी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी जोश और उत्साह से भरपूर गतिविधियों ने श्रद्धालुओं के बीच अपार उत्साह पैदा किया। जितने उत्साहित नागा साधु थे, उतने ही श्रद्धालु भी उनकी हर गतिविधि को देख मंत्रमुग्ध हो गए।स्नान के दौरान भी नागा साधुओं का अंदाज निराला था। त्रिवेणी संगम में उन्होंने पूरे जोश के साथ प्रवेश किया और पवित्र जल के साथ अठखेलियां कीं। इस दौरान सभी नागा आपस में मस्ती करते नजर आए।

महिला नागा संन्यासी भी बड़ी संख्या में जुटीं

पुरुष नागा साधुओं के साथ ही महिला नागा संन्यासियों की भी बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। पुरुष नागाओं की तरह ही महिला नागा संन्यासी भी उसी ढंग से तप और योग में लीन रहती हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि ये गेरुआ वस्त्र धारत करती हैं उसमें भी ये बिना सिलाया वस्त्र धारण करती हैं। उन्हें भी परिवार से अलग होना पड़ता है। खुद के साथ परिवार के लोगों का पिंड दान करना होता है तब जाकर महिला नागा संन्यासी बन पाती हैं। जब एक बार महिला नागा संन्यासी बन जाती हैं तो उनका लक्ष्य धर्म की रक्षा, सनातन की रक्षा करना होता है। इस महाकुम्भ में हर कोई इनके बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहा है।

मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव

नागा साधुओं ने अपने व्यवहार और प्रदर्शन से यह संदेश दिया कि महाकुम्भ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव है। उनकी हर गतिविधि में महाकुम्भ की पवित्रता और उल्लास का अद्वितीय अनुभव झलक रहा था। महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन नागा साधुओं की विशिष्ट गतिविधियों और उनकी परंपराओं के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

अखाड़ों का अमृत स्नान, संतों व श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा

महाकुम्भ में बसंत पंचमी के अवसर पर अखाड़ों के साधु-संत क्रम से अमृत स्नान कर रहे हैं। अखाड़ों का स्नान संपन्न हो गया। अमृत स्नान कर रहे संतों व श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गयी।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रातः साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बसंत पंचमी के अमृत स्नान का लगातार अपडेट ले रहे एवं आवश्यक निर्देश दे रहे हैं।

 निरंजनी अखाड़े का अमृत स्नान हो चुका

श्रीपंयाचती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा और निरंजनी अखाड़े का अमृत स्नान हो चुका है। सबसे बड़ा अखाड़ा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा,आह्वान अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़े का स्नान चल रहा है। इसके बाद तीनों वैरागी अखाड़ों का स्नान होगा।

परम्परा का हिस्सा है, सबसे पहले नागा साधुओं का स्नान करना

महाकुम्भ का को 22वां दिन है। बसंत पंचमी पर तीसरा अमृत स्नान जारी है। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके बाद आमजन स्नान कर सकेंगे। महाकुम्भ मेले का मुख्य आकर्षण अमृत स्नान (शाही स्नान) को ही माना जाता है। इसमें सबसे पहले स्नान का अवसर नागा साधुओं को दिया जाता है, ये परम्परा प्राचीन काल से जारी है। नागा का स्नान धर्म और आध्यत्मिक ऊर्जा की केंद्र माना जाता है। इसके पीछे कई अलग-अलग मान्यताएं हैं। साथ ही 265 साल पुराना एक किस्सा भी है।

‘कुंभ में पहले स्नान करने को लेकर हमेशा से विवाद होते रहे

यदुनाथ सरकार अपनी किताब ‘द हिस्ट्री ऑफ दशनामी नागा संन्यासीज’ में लिखते हैं- ‘कुंभ में पहले स्नान करने को लेकर हमेशा से विवाद होते रहे हैं। नागा साधुओं और वैरागी साधुओं के बीच खूनी जंग हुई है। 1760 के हरिद्वार कुंभ के दौरान पहले स्नान को लेकर नागा और वैरागी आपस में लड़ गए। दोनों ओर से तलवारें निकल आईं। सैकड़ों वैरागी संत मारे गए।

1789 के नासिक कुंभ में भी फिर वैरागियों का खून बहा

1789 के नासिक कुंभ में भी फिर यही स्थिति बनी और वैरागियों का खून बहा. इस खूनखराबे से परेशान होकर वैरागियों के चित्रकूट खाकी अखाड़े के महंत बाबा रामदास ने पुणे के पेशवा दरबार में शिकायत की। 1801 में पेशवा कोर्ट ने नासिक कुंभ में नागा और वैरागियों के लिए अलग-अलग घाटों की व्यवस्था करने का आदेश दिया। नागाओं को त्र्यंबक में कुशावर्त-कुंड और वैष्णवों को नासिक में रामघाट दिया गया। उज्जैन कुंभ में वैरागियों को शिप्रा तट पर रामघाट और नागाओं को दत्तघाट दिया गया।

अंग्रेजों के शासन के बाद निकला हल

इसके बाद भी हरिद्वार और प्रयाग में पहले स्नान को लेकर विवाद जारी रहा. कुंभ पर अंग्रेजों के शासन के बाद तय किया गया कि पहले शैव नागा साधु स्नान करेंगे, उसके बाद वैरागी स्नान करेंगे। इतना ही नहीं, शैव अखाड़े आपस में ना लड़ें, इसलिए अखाड़ों की सीक्वेंसिंग भी तय की गई। तब से लेकर आज तक यही परंपरा चल रही है।

क्यों करते हैं पहले नागा स्नान?

वहीं, धार्मिक मान्यताओं की मानें तो जब देवता और असुर समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की रक्षा के लिए एक-दूसरे से संघर्ष कर रहे थे, तो अमृत की 4 बूंदे कुंभ के 4 जगहों (प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नाशिक) पर गिर गई। इसके बाद यहां महाकुंभ मेले की शुरुआत की गई। नागा साधु भोले बाबा के अनुयायी माने जाते हैं और वह भोले शंकर की तपस्या और साधना की वजह से इस स्नान को नागा साधु सबसे पहले करने के अधिकारी माने गए। तभी से यह परंपरा चली आ रही कि अमृत स्नान पर सबसे पहला हक नागा साधुओं का ही रहता है। नागा का स्नान धर्म और आध्यत्मिक ऊर्जा की केंद्र माना जाता है।

एक अलग मान्यता के मुताबिक

एक अलग मान्यता के मुताबिक, ऐसा भी कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने जब धर्म की रक्षा के लिए नागा साधुओं की टोली बनाई, तो अन्य संतों ने आगे आकर धर्म की रक्षा करने वाले नागा साधुओं को पहले स्नान करने को आमंत्रित किया। चूंकि नागा भोले शंकर के उपासक है, इस कारण भी इन्हें पहले हक दिया गया। तब से यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।

इस अखाड़े ने किया पहला स्नान

वर्षों से चली आ रही परम्परा को इस बार भी दोहराया गया है, अखाड़ों में भी पहले अखाड़ा महानिर्वाणी एवं शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा को स्नान का पहला अवसर मिला है। ऐसे में आज सुबह 4.45 बजे पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने अमृत स्नान (शाही स्नान) कर लिया है। इसके पीछे अब निरंजनी अखाड़ा, आनन्द अखाड़ा, जूना अखाड़ा, दशनाम आवाहन अखाड़ा और पंचाग्नि अखाड़ा, पंच निर्मोही, पंच दिगंबर, पंच निर्वाणी, अनी अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा बड़ा उदासीन व अन्य अखाड़े अमृत स्नान कर रहे हैं। 

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Feb 02 2025, 19:49

विंध्याचल धाम: आदि गुरु शंकराचार्य (श्रृंगेरी पीठ) ने किया मां विंध्यवासिनी का चरण पूजन

मिर्ज़ापुर 2 फरवरी 2025। विख्यात देवी विंध्याचल धाम में रविवार को देर शाम आदि गुरु शंकराचार्य शारदा पीठ (श्रृंगेरी) पहुंचे और मां विंध्यवासिनी के चरणों में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया। वाराणसी से यात्रा कर विंध्याचल पहुंचे शंकराचार्य जी का मंदिर परिसर में भव्य स्वागत किया गया।

विशेष पूजा और माँ विंध्यवासिनी के दर्शन
शंकराचार्य जी ने मां विंध्यवासिनी का विशेष पूजन और चरण स्पर्श कर श्रद्धा व्यक्त की। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष हवन और आरती का आयोजन किया गया, जिसमें उनके साथ आए संतों और श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।

धार्मिक संदेश और भक्तों से संवाद

माँ विंध्यवासिनी के दर्शन के पश्चात शंकराचार्य जी ने भक्तों और संत समाज से संवाद किया। उन्होंने कहा कि—
"विंध्यवासिनी देवी आदि शक्ति का स्वरूप हैं। उनकी कृपा से भक्तों को शक्ति, सिद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। नवरात्र और विशेष पर्वों पर यहाँ की साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।"

मंदिर समिति और संत समाज का अभिनंदन

विंध्याचल धाम के पुजारियों और मंदिर समिति ने शंकराचार्य जी को श्री विंध्यवासिनी माँ का अंग वस्त्र, प्रसाद और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उनके आगमन से पूरा धाम आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिमय माहौल से भर उठा।

भक्तों में उत्साह, माँ के जयकारों से गूंजा विंध्याचल

शंकराचार्य जी के आगमन से विंध्याचल में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में "जय माता दी" के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु उनके साथ माँ विंध्यवासिनी के दर्शन करने को उत्साहित दिखे।

माँ विंध्यवासिनी का आशीर्वाद लेकर शंकराचार्य जी आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान कर गए, लेकिन उनके आगमन से विंध्याचल धाम में भक्तों के बीच विशेष उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। 

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Feb 02 2025, 19:42

जिससे सनातन धर्म का गौरव बढ़ता हो, सपा को उससे पीड़ा होती हैः सीएम योगी


अयोध्या, 2 फरवरीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी को खूब धोया। बोले कि ’एक्स’ पर दो महीने से सपा अध्यक्ष के पोस्ट को देखिए,  यह प्रयागराज महाकुम्भ का विरोध करते हुए आए हैं। अब तक 34 करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी के संगम पर आस्था की डुबकी लगाई है। शनिवार को उप राष्ट्रपति, कई देशों के राजदूत-हाई कमिश्नर आए थे। पूरी दुनिया आकर अभिभूत है, लेकिन सपा को इससे पीड़ा हो रही है। जिससे सनातन धर्म का गौरव बढ़ता हो, भारतीयों का सीना चौड़ा होता हो, उससे सपा को पीड़ा होती है। सपा सनातन धर्म और सामाजिक न्याय के पुरोधाओं की विरोधी है।

मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के पक्ष में रविवार को जनसभा कर उन्हें जिताने की अपील की। 

अयोध्या के विकास से सपा को हो रही पीड़ा
सीएम ने कहा कि परसों (शुक्रवार) हेलीकॉप्टर से जा रहा था, अयोध्या धाम में हर तरफ जनसैलाब दिखाई दे रहा था। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने फोरलेन सड़कें,  रेलवे लाइन को डबल, स्टेशनों का सुदृढ़ीकरण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार नहीं किया होता तो प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु यहां नहीं आ पाते। केंद्र व राज्य सरकार का पैसा और हमारे जनप्रतिनिधियों का प्रयास रहा तो अयोध्या का विकास व व्यवसाय बढ़ रहा है। जब भी हमने अयोध्या के विकास की कार्ययोजना को बढ़ाया तो सपा ने विरोध किया। सड़क चौड़ीकरण के दौरान 1700 करोड़़ से अधिक का मुआवजा दिया गया। राम मंदिर का शिलान्यास और राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए, तब भी सपा ने विरोध किया। एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि,  रैन बसेरों का नाम निषादराज गुह्य के नाम पर किया गया,  रसोई का नाम मां शबरी के नाम पर रखा गया, तब भी सपा को पीड़ा हुई।  

मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब सिंह यादव सपा का प्यारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने यूपी में पीएसी की तीन महिला बटालियन (वीरांगना उदा देवी, झलकारी बाई, अवंती बाई लोधी) गठित की। सपा ने तब भी विरोध किया था। यह वही सपा है, जो बहराइच में महाराज सुहेलदेव के विजय स्मारक का विरोध करती है,  यह कहती है कि वहां गाजी का स्मारक होना चाहिए। सपा को गाजी व पाजी (बदमाश) प्यारे हैं। इन्हें बेटियों की इज्जत पर हाथ डालने वाला मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब सिंह यादव प्यारा है। सपा गरीब, किसान, बेटी-बहन, व्यापारी, युवा के साथ नहीं, बल्कि माफिया, दुष्चरित्र व पेशेवर अपराधी के साथ खड़ी होती है। कोई घटना घटित होती है तो सपा का हाथ होता है या वह षडयंत्र में शामिल रहती है। 

नौटंकी कर रहा है अयोध्या का सांसद
सीएम ने कहा कि सपा भारत विरोधी तत्वों को गले लगाती है। विधानसभा उपचुनाव के दौरान इनके दरिंदे नेता ने मैनपुरी में दलित बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। अयोध्या में कल एक बेटी के साथ घटना हुई है, आज इनका सांसद नौटंकी कर रहा है। जांच होगी तो उसमें भी सपा का कोई दरिंदा शामिल जरूर होगा। 

सैफई से बाहर नहीं जाती विकास विरोधी सपा की दृष्टि
सीएम ने कहा कि 2016 में सपा सरकार के समय 2.35 लाख पर्यटक अयोध्या आए थे, जबकि 2024 में यहां 16.11 करोड़ श्रद्धालु आए। विकास विरोधी सपा की दृष्टि सैफई से बाहर नहीं जाती। सत्ता में आने पर यह परिवार के लिए कार्य करते हैं और वोट मांगने के लिए जाति का सहारा लेते हैं। सीएम ने कहा कि मिल्कीपुर का चुनाव भी राष्ट्रवाद बनाम परिवारवाद का चुनाव बन गया है। एक तरफ एनडीए प्रत्याशी के रूप में चंद्रभानु पासवान राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में हैं तो दूसरी तरफ सपा के परिवारवाद का नमूना है,  जिसका नाम भूमाफिया-अनैतिक, अराजक गतिविधियों में आता है। 

अपराध व गुंडागर्दी सपा का पेशा
सीएम ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि सब कुछ सुधर सकता है, लेकिन प्रवृत्ति नहीं। इनका पेशा अपराध, गुंडागर्दी, बेटी-व्यापारी की सुरक्षा में सेंध लगाना है। समाजवादियों का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है..., लेकिन 2017 में जब भाजपा सरकार आई और हमने एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाया तो इसने गुंडों से 64 हजार एकड़ लैंड खाली कराई। यह परेशान हैं कि डबल इंजन सरकार ऐसे ही कार्य करेगी तो इनका धंधा चौपट हो जाएगा। धंधा चौपट होने से इनकी पार्टी भी चौपट हो जाएगी। 

अयोध्या आकर देखा जा सकता है विकास का मॉडल
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या आकर विकास का मॉडल देखा जा सकता है। सरयू में स्टीमर भी चलकर सैर करा रही है। सपा को यह विकास अच्छा नहीं लग रहा है। सपा कहती थी कि अयोध्या का समाधान हुआ तो खून की नदियां बहेंगी, हमने कहा कि खून की नदियां बहाने वाले जहन्नुम में जा चुके हैं, धरती पर उनके लिए जगह नहीं है। अयोध्या की तर्ज पर मिल्कीपुर का समग्र विकास कराने के लिए चंद्रभानु पासवान यहां की आवश्यकता है। 

सपा वाले केवल सैफाई का विकास कराते थे, लेकिन हमारी सरकार में गोरखपुर व काशी से अधिक अयोध्या का विकास हुआ
सीएम योगी ने कहा कि सपा वाले केवल सैफई का विकास कराते थे, लेकिन मैंने गोरखपुर और पीएम जी के आशीर्वाद से काशी में जितना विकास हुआ, उससे अधिक विकास अयोध्या में कराया गया। कोई भेदभाव नहीं हुआ। यह लोग कारसेवकों का रक्त बहाते थे। हम लोगों ने दीपोत्सव से यात्रा प्रारंभ की, आज यहां घर-घर में दीप जल रहे हैं। हमारी सरकार बिना भेदभाव विकास के लिए भरपूर मदद कर रही है। 

जनसभा में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, मयंकेश्वर शरण सिंह, गिरीश चन्द्र यादव, मनोहर लाल कोरी, दयाशंकर मिश्र दयालु, सतीश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष डा धर्मेन्द्र सिंह, एमएलसी अवनीश पटेल, अवध क्षेत्र प्रभारी संजय राय, क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू विधायक रामचन्दर यादव, अमित सिंह चौहान, रामू प्रियदर्शी, बाबा गोरखनाथ, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, विधायक धर्मराज निषाद, सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

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Feb 02 2025, 19:30

महाकुंभ: क्या बंद होगा प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन? प्रयागराज DM की इस चिट्ठी से लगे कयास

 विश्वनाथ प्रतापसिंह 

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर इतनी भीड़ उमड़ी की प्रशासन के लिए संभालना मुश्किल हो गया. भीड़ की वजह से संगम नोज पर भगदड़ तक मच गई जिसमें 30 लोगों की जान चली गई है. कुंभ में आ रही भीड़ को देखते हुए प्रयागराज के डीएम ने उत्तर रेलवे को एक पत्र लिखा है जिसमें प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को बंद करने की मांग की गई है।


डीएम ने कहा कि जिस तरह से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए संगम स्टेशन से आवागमन बंद होना जरूरी है. प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस संबंध में उत्तर रेलवे मंडल के रेल प्रबंधक लखनऊ को पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि प्रयागराज जिले में चल रहे महाकुंभ 2025 में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन जनपद में हो रहा है. जिसे देखते हुए उनके सुगम, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित आवागमन हेतु दिन 1 फरवरी 2025 को प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन से यात्रियों के आवागमन का बंद किया जाना आवश्यक ह।

जिलाधिकारी ने अनुरोध किया कि जनपद में बढ़ती भीड़ को देखते हुए एक फरवरी को प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को यात्रियों के आवागमन के लिए बंद कराने लिए जरूरी कार्रवाई की जाए. इस संबंध में चिट्ठी की कॉपी रेलवे के तमाम संबंधित विभागों में भेज दी गई है. बता दें कि संगम नगरी में महाकुंभ के चलते भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनमें से ज़्यादातर श्रद्धालु रेल के ज़रिए प्रयागराज नगरी पहुँच रहे हैं वहीं मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद बड़ी संख्या में आसपास के कई जिलों में तीर्थयात्रियों को होल्डिंग एरिया में रखना पड़ा था. मेला प्रशासन अब भीड़ को नियंत्रित करते हुए महाकुंभ का संचालन कर रहे हैं. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने कि लिए श्रद्धालुओं के डायवर्जन से लेकर तमाम तरीके अपनाए जा रहे हैं. वहीं बसंत पंचमी को लेकर भी प्रशासन पहले से अलर्ट है.