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Feb 04 2025, 10:09

महाकुंभ से मिल रही सनातन धर्म को नयी दिशा : डा लक्ष्मी नारायण

महाकुंभ नगर। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज में लगे विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ से सनातन धर्म को नयी दिशा मिल रही है क्योंकि जहां लोग धर्म की मजबूती के लिए आगे आ रहे हैं वहीं लोग धर्म से और मजबूती से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 45 दिन के महाकुंभ में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में अक्षय पुण्य के लिए परिवार सहित डुबकी लगा रहे हैं इसी से समझा जा सकता है कि महाकुंभ ने सनातन धर्म को और मजबूती देते हुए उसका प्रचार-प्रसार कर रहा है। 

यह बातें किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने महाकुंभ के चौथे मुख्य स्नान पर्व बसंत पंचमी एवं अंतिम अमृत स्नान पर्व (शाही स्नान) पर स्नान के दौरान आज संगम पर कहा। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में जुटे संत, महात्मा और करोड़ों श्रद्धालु जहां प्रयागराज में सनातन धर्म को मजबूती दे रहे हैं वहीं सनातन धर्म इस विश्व स्तरीय आयोजन से मजबूती के साथ आगे बढ रहा है।

 समाज को नया संदेश देने का काम करेगा

उन्होंने बसंत पंचमी पर संत, महात्मा, श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयागराज आने वाले समय में सनातन धर्म की मजबूती और समाज को नया संदेश देने का काम करेगा। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि किन्नर संतों ने विश्व शांति, विश्व कल्याण और लोगों की उन्नति के लिए भगवान तीर्थराज प्रयागराज, वेणीमाधव से कामना की है। 

स्नान में अखाड़ा के संरक्षक के साथ ये रहे शामिल 

स्नान के दौरान अखाड़ा के संरक्षक महंत दुर्गा दास, किन्नर अखाड़ा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी, कुंभ प्रभारी महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी पवित्रा नंद गिरी, महामंडलेश्वर पुष्पानंद गिरि, महामंडलेश्वर मयूरी नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी वामदेव नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ऋषिकेश नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी मनिकंडन महराज, महामंडलेश्वर स्वामी सतीश नंद गिरी, महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी, महामंडलेश्वर जगदंबा नंद गिरी,, महामंडलेश्वर दीपानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी इन्दूनंद गिरि, श्रीमहंत रिदिमा नंद गिरी सहित बड़ी संख्या में शिष्यों ने संगम पर अमृत स्नान किया। 

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Feb 03 2025, 10:11

महाकुम्भ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु


महाकुम्भ नगर। बसंत पंचमी के अवसर पर विदेशी श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करते हुए भारतीय संस्कृति के जीवंत रंगों में रंगे दिखाई दिए। वो न सिर्फ भारतीय मित्रों के साथ आध्यात्मिक गहराइयों में डूबे नजर आए, बल्कि अन्य तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत करते भी दिखे। विदेशी श्रद्धालुओं ने इस विशेष अवसर पर भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए दिव्य स्नान में भाग लिया और अपनी यात्रा को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव बताया।

लोग इस क्षण के लिए 144 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे

इटली से आए एक विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि मैंने कुछ मिनट पहले पवित्र डुबकी लगाई। यह एक जीवन में मिलने वाला अनोखा अवसर जैसा महसूस हो रहा है। लोग इस क्षण के लिए 144 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे। खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर अनुभवों में से एक रहा। यहां के लोग हमारे प्रति बहुत ही दयालु रहे हैं।

 मैंने और मेरी पत्नी ने पवित्र स्नान किया

क्रोएशिया से आए एंड्रो ने बसंत पंचमी के अवसर पर संगम में पवित्र स्नान के बाद कहा कि मैंने और मेरी पत्नी ने पवित्र स्नान किया। यह एक अद्भुत अनुभव है। वास्तव में दिव्य महाकुम्भ की अनुभूति हो रही है। यहां व्यवस्थाएं और सुविधाएं सब कुछ बहुत शानदार और उत्तम रहा।

जीवन का सबसे अनमोल दिन

ऑस्ट्रिया से आई अविगेल कहती हैं, "यह अविश्वसनीय और अद्भुत है। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है। मैंने भारत के लोगों को समझना शुरू किया है। इससे पहले मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।" इटली से एक अन्य श्रद्धालु भी कहते हैं, "यह मेरे लिए इस तरह का पहला अवसर है। मैं इटली से आ रहा हूं और मैं बहुत बहुत खुश हूं। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है। 

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Feb 03 2025, 09:52

महाकुम्भ : अंतिम अमृत स्नान पर नागा श्रद्धालुओं को देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। त्रिवेणी तट पर इन साधुओं की पारंपरिक और अद्वितीय गतिविधियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अमृत स्नान के लिए ज्यादातर अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन नागा साधुओं का अनुशासन और उनका पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था। कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवारें लहराते हुए, इन साधुओं ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। लाठियां भांजते और अठखेलियां करते हुए ये साधु अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे।

घोड़ों पर और पैदल निकली शोभा यात्रा

बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए निकली अखाड़ों की शोभा यात्रा में कुछ नागा साधु घोड़ों पर सवार थे तो कुछ पैदल चलते हुए अपनी विशिष्ट वेशभूषा और आभूषणों से सजे हुए थे। जटाओं में फूल, फूलों की मालाएं और त्रिशूल हवा में लहराते हुए उन्होंने महाकुम्भ की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया। स्व-अनुशासन में रहने वाले इन साधुओं को कोई रोक नहीं सकता था, लेकिन वो अपने अखाड़ों के शीर्ष पदाधिकारियों के आदेशों का पालन करते हुए आगे बढ़े। नगाड़ों की गूंज के बीच उनके जोश ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। त्रिशूल और डमरू के साथ उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि महाकुम्भ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का उत्सव है।

नृत्य, नगाड़े और उत्साह

शोभायात्रा के दौरान मीडिया ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के मोबाइल के कैमरे भी नागा साधुओं को कैप्चर करने के लिए हवा में लहरा रहे थे। नागा भी किसी को निराश नहीं कर रहे थे, बल्कि वो अपने हाव भाव से उन्हें आमंत्रित कर रहे थे। कुछ नागा तो आंखों में काला चश्मा लगाकर आम लोगों से इंटरैक्ट भी कर पा रहे थे। उनकी इस स्टाइल को हर कोई कैद कर लेना चाहता था। 

स्नान के दौरान भी मस्ती
यही नहीं, नागा साधु नगाड़ों की ताल पर नृत्य करते हुए अपनी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी जोश और उत्साह से भरपूर गतिविधियों ने श्रद्धालुओं के बीच अपार उत्साह पैदा किया। जितने उत्साहित नागा साधु थे, उतने ही श्रद्धालु भी उनकी हर गतिविधि को देख मंत्रमुग्ध हो गए।स्नान के दौरान भी नागा साधुओं का अंदाज निराला था। त्रिवेणी संगम में उन्होंने पूरे जोश के साथ प्रवेश किया और पवित्र जल के साथ अठखेलियां कीं। इस दौरान सभी नागा आपस में मस्ती करते नजर आए।

महिला नागा संन्यासी भी बड़ी संख्या में जुटीं

पुरुष नागा साधुओं के साथ ही महिला नागा संन्यासियों की भी बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। पुरुष नागाओं की तरह ही महिला नागा संन्यासी भी उसी ढंग से तप और योग में लीन रहती हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि ये गेरुआ वस्त्र धारत करती हैं उसमें भी ये बिना सिलाया वस्त्र धारण करती हैं। उन्हें भी परिवार से अलग होना पड़ता है। खुद के साथ परिवार के लोगों का पिंड दान करना होता है तब जाकर महिला नागा संन्यासी बन पाती हैं। जब एक बार महिला नागा संन्यासी बन जाती हैं तो उनका लक्ष्य धर्म की रक्षा, सनातन की रक्षा करना होता है। इस महाकुम्भ में हर कोई इनके बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहा है।

मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव

नागा साधुओं ने अपने व्यवहार और प्रदर्शन से यह संदेश दिया कि महाकुम्भ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव है। उनकी हर गतिविधि में महाकुम्भ की पवित्रता और उल्लास का अद्वितीय अनुभव झलक रहा था। महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन नागा साधुओं की विशिष्ट गतिविधियों और उनकी परंपराओं के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

अखाड़ों का अमृत स्नान, संतों व श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा

महाकुम्भ में बसंत पंचमी के अवसर पर अखाड़ों के साधु-संत क्रम से अमृत स्नान कर रहे हैं। अखाड़ों का स्नान संपन्न हो गया। अमृत स्नान कर रहे संतों व श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गयी।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रातः साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बसंत पंचमी के अमृत स्नान का लगातार अपडेट ले रहे एवं आवश्यक निर्देश दे रहे हैं।

 निरंजनी अखाड़े का अमृत स्नान हो चुका

श्रीपंयाचती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा और निरंजनी अखाड़े का अमृत स्नान हो चुका है। सबसे बड़ा अखाड़ा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा,आह्वान अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़े का स्नान चल रहा है। इसके बाद तीनों वैरागी अखाड़ों का स्नान होगा।

परम्परा का हिस्सा है, सबसे पहले नागा साधुओं का स्नान करना

महाकुम्भ का को 22वां दिन है। बसंत पंचमी पर तीसरा अमृत स्नान जारी है। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके बाद आमजन स्नान कर सकेंगे। महाकुम्भ मेले का मुख्य आकर्षण अमृत स्नान (शाही स्नान) को ही माना जाता है। इसमें सबसे पहले स्नान का अवसर नागा साधुओं को दिया जाता है, ये परम्परा प्राचीन काल से जारी है। नागा का स्नान धर्म और आध्यत्मिक ऊर्जा की केंद्र माना जाता है। इसके पीछे कई अलग-अलग मान्यताएं हैं। साथ ही 265 साल पुराना एक किस्सा भी है।

‘कुंभ में पहले स्नान करने को लेकर हमेशा से विवाद होते रहे

यदुनाथ सरकार अपनी किताब ‘द हिस्ट्री ऑफ दशनामी नागा संन्यासीज’ में लिखते हैं- ‘कुंभ में पहले स्नान करने को लेकर हमेशा से विवाद होते रहे हैं। नागा साधुओं और वैरागी साधुओं के बीच खूनी जंग हुई है। 1760 के हरिद्वार कुंभ के दौरान पहले स्नान को लेकर नागा और वैरागी आपस में लड़ गए। दोनों ओर से तलवारें निकल आईं। सैकड़ों वैरागी संत मारे गए।

1789 के नासिक कुंभ में भी फिर वैरागियों का खून बहा

1789 के नासिक कुंभ में भी फिर यही स्थिति बनी और वैरागियों का खून बहा. इस खूनखराबे से परेशान होकर वैरागियों के चित्रकूट खाकी अखाड़े के महंत बाबा रामदास ने पुणे के पेशवा दरबार में शिकायत की। 1801 में पेशवा कोर्ट ने नासिक कुंभ में नागा और वैरागियों के लिए अलग-अलग घाटों की व्यवस्था करने का आदेश दिया। नागाओं को त्र्यंबक में कुशावर्त-कुंड और वैष्णवों को नासिक में रामघाट दिया गया। उज्जैन कुंभ में वैरागियों को शिप्रा तट पर रामघाट और नागाओं को दत्तघाट दिया गया।

अंग्रेजों के शासन के बाद निकला हल

इसके बाद भी हरिद्वार और प्रयाग में पहले स्नान को लेकर विवाद जारी रहा. कुंभ पर अंग्रेजों के शासन के बाद तय किया गया कि पहले शैव नागा साधु स्नान करेंगे, उसके बाद वैरागी स्नान करेंगे। इतना ही नहीं, शैव अखाड़े आपस में ना लड़ें, इसलिए अखाड़ों की सीक्वेंसिंग भी तय की गई। तब से लेकर आज तक यही परंपरा चल रही है।

क्यों करते हैं पहले नागा स्नान?

वहीं, धार्मिक मान्यताओं की मानें तो जब देवता और असुर समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की रक्षा के लिए एक-दूसरे से संघर्ष कर रहे थे, तो अमृत की 4 बूंदे कुंभ के 4 जगहों (प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नाशिक) पर गिर गई। इसके बाद यहां महाकुंभ मेले की शुरुआत की गई। नागा साधु भोले बाबा के अनुयायी माने जाते हैं और वह भोले शंकर की तपस्या और साधना की वजह से इस स्नान को नागा साधु सबसे पहले करने के अधिकारी माने गए। तभी से यह परंपरा चली आ रही कि अमृत स्नान पर सबसे पहला हक नागा साधुओं का ही रहता है। नागा का स्नान धर्म और आध्यत्मिक ऊर्जा की केंद्र माना जाता है।

एक अलग मान्यता के मुताबिक

एक अलग मान्यता के मुताबिक, ऐसा भी कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने जब धर्म की रक्षा के लिए नागा साधुओं की टोली बनाई, तो अन्य संतों ने आगे आकर धर्म की रक्षा करने वाले नागा साधुओं को पहले स्नान करने को आमंत्रित किया। चूंकि नागा भोले शंकर के उपासक है, इस कारण भी इन्हें पहले हक दिया गया। तब से यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।

इस अखाड़े ने किया पहला स्नान

वर्षों से चली आ रही परम्परा को इस बार भी दोहराया गया है, अखाड़ों में भी पहले अखाड़ा महानिर्वाणी एवं शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा को स्नान का पहला अवसर मिला है। ऐसे में आज सुबह 4.45 बजे पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने अमृत स्नान (शाही स्नान) कर लिया है। इसके पीछे अब निरंजनी अखाड़ा, आनन्द अखाड़ा, जूना अखाड़ा, दशनाम आवाहन अखाड़ा और पंचाग्नि अखाड़ा, पंच निर्मोही, पंच दिगंबर, पंच निर्वाणी, अनी अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा बड़ा उदासीन व अन्य अखाड़े अमृत स्नान कर रहे हैं। 

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Feb 02 2025, 19:49

विंध्याचल धाम: आदि गुरु शंकराचार्य (श्रृंगेरी पीठ) ने किया मां विंध्यवासिनी का चरण पूजन

मिर्ज़ापुर 2 फरवरी 2025। विख्यात देवी विंध्याचल धाम में रविवार को देर शाम आदि गुरु शंकराचार्य शारदा पीठ (श्रृंगेरी) पहुंचे और मां विंध्यवासिनी के चरणों में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया। वाराणसी से यात्रा कर विंध्याचल पहुंचे शंकराचार्य जी का मंदिर परिसर में भव्य स्वागत किया गया।

विशेष पूजा और माँ विंध्यवासिनी के दर्शन
शंकराचार्य जी ने मां विंध्यवासिनी का विशेष पूजन और चरण स्पर्श कर श्रद्धा व्यक्त की। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष हवन और आरती का आयोजन किया गया, जिसमें उनके साथ आए संतों और श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।

धार्मिक संदेश और भक्तों से संवाद

माँ विंध्यवासिनी के दर्शन के पश्चात शंकराचार्य जी ने भक्तों और संत समाज से संवाद किया। उन्होंने कहा कि—
"विंध्यवासिनी देवी आदि शक्ति का स्वरूप हैं। उनकी कृपा से भक्तों को शक्ति, सिद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। नवरात्र और विशेष पर्वों पर यहाँ की साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।"

मंदिर समिति और संत समाज का अभिनंदन

विंध्याचल धाम के पुजारियों और मंदिर समिति ने शंकराचार्य जी को श्री विंध्यवासिनी माँ का अंग वस्त्र, प्रसाद और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उनके आगमन से पूरा धाम आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिमय माहौल से भर उठा।

भक्तों में उत्साह, माँ के जयकारों से गूंजा विंध्याचल

शंकराचार्य जी के आगमन से विंध्याचल में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में "जय माता दी" के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु उनके साथ माँ विंध्यवासिनी के दर्शन करने को उत्साहित दिखे।

माँ विंध्यवासिनी का आशीर्वाद लेकर शंकराचार्य जी आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान कर गए, लेकिन उनके आगमन से विंध्याचल धाम में भक्तों के बीच विशेष उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। 

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Feb 02 2025, 19:42

जिससे सनातन धर्म का गौरव बढ़ता हो, सपा को उससे पीड़ा होती हैः सीएम योगी


अयोध्या, 2 फरवरीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी को खूब धोया। बोले कि ’एक्स’ पर दो महीने से सपा अध्यक्ष के पोस्ट को देखिए,  यह प्रयागराज महाकुम्भ का विरोध करते हुए आए हैं। अब तक 34 करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी के संगम पर आस्था की डुबकी लगाई है। शनिवार को उप राष्ट्रपति, कई देशों के राजदूत-हाई कमिश्नर आए थे। पूरी दुनिया आकर अभिभूत है, लेकिन सपा को इससे पीड़ा हो रही है। जिससे सनातन धर्म का गौरव बढ़ता हो, भारतीयों का सीना चौड़ा होता हो, उससे सपा को पीड़ा होती है। सपा सनातन धर्म और सामाजिक न्याय के पुरोधाओं की विरोधी है।

मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के पक्ष में रविवार को जनसभा कर उन्हें जिताने की अपील की। 

अयोध्या के विकास से सपा को हो रही पीड़ा
सीएम ने कहा कि परसों (शुक्रवार) हेलीकॉप्टर से जा रहा था, अयोध्या धाम में हर तरफ जनसैलाब दिखाई दे रहा था। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने फोरलेन सड़कें,  रेलवे लाइन को डबल, स्टेशनों का सुदृढ़ीकरण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार नहीं किया होता तो प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु यहां नहीं आ पाते। केंद्र व राज्य सरकार का पैसा और हमारे जनप्रतिनिधियों का प्रयास रहा तो अयोध्या का विकास व व्यवसाय बढ़ रहा है। जब भी हमने अयोध्या के विकास की कार्ययोजना को बढ़ाया तो सपा ने विरोध किया। सड़क चौड़ीकरण के दौरान 1700 करोड़़ से अधिक का मुआवजा दिया गया। राम मंदिर का शिलान्यास और राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए, तब भी सपा ने विरोध किया। एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि,  रैन बसेरों का नाम निषादराज गुह्य के नाम पर किया गया,  रसोई का नाम मां शबरी के नाम पर रखा गया, तब भी सपा को पीड़ा हुई।  

मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब सिंह यादव सपा का प्यारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने यूपी में पीएसी की तीन महिला बटालियन (वीरांगना उदा देवी, झलकारी बाई, अवंती बाई लोधी) गठित की। सपा ने तब भी विरोध किया था। यह वही सपा है, जो बहराइच में महाराज सुहेलदेव के विजय स्मारक का विरोध करती है,  यह कहती है कि वहां गाजी का स्मारक होना चाहिए। सपा को गाजी व पाजी (बदमाश) प्यारे हैं। इन्हें बेटियों की इज्जत पर हाथ डालने वाला मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब सिंह यादव प्यारा है। सपा गरीब, किसान, बेटी-बहन, व्यापारी, युवा के साथ नहीं, बल्कि माफिया, दुष्चरित्र व पेशेवर अपराधी के साथ खड़ी होती है। कोई घटना घटित होती है तो सपा का हाथ होता है या वह षडयंत्र में शामिल रहती है। 

नौटंकी कर रहा है अयोध्या का सांसद
सीएम ने कहा कि सपा भारत विरोधी तत्वों को गले लगाती है। विधानसभा उपचुनाव के दौरान इनके दरिंदे नेता ने मैनपुरी में दलित बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। अयोध्या में कल एक बेटी के साथ घटना हुई है, आज इनका सांसद नौटंकी कर रहा है। जांच होगी तो उसमें भी सपा का कोई दरिंदा शामिल जरूर होगा। 

सैफई से बाहर नहीं जाती विकास विरोधी सपा की दृष्टि
सीएम ने कहा कि 2016 में सपा सरकार के समय 2.35 लाख पर्यटक अयोध्या आए थे, जबकि 2024 में यहां 16.11 करोड़ श्रद्धालु आए। विकास विरोधी सपा की दृष्टि सैफई से बाहर नहीं जाती। सत्ता में आने पर यह परिवार के लिए कार्य करते हैं और वोट मांगने के लिए जाति का सहारा लेते हैं। सीएम ने कहा कि मिल्कीपुर का चुनाव भी राष्ट्रवाद बनाम परिवारवाद का चुनाव बन गया है। एक तरफ एनडीए प्रत्याशी के रूप में चंद्रभानु पासवान राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में हैं तो दूसरी तरफ सपा के परिवारवाद का नमूना है,  जिसका नाम भूमाफिया-अनैतिक, अराजक गतिविधियों में आता है। 

अपराध व गुंडागर्दी सपा का पेशा
सीएम ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि सब कुछ सुधर सकता है, लेकिन प्रवृत्ति नहीं। इनका पेशा अपराध, गुंडागर्दी, बेटी-व्यापारी की सुरक्षा में सेंध लगाना है। समाजवादियों का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है..., लेकिन 2017 में जब भाजपा सरकार आई और हमने एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाया तो इसने गुंडों से 64 हजार एकड़ लैंड खाली कराई। यह परेशान हैं कि डबल इंजन सरकार ऐसे ही कार्य करेगी तो इनका धंधा चौपट हो जाएगा। धंधा चौपट होने से इनकी पार्टी भी चौपट हो जाएगी। 

अयोध्या आकर देखा जा सकता है विकास का मॉडल
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या आकर विकास का मॉडल देखा जा सकता है। सरयू में स्टीमर भी चलकर सैर करा रही है। सपा को यह विकास अच्छा नहीं लग रहा है। सपा कहती थी कि अयोध्या का समाधान हुआ तो खून की नदियां बहेंगी, हमने कहा कि खून की नदियां बहाने वाले जहन्नुम में जा चुके हैं, धरती पर उनके लिए जगह नहीं है। अयोध्या की तर्ज पर मिल्कीपुर का समग्र विकास कराने के लिए चंद्रभानु पासवान यहां की आवश्यकता है। 

सपा वाले केवल सैफाई का विकास कराते थे, लेकिन हमारी सरकार में गोरखपुर व काशी से अधिक अयोध्या का विकास हुआ
सीएम योगी ने कहा कि सपा वाले केवल सैफई का विकास कराते थे, लेकिन मैंने गोरखपुर और पीएम जी के आशीर्वाद से काशी में जितना विकास हुआ, उससे अधिक विकास अयोध्या में कराया गया। कोई भेदभाव नहीं हुआ। यह लोग कारसेवकों का रक्त बहाते थे। हम लोगों ने दीपोत्सव से यात्रा प्रारंभ की, आज यहां घर-घर में दीप जल रहे हैं। हमारी सरकार बिना भेदभाव विकास के लिए भरपूर मदद कर रही है। 

जनसभा में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, मयंकेश्वर शरण सिंह, गिरीश चन्द्र यादव, मनोहर लाल कोरी, दयाशंकर मिश्र दयालु, सतीश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष डा धर्मेन्द्र सिंह, एमएलसी अवनीश पटेल, अवध क्षेत्र प्रभारी संजय राय, क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू विधायक रामचन्दर यादव, अमित सिंह चौहान, रामू प्रियदर्शी, बाबा गोरखनाथ, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, विधायक धर्मराज निषाद, सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

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Feb 02 2025, 19:30

महाकुंभ: क्या बंद होगा प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन? प्रयागराज DM की इस चिट्ठी से लगे कयास

 विश्वनाथ प्रतापसिंह 

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर इतनी भीड़ उमड़ी की प्रशासन के लिए संभालना मुश्किल हो गया. भीड़ की वजह से संगम नोज पर भगदड़ तक मच गई जिसमें 30 लोगों की जान चली गई है. कुंभ में आ रही भीड़ को देखते हुए प्रयागराज के डीएम ने उत्तर रेलवे को एक पत्र लिखा है जिसमें प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को बंद करने की मांग की गई है।


डीएम ने कहा कि जिस तरह से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए संगम स्टेशन से आवागमन बंद होना जरूरी है. प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस संबंध में उत्तर रेलवे मंडल के रेल प्रबंधक लखनऊ को पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि प्रयागराज जिले में चल रहे महाकुंभ 2025 में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन जनपद में हो रहा है. जिसे देखते हुए उनके सुगम, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित आवागमन हेतु दिन 1 फरवरी 2025 को प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन से यात्रियों के आवागमन का बंद किया जाना आवश्यक ह।

जिलाधिकारी ने अनुरोध किया कि जनपद में बढ़ती भीड़ को देखते हुए एक फरवरी को प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को यात्रियों के आवागमन के लिए बंद कराने लिए जरूरी कार्रवाई की जाए. इस संबंध में चिट्ठी की कॉपी रेलवे के तमाम संबंधित विभागों में भेज दी गई है. बता दें कि संगम नगरी में महाकुंभ के चलते भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनमें से ज़्यादातर श्रद्धालु रेल के ज़रिए प्रयागराज नगरी पहुँच रहे हैं वहीं मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद बड़ी संख्या में आसपास के कई जिलों में तीर्थयात्रियों को होल्डिंग एरिया में रखना पड़ा था. मेला प्रशासन अब भीड़ को नियंत्रित करते हुए महाकुंभ का संचालन कर रहे हैं. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने कि लिए श्रद्धालुओं के डायवर्जन से लेकर तमाम तरीके अपनाए जा रहे हैं. वहीं बसंत पंचमी को लेकर भी प्रशासन पहले से अलर्ट है. 

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Feb 02 2025, 18:46

अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने व आय बढ़ाने में भी टूरिज्म की अहम भूमिका: सीएम योगी


गोण्डा।  उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भूजल संरक्षण, सिंचाई-पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ व सूखे पर नियंत्रण, कार्बन भंडारण व जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर वनस्पतियों, वन्य प्राणियों, प्रवासी व स्थानीय पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ भोजन, औषधि, आजीविका व आय के संसाधन उपलब्ध कराने में  इन वेटलैंड्स की बड़ी भूमिका है। केवल जलीय पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि जीव-जंतु की पारिस्थितिकी भी इन वेटलैंड्स पर निर्भर करती है। यह प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ ध्यान आकर्षित करने का माध्यम भी बनती है। पार्वती और अरगा प्राकृतिक झील प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं। यह भारत के उस विरासत का प्रतीक है, जो सरयू नदी के कारण सैकड़ों वर्ष पहले प्राकृतिक झील बना। इसका स्वरूप आज भी उसी रूप में है। यहां प्रवासी व स्थानीय पक्षी बैठे हैं। हजारों किमी. की दूरी तय कर वे हर बार यहां आते हैं। गर्मी बढ़ने पर अपने देश जाने लग जाएंगे। यह अपने साथ वहां की परिस्थितियों से भी हमें अवगत कराने को प्रेरित करती है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व वेटलैंड्स डे पर रविवार को गोंडा के पार्वती अरगा पक्षी विहार में 'हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण' विषयक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सीएम ने विभिन्न पुस्तकों का विमोचन, प्रदर्शनी का अवलोकन और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया।  

पर्यटन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम 

सीएम ने कहा कि पर्यटन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम है। ईको, हैरिटेज, स्प्रिचुअल टूरिज्म रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम बनता है। यहां से 20 किमी. दूर अयोध्या में 2016 में महज 2.35 लाख पर्यटक आए थे। हमारी सरकार ने वहां कनेक्टिविटी ठीक की, थोड़ी सुविधाएं बढ़ाईं तो 2024 में 16.11 करोड़ लोग यहां आए। इससे रोजगार में काफी वृद्धि हुई। गाइड, रेस्तरां, टैक्सी, होटल, होम स्टे, टेंट सिटी, फूल-पत्ती, व्यवसाय आदि के जरिए भी लोगों का रोजगार बढ़ा। 

पुत्र के रूप में हमारा दायित्व है मां की सुरक्षा करना 

सीएम ने कहा कि धरती हमारी माता है। पुत्र के रूप में मां का संरक्षण व सुरक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी साइट अतिक्रमण की चपेट में आती है। बेरतरतीब निर्माण कार्य होता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है। अनेक वेटलैंड इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। इससे जीव-जंतुओं की प्रजातियां भी नष्ट होती हैं। इसी को ध्यान में रखकर रामसर अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड कन्वेंशन (यह ईरान के अंदर है) में 1971 में तय हुआ था कि दुनिया को बचाना है तो इस पर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि आजादी के बाद मात्र 23 रामसर साइट्स तैयार हुए थे। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 10 वर्ष में इसे बढ़ाकर 89 तक पहुंचाने में सफलता हासिल की गई। यूपी में भी इस साइट्स के संरक्षण के निरंतर प्रयास करने पड़ेंगे। 

आत्मनिर्भरता की दिशा में बहुत बड़ा काम कर सकती है महिला स्वयंसेवी समूह 

सीएम ने कहा कि पार्वती अरगा वेटलैंड्स में आसपास के गांवों को जोड़ने और महिला स्वयंसेवी समूह को प्रोत्साहित करते हुए अमेजन के साथ मिलकर उनके उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री हो सके, इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने प्रयास प्रारंभ कर दिया है। अभी तक उत्पाद अच्छा बनता था, लेकिन मार्केटिंग व पैकेजिंग समस्याएं थीं। अब अच्छी पैकेजिंग हो रही हैं, मार्केटिंग के लिए ऐसी संस्थाएं भी आ रही हैं। सीएम ने कहा कि महिला स्वयंसेवी समूह आत्मनिर्भरता की दिशा में बहुत बड़ा काम कर सकती है। 

वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रत्येक परिवार को बनाना पड़ेगा आत्मनिर्भर 

सीएम ने कहा कि पांच-सात साल पहले तक किसी आयोजन पर लोग चीन के प्रोडक्ट का गिफ्ट देते थे, लेकिन आज उपहार स्वरूप ओडीओपी का उत्पाद दिया जाता है। इससे लोकल मार्केट सुदृढ़ होता है। ढेर सारे लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। महिला स्वयंसेवी समूह के माध्यम से भी बढ़ने वाले कार्य भी आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करेंगे। ग्राम पंचायत व प्रत्येक परिवार को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा। आत्मनिर्भरता का लक्ष्य यदि इस माध्यम से बढ़ा लेंगे तो तीन से चार वर्ष में यूपी की इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे। 

टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने से अवध क्षेत्र होगा विकसित 

सीएम ने कहा कि टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने से यह मंडल व अवध क्षेत्र को ईको टूरिज्म के बहुत बड़े केंद्र के रूप में विकसित कर देगा। कनेक्टिविटी की जिम्मेदारी यूपी सरकार लेगी। पार्वती व अरगा वेटलैंड्स को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के साथ जोड़ने के लिए भी सरकार कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि आज से 8 वर्ष पहले हुए सर्वे में गोण्डा देश का सबसे गंदा जनपद था, लेकिन आज गोंडा की रैंकिंग अच्छी आती है। आज यहां मेडिकल कॉलेज बन गया है। 100 वर्षों से जिन वनटांगिया को अधिकार नहीं मिला था, उन्हें आज अधिकार भी प्राप्त हुआ और सम्मानित जीवन भी व्यतीत कर रहे हैं।  

प्रदूषण पैदा करने वाले तत्वों को रोकेंगे तो कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा
 
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने 2070 में नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने को कहा है। जब हम प्रदूषण पैदा करने वाले तत्वों को रोकेंगे तो कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा। पहले लकड़ी, फिर केरोसिन पर भोजन बनता था। दुष्परिणाम के कारण इसमें सुधार किया गया और देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। 

यूपी में आठ वर्ष में किए गए 210 करोड़ पौधरोपण 

सीएम ने कहा कि यूपी सरकार के नेतृत्व में हुए प्रयास से यूपी का ग्रीन कवर बढ़ा है। आठ वर्ष में 210 करोड़ पौधरोपण किया गया। इसमें 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। कहीं-कहीं अच्छे जंगल भी बन चुके हैं। अच्छा फॉरेस्ट कवर भी हुआ है। गोरखपुर में जटायु संरक्षण केंद्र भी बनाया गया है। सीएम ने विश्वास जताया कि  वनाच्छादन की वृद्धि में नए प्रयास निरंतर आगे बढ़ेंगे। 

मुख्यमंत्री ने तीन पुस्तकों का मंच से किया विमोचन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंच से तीन पुस्तकों का विमोचन किया।  उन्होंने पुस्तक 85 रामसर फैक्ट, पार्वती अरगा की प्रबन्धन योजना एवं गोंडा जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई पुस्तक "वन टांगिया: संघर्ष से सशक्तिकरण तक" का विमोचन किया। यह पुस्तक जनपद के पांच वनटांगिया गांवों में रहने वाले परिवारों के जीवन में आए परिवर्तन को दर्शाती है। इसमें उनके संघर्ष, सामाजिक एवं आर्थिक विकास, तथा सरकारी योजनाओं के प्रभाव को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। यह दस्तावेज वनटांगिया समुदाय के सशक्तिकरण की प्रेरणादायक गाथा को उजागर करता है, जो प्रशासनिक प्रयासों और जनसहभागिता के माध्यम से संभव हुआ। यह पुस्तक समाज के वंचित वर्गों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
सीएम के हाथों सम्मानित हुईं विजेता  

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया। पुरस्कार स्वरूप तीन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सीएम व केंद्रीय मंत्री ने पुरस्कृत किया। तीनों प्रतियोगिताओं की विजेता बालिकाएं ही रहीं। तीनों चित्रकला प्रतियोगिता में श्रद्धा मौर्या (कक्षा-8) विजयी रहीं। इन्हें तीन हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। क्विज की विजेता अदिति लांगोरी (कक्षा-9) को तीन हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र दिया गया। नुक्कड़ नाटक की विजेता अर्चिता सिंह (कक्षा-12) 20 हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

टिकरी जंगल को ओपन सफारी योजना में किया गया शामिल - कीर्तिवर्धन सिंह 

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन व विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे इस पार्वती अरगा पक्षी विहार में 50 से अधिक प्रजातियों के एक लाख से अधिक संख्या में पक्षी आते हैं। अगर हम इन पक्षियों का रखरखाव व संरक्षण करें तो इस क्षेत्र को ईकोटूरिज्म का बढ़ावा मिलेगा साथ साथ ही साथ आसपास के लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्रालय से आठ हजार हेक्टेयर में फैले टिकरी जंगल में ओपन सफारी योजना तैयार कर ली है। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा अरगा ब्रांड का अमेजॉन के साथ एमओयू साइन करने को लेकर बधाई दी। 
कार्यक्रम ये मंत्रीगण व अधिकारीगण रहे मौजूद 
पूरे कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ मंत्री एवं अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन एवं विदेश मंत्रालय भारत सरकार
 कीर्तिवर्धन सिंह, उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री एवं गोंडा के प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन, एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार के पी मलिक, मनकापुर विधायक रमापति शास्त्री, कर्नलगंज विधायक अजय कुमार सिंह, तरबगंज विधायक प्रेम नारायण पांडेय, कटरा बाजार विधायक  बावन सिंह, गौरा विधायक  प्रभात वर्मा, मेहनौन विधायक  विनय द्विवेदी, गोण्डा सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह, विधान परिषद सदस्य श्री अवधेश सिंह 'मंजू', जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्र जी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप,डीजी फारेस्ट  सुशील कुमार अवस्थी जी, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन अनिल कुमार, मण्डलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील, डीआईजी अमित पाठक, डीएम नेहा शर्मा, एसपी विनीत जायसवाल सहित केंद्र एवं राज्य के कई अधिकारीगण व ईकोटूरिज्म में रूचि रखने वाले कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।

2019 में घोषित किया गया था रामसर साइट*

2019 में, पार्वती अर्गा पक्षी अभयारण्य को रामसर साइट घोषित किए जाने की प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई। रामसर साइटें अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स हैं, जिन्हें वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त है। पार्वती अर्गा पक्षी अभयारण्य 10.84 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है । किसी पक्षी अभयारण्य या किसी संरक्षित क्षेत्र का आकार महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पक्षी प्रजातियों के लिए उपलब्ध स्थान और आवास को निर्धारित करता है।पार्वती अर्गा पक्षी अभयारण्य का 10.84 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पक्षियों की प्रजातियों को घोंसला बनाने, प्रजनन करने, आराम करने और मानवीय गतिविधियों से होने वाली परेशानी के बिना भोजन खोजने के लिए एक निर्दिष्ट स्थान प्रदान करता है। यह पक्षियों के लिए एक संरक्षित आश्रय के रूप में कार्य करता है और उनके संरक्षण और समग्र पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य में योगदान देता है। 

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Feb 02 2025, 18:46

महिला शक्ति संगठन कि 13वीं वर्षगांठ मनाई गई 


संभल । महिला शक्ति संगठन हयातनगर ने गत वर्षो की भांति बसंत उत्सव तथा अपनी समीति की वर्षगांठ को बहुत धूमधाम से मनाया यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि महिला शक्ति संगठन कि यह 13वीं वर्षगांठ मनाई गई है ।

ाह कार्यक्रम गायत्री आर्य के कोल्ड स्टोर में आयोजित किया गया ।सबसे पहले रिचा बाष्णेय ने गणेश स्तुति के द्वारा कार्यक्रम का श्री गणेश किया तदोपरांत समिति की अध्यक्ष दीपा बाष्णेय ने अतिथियों के साथ फूल माला आदि पहनाकर मां सरस्वती के रूप में सजी छोटी कन्या का पूजन किया। बृजबाला देवी ने गणेश वंदना गायी । कार्यक्रम में एंकरिंग खुशबू बाष्णेय के द्वारा की गई  छोटी छोटी बच्चियों ने बहुत ही सुंदर नृत्य किया इसमें समाज के कुछ लोगों को सम्मानित भी किया गया समिति की महिलाओं ने मिलकर बसंत उत्सव केव  देवी शारदे के भजन आदि गाए एडवोकेट देवेंद्र वार्ष्णेय तथा जगत आर्य को  कुलभूषण के रूप में सम्मानित किया गया एक मुस्लिम बच्ची सेलिना बी को भगवान की सुंदर पेंटिंग बनाने केलिए सम्मानित किया गया इसमें मुख्य अतिथि के रूप में संभल से गोपाल जी विशिष्ट अतिथि के रूप में कल्पना वार्ष्णेय और पुष्पा देवी रही कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपा बाष्णेय ने की। 

उन्होंने देवी सरस्वती का प्रकट्य कैसे हुआ था तथा मनुष्य को बणी कैसे मिली थी इस पर प्रकाश डाला ।संगठन की सभी महिलाएं पीले रंग के कपड़ों में बहुत ही सुंदर लग रही थी। कार्यक्रम में खुशबू अंजना कुसुम लता, बृजबाला कविता साधना प्रीति प्रतीक पुष्पा देवी मधु गुप्ता रिचा 1 रिचा2 नीलिमा निशि छाया माधुरी नेहा लक्ष्मी बर्षा विनीता शशि ममता दीप्ति मंजू नीलम सोनिया कामिनी आदि बहने उपस्थित रहीं। 

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Feb 02 2025, 18:45

अल्पसंख्यक विद्यालय व मुस्लिम तन्जीमों ने स्नानार्थियों के लिए खोले दिल के द्वार

गुफरान खान 

प्रयागराज। कुम्भ मेले के दौरान भगदड़ के बाद शहर यातायात व्यवस्था व प्रशासन असहाय हो गया और स्नानार्थियों खुले में एक सड़क से दुसरी सड़क नापते नापते थक गए और कहीं आश्रय नहीं मिला तो मस्जिद इमामबाड़े और अल्पसंख्यक विद्यालय के द्वारा लोगों के खोल दिए गए।चौक कोतवाली की जामा मस्जिद अल्पसंख्यक विद्यालय यादगारे हुसैनी इन्टर कॉलेज का गेट प्रबन्धक गौहर काजमी ने अपनी स्वेच्छा से खोल दिया।लगभग पांच सौ श्रद्धालुओं के लिए रानी मन्डी मोहल्ले के लोग भी अपने घरों से चादर कम्बल लेकर श्रद्धालुओं की सेवा में लग गए ।

वहीं कोई घर से चाय बना कर तो कोई बिस्किट आदि लेकर आवभगत में लगा रहा वहीं कालेज प्रबन्धक गौहर काजमी, शिक्षक रजा अब्बास जैदी समेत अन्य स्टाफ भी तीन दिनों से यादगारे हुसैनी इन्टर कालेज में शरण लिए श्रद्धालुओं के भोजन पानी के साथ अन्य व्यवस्थाओं को लगे रहे।वहीं मुस्लिम तन्जीमों में शिया सुन्नी इत्तेहाद कमेटी के एडवोकेट किताब अली ,काशान सिद्दीकी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी,हसनी हुसैनी फाउण्डेशन के सद्र वजीर खान ,सपा नेता व समाजसेवी तारिक खान , पूर्व पार्षद निजाम उद्दीन ,हाजी ओवैसी हसन ,फुरकान हसन , अन्जुमन गुन्चा ए कासिमिया के सेक्रेटरी मिर्ज़ा अजादार हुसैन आदि ने स्नानार्थियों के अकाल मौत पर शोक जताया वहीं बाद नमाज ए जुमा शोक सभा कर मृत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना भी की। 

समाजसेवी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने कहा जिस समुदाय को मेले में जाने रोके जाने की बात अब तक सुर्खियों में थी आज वहीं समुदाय ने भारतीयता और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कि चाहे कांग्रेस के नेता हसीब अहमद हों ,इरशाद उल्ला हों  या एम आई एम के नेता अफसर महमूद सपा नेता महबूब उस्मानी या अन्य मुस्लिम तन्जीमों के सदस्य सभी एकता की मिसाल बन कर सामने आए और बिना भेद भाव सभी के लिए खाने पीने कम्बल चादर और चाय बिस्किट का तोहफा भेंट कर अपने आप को सच्चा और देश भक्त मुस्लिम साबित करने में हर कदम तत्पर देखे गए। 

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Feb 02 2025, 18:45

डीसी मनरेगा बीडीओ ठुडवलिया आदमतारा ग्राम पंचायत में कब तक होती रहेगी मनरेगा में लूट





बलरामपुर जिलाके पचपेड़वा ब्लॉक में आदम तारा ग्राम पंचायत में श्रमिकों को रोजगार की गारंटी देने वाली केंद्र की मनरेगा योजना जिम्मेदार के लिए दूधारू गया सबिता हो रही है। योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है साथ ही रोजगार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। योजना में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु एमएमएस सिस्टम लागू किया गया है जिसमें साइड पर जो मनरेगा मजदूर काम करते हैं उनके मस्टरोल में आनलाइन हाजिरी रोजगार सेवाक या मेठ
द्वारा लगानें का नियम है।एसके अनुसार मजदूरों का काम करते हूए फोटो ग्राफ्स भी अपलोड किया जाता है जों फोटो साफ सुथरी और ऊंचे स्थान से खड़े होकर खींच गया हो जिसमें मजदूरो का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई दे कि जिन मजदूरों
की हाजिरी मस्टरोल में लगी हो वही
मजदूर फोटो में प्रदर्शित हो लेकिन विकास खंड आदम तारा बीडीओ डीसी मनरेगा की लापरवाही
से आदम तारा ठुडवलिया ग्राम पंचायत प्रधान व मनरेगा स्टांप की मिली भगत से शासन के नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है। मामला विकास खंड पचपेड़वा ठुडवलिया ग्राम पंचायत आदम तारा ग्राम पंचायत का है जहां मस्टरोल में जितने
मजदूरों की हाजिरी लगी है वे अपलोड फोटो में कही नजर नहीं आ रही है। साइड पर सिर्फ चार व सात मजदूर मौके पर कार्य करते हुए पाए गए वहीं सात  

ठुडवलिया  मस्टरोल में 6  52 ऑनलाइन हाजिरी
मौके पर 12 श्रमिक काम करके मिले

मस्टरोल में 16
मजदूरों की हाजिरी लगाई जा रही हैं।कई दिनों से कार्य चल रहा है मिट्टी पटाई कराईं जा रही है
शिकायत गांव के एक व्यक्ति ने की तो उसकी खबर मीडिया में प्रकाशित हुई तो प्रधान ने खनन बनने में चार मजदूर को लगाकर काम स्टार्ट कर दिया जबकि मौके पर केवल सात श्रमिकों जबकि चल रहे दोनों साइटों पर 331 श्रमिक की आन लाइन हाजिर लगाई गई है।