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Jan 13 2025, 19:26

संगम पर स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच में गूंजे जय श्री राम, हर हर गंगे के जयकारे


महाकुम्भनगर/ प्रयागराज। महाकुम्भनगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बन गया है। यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े। इस दौरान स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच समेत कई विदेशी भाषाओं में जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारों से संगम का वातावरण गूंज उठा।

संगम घाट बना वर्ल्ड हॉटस्पॉट
महाकुम्भ का संगम घाट इस बार दुनिया के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र बना गया है। देश के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इसे आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है। जर्मनी की रहने वाली क्रिस्टीना ने बताया कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। मैंने महाकुम्भ के बारे में सुना जरूर था, लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है। क्रिस्टीना का जन्म इक्वाडोर में हुआ था। बाद में इनके माता पिता जर्मनी में बस गए। इक्वाडोर के निवासी उनके साथी भी भारत की आध्यात्मिकता से अभिभूत नजर आए। उनका कहना था कि गंगा में डुबकी लगाकर ऐसा महसूस हुआ, जैसे सभी पाप धुल गए हों।

न्यूयॉर्क के हेल्परिन ने समझी भारतीय संस्कृति की गहराई  
न्यूयॉर्क से आए फैशन डिजाइनर कॉबी हेल्परिन ने कहा, भारत की संस्कृति और परंपराओं को इतने भव्य रूप में देखना मेरे लिए एक नया अनुभव है। महाकुम्भ ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है। यहां आकर उन्हें गौरव का अहसास हो रहा है। 

रूस के मिखाइल के लिए जीवन का सबसे खूबसूरत मौका
रूस से आए मिखाइल और उनके दोस्तों ने संगम घाट पर गंगा स्नान कर हर हर गंगे के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा, मैंने महाकुम्भ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है। यह हम सभी के लिए कभी न भूलने वाला क्षण है।

इटली और आॅस्ट्रेलिया से आए श्रद्धालु बोले, दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन
इटली से आए पाउलो ने अपने 12 सदस्यीय दल के साथ महाकुम्भ में संगम स्नान कर पावन पुण्य कमाया। उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा, दुनिया में इतना बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहीं और संभव नहीं है। यह भारत की महानता को दशार्ता है। उत्तर प्रदेश में यह आयोजन हो रहा है, इसके लिए यहां के शासक (सीएम योगी) भी बधाई के पात्र हैं। इसी तरह, आॅस्ट्रेलिया से आए एलेक्स ने बताया कि जर्मनी में उनके दोस्तों ने उन्हें महाकुम्भ के बारे में बताया था। भारत आकर उन्होंने इस अद्वितीय आयोजन का अनुभव किया और इसे अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताया।

सनातन संस्कृति का विश्वव्यापी आकर्षण
महाकुम्भ इस बार न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और गंगा के महत्व को समझने और अनुभव करने के लिए उमड़ पड़े। यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि विश्व एकता और आध्यात्मिकता का संगम भी है। महाकुम्भ एक ऐसा आयोजन है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा। 

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Jan 12 2025, 12:41

मोहरगंज बाजार में पुलिस के नाक के नीचे ओम जवेलर्स आभूषण की दुकान में लाखो की भीषण चोरी 


चहनियाँ चंदौली l बलुआ थाना क्षेत्र के मोहर गंज चौकी से महज एक सौ मीटर की दुरी पर स्थित पुलिस के नाक के नीचे मोहरगंज बाजार में मौजूद ओम ज्वेलर्स आभूषण की दुकान से  शनिवार की देर रात हौशला बुलंद चोरो ने  लगभग 10 लाख से ज्यादा क़ीमत के सोने, चांदी के आभूषण सहित एक लाख रूपये नकदी ki चोरी कर चोर फरार हो गए ।

मिली जानकारी के अनुसार मोहरगंज बाजार स्थित पुलिस चौकी से महज सौ मीटर की दुरी पर मौजूद ओम जवेलर्स की दुकान के मालिक दीपू सेठ ने प्रतिदिन की भांति सायं दुकान बंद कर घर पर चले गए थे l इसी बीच शनिवार की रात लगभग दो बजे केआस पास हौशला बुलंद चोरो ने दुकान के सामने लगे सी सी कैमरा के  सामने पहुंचकर कैमरा को क्षतिग्रस्त करते हुए सटर का ताला तोड़कर दुकान में घुस गए और   लोहे कि अलमारी का ताला काटकर उसमे रखे गये कई थान सोने व चांदी के आभूषणो व एक लाख रूपये नकदी सहित अन्य सामान निकाल कर बगल स्थित एक निर्माणाधीन कतरे में लें जाकर सभी आभूषण निकलकर लें लिया तथा खाली डिब्बा छोड़कर फरार हो गए ।

सुबह होने पर आस पास के लोगो ने ज़ब दुकान का टुटा सटर खुला हुआ देखा तो दुकान के मालिक दीपू सेठ को चोरी जानकारी दी मौके पर पहुंच कर चोरी की घटना देख फफक फफक कर रोने लगा और लोगो ने किसी प्रकार समझाकर शांत किया और चोरी की घटना की सूचना मोहरगंज पुलिस चौकी प्रभारी व बलुआ थाना प्रभारी को मोबाईल से सूचना दिया l घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर जाँच पड़ताल किया l दुकान के मालिक दीपू सेठ  ने बताया कि चोरो ने दुकान में  लगभग  दस लाख रूपये से ज्यादा के सोने, चांदी  के गहने व एक लाख नकद चोरी हुआ हैंl 
उधर ग्रामीणों का कहना हैं कि चोरो ने पुलिस को खुलेआम चुनौती देते हुए चोरी कि घटना को अंजाम दिया हैं  l ग्राम प्रधान नारद यादव सराय रसूलपुर ने पुलिस से तत्काल घटना का पर्दाफाश करने कि मांग किया हैं lमौके पर पहुचे  हमराहीयों के साथ बलुआ थाना प्रभारी डॉ0 आशीष कुमार मिश्रा गहनता से छान - बीन  कर रहे हैं । 

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Jan 12 2025, 12:24

खादी को भारत का स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक: सीएम योगी 


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खादी महोत्सव 2025 का भव्य उद्घाटन करते हुए कहा कि जिस प्रकार खादी स्वदेशी की पहचान बनी उसी प्रकार उत्तर प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की विशिष्ट पहचान बन गई है। हर जिले का एक उत्पाद अब न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान को उत्तर प्रदेश ने पूरे प्रदेश में सबसे प्रभावी ढंग से लागू किया है। उन्होंने कहा कि हर जिले के उत्पाद न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि हस्तशिल्प और उद्यमिता को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

सीएम योगी ने प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार काे खादी महोत्सव 2025 का भव्य उद्घाटन किया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस सप्ताहव्यापी महोत्सव में देशभर से आए खादी और हथकरघा उत्पादों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। सीएम योगी ने प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया और उत्पादों की जानकारी ली। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी खादी को भारत का स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।

 खादी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि भारत का स्वाभिमान 

सीएम योगी ने कहा कि खादी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि भारत का स्वाभिमान है। महात्मा गांधी ने इसे एक आंदोलन बनाया, जिसने आजादी की लड़ाई को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। चरखे ने देशवासियों को न केवल रोजगार का साधन प्रदान किया, बल्कि यह राष्ट्रीय आंदोलन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बना। आज, आधुनिक युग में यह मैनुअल, सोलर और इलेक्ट्रिक चरखों के रूप में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि खादी न केवल एक कला है, बल्कि समाज की आवश्यकता भी है।

पर्यावरण संरक्षण और रोजगार का जरिया बनी माटी कला बोर्ड- योगी

महोत्सव में माटी कला बोर्ड द्वारा प्रस्तुत उत्पादों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी से बने बर्तनों ने थर्माकोल और प्लास्टिक का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि माटी कला उद्योग से जुड़े प्रजापति समुदाय को तालाबों से मुफ्त मिट्टी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे वर्षभर बर्तन बना सकें। माटी कला न केवल रोजगार का साधन बनी है, बल्कि दीपोत्सव जैसे आयोजनों ने इसे हर घर की परंपरा में शामिल कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने शहद उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है, बल्कि तिलहनी फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाता है। उन्होंने इसे "आम के आम, गुठली के दाम" की संज्ञा दी और कहा कि मधुमक्खियां फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करती हैं।

स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का किया जा रहा प्रयास

मुख्यमंत्री योगी ने जोर देते हुए कहा कि सरकार ने खादी, माटी कला और अन्य उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए तंत्र विकसित किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन लाभार्थियों को सोलर या इलेक्ट्रिक चाक, चरखा आदि प्रदान किए गए हैं, वे अपनी आय का एक हिस्सा बचत के रूप में सुरक्षित रखें और अन्य लोगों को स्वावलंबन के मार्ग पर प्रेरित करें। उन्होंने का कि यह "स्वावलंबन की चेन" है। योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्ष में 3.5 लाख से अधिक लोगों को अकेले इस विभाग ने खादी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दिया है।

आज त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों को मिल रही प्राथमिकता- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब लोग त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने चीन निर्मित उत्पादों के स्थान पर स्थानीय हस्तशिल्प और ओडीओपी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले त्योहार हमारा होता था सामान चीन से बिकने के लिए यहां पर आता था। वे लोग शरारत भी करते थे, उत्पादों में ऐसा जहर मिलते थे कि बच्चे छूते थे तो बीमार हो जाते थे, बहुत सारे लोगों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा बना रहता था। स्थानीय उत्पाद न केवल हमारे कलाकारों को रोजगार देते हैं, बल्कि भारत के विकास में भी योगदान करते हैं।

उद्यमियों को एक व्यापक मंच प्रदान करता है खादी महोत्सव

खादी महोत्सव को एक व्यापक मंच बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव कलाकारों, बुनकरों, और उद्यमियों को अपनी कला प्रदर्शित करने और नई तकनीकों को सीखने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव न केवल खादी और ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि देशभर के कलाकारों और उद्यमियों को एक मंच पर ला रहा है। मुख्यमंत्री ने खादी के अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग का उल्लेख करते हुए इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि खादी और हथकरघा के उत्पाद पर्यावरण अनुकूल हैं और आधुनिक फैशन में भी लोकप्रिय हो रहे हैं।

ग्राम उद्योग के द्वारा वहां पर स्थापित किए गए

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि महाकुम्भ में 240 से अधिक स्टॉल खादी और ग्राम उद्योग के द्वारा वहां पर स्थापित किए गए हैं, जिसके माध्यम से खादी का प्रचार-प्रसार होगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि खादी के वस्त्र ठंड के मौसम में गर्म होगा लेकिन गर्मियों में वही कपड़ा बॉडी को ठंडा रखता है। यही हमारे उत्पाद की पहचान है जो समय के अनुरूप हमें हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहायक होता है। 

हस्तशिल्प की प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा

सीएम योगी ने कहा कि इस महोत्सव की तर्ज पर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी खादी और हस्तशिल्प की प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने माटी कला के 5 लाभार्थियों को टूलकिट और प्रमाणपत्र वितरित किए। इस अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान, प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर सहित कई गणमान्य अधिकारी और कलाकार उपस्थित रहे। 

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Jan 12 2025, 12:23

बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड, यूनिट रौजागाँव के ऊपर गन्ना खरीद में असमानता के आरोप तथ्यहीन

अयोध्या ।बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड, यूनिट रौजागाँव विभिन्न वाह्य गन्ना खरीद केन्द्रो तथा गेट एरिया मे समानुपातिक गन्ना खरीद के विषय पर सौहार्दपूर्ण वातावरण मे उप गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता मे उप गन्ना आयुक्त कार्यालय, जनपद अयोध्या मे समीक्षात्मक बैठक संपन्न हुई।बैठक मे उप गन्ना आयुक्त अयोध्या संजय गुप्ता, जिला गन्ना अधिकारी अयोध्या हुदा सीदीकी, चीनी मिल के उप महाप्रबंधक (गन्ना) हरदयाल सिंह, किसान यूनियन नेता दिनेश दूबे व श्रीराम वर्मा बैठक मे उपस्थित रहे। 

बैठक मे उपस्थित सभी गणमान्य के समक्ष उप गन्ना आयुक्त अयोध्या द्वारा गन्ना खरीद व इडेण्ट की तुलनात्मक समीक्षा की गयी। जिसमे असमान गन्ना खरीद की शिकायत निराधार साबित हुई। रौजागावं चीनी मिल विभागीय नियमानुसार सभी क्रय केन्द्रो पर समानुपातिक आधार पर खरीद पर खरी उतरी है। खरीद सूचना का तुलनात्मक विवरण व जारी इडेण्ट की सूचना जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दी गयी है।

चीनी मिल के उप महाप्रबंधक (गन्ना) हरदयाल सिंह ने बताया की गन्ना खरीद की उचित पुष्टि के लिए साक्ष्य सहित सूचना चीनी मिल रौजागावं कार्यालय मे उपलब्ध है। बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड, यूनिट – रौजागाँव विभागीय नियमो के अनुसार समानुपातिक खरीद का कठोरता से पालन कर रही है। उप गन्ना आयुक्त एवम् जिला गन्ना अधिकारी, अयोध्या की गहन निगरानी और निर्देशन मे खरीद व इडेण्ट जारी किया जाता है। इस प्रकार असमान गन्ना खरीद के आरोप तथ्यहीन, निराधार तथा भ्रामक है। 

बैठक के दौरान किसान यूनियन के नेता दिनेश दुबे से  जिला गन्ना अधिकारी, अयोध्या द्वारा पूछे गए प्रश्नो का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया न ही दिनेश दुबे ने मीटिंग का बहिष्कार किया, साथ ही चीनी मिल के उप महाप्रबंधक (गन्ना) हरदयाल सिंह ने बताया की चीनी मिल ने दिनांक 06-01-2025 तक खरीद किए गए का गन्ने का भुगतान दिनांक 10-01-2025 को किसानो के बैंक खाते मे  भेज  दिया गया है। 

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Jan 11 2025, 15:27

महाकुंभ में 144 साल बाद दुर्लभ ग्रह संयोग, जानिए कैसे ‘देवताओं की भूल’ ने रचा महापर्व?
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही. महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में आस्था और परंपरा का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह मेला चार पवित्र स्थलों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन - में से किसी एक पर आयोजित होता है। लेकिन इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय स्थिति बन रही है। यह संयोग उस कहानी से जुड़ा है जिसे हिंदू धर्म में देवता की एक गलती के रुप में देखा जाता है। 

महाकुंभ का पौराणिक महत्व समुद्र मंथन की घटना से जुड़ा है। जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। कथा के अनुसार,जब अमृत कलश को लेकर देवता भाग रहे थे,तब इंद्र के पुत्र जयंत ने इसे बचाने के लिए चारों स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन पर इसकी बूंदें गिरा दी। यह देवताओं की रणनीतिक गलती मानी जाती है क्योंकि इससे अमृत का महत्व इन स्थानों पर केंद्रित हो गया। इन स्थानों को पवित्र मानते हुए कुंभ मेले की परंपरा की शुरुआत हुई। 144 साल बाद 2025 में यह मेला इसलिए भी खास है क्योंकि सूर्य, चंद्रमा,शनि और बृहस्पति ग्रहों की स्थिति उस खगोलीय संयोग को दोहराने जा रही है जो अमृत मंथन के समय बना था। 

आचार्यों का मानना है कि यह स्थिति बेहद शुभ मानी जाती है और इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने के लिए जहां जुटते हैं।इस बार महाकुंभ में बाबा बड़े शिव धाम के प्रसिद्ध आचार्य शरद पांडेय भी महायज्ञ में आहूति देंगे एवं साधना करेंगे। शाही स्नान करके विश्वास के कल्याण के लिए कामना करेंगे।

इतिहास में भी कुंभ मेले का गहरा महत्व देखने को मिलता है। 7‌ वीं शताब्दी के चीनी यात्री ह्नेनसांग ने अपने यात्रा वृत्तांतों में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर आयोजित एक विशाल धार्मिक आयोजन का जिक्र किया था,जो कुंभ मेले से मेल खाता है ‌ तब लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर पवित्र जल में स्थान करते थे। कुंभ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। खगोलीय संयोग के दौरान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है जो मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यही कारण है कि कुंभ मेले को आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि भौतिक दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है। 

आधुनिक समय में भी यह आयोजन उस गलती को श्रद्धा के रुप में मनाने का प्रतीक है, जो देवताओं द्वारा अनजाने में हुई थी और जिसने इन चार स्थानों को अनंतकाल के लिए पवित्र बन दिया। इस महाकुंभ में देवता की गलती का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि यह आस्था,परंपरा खगोल विज्ञान और इतिहास का ऐसा संगम है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न‌ई ऊंचाइयों पर ले जाता है। 

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Jan 11 2025, 13:25

सेमराधनाथ धाम गंगा घाट पर हजारों भक्त लगाते है आस्था की डूबकी, डेढ़ माह तक तनी रहतीं हैं तंबुओं की नगरी
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही-जिले के धार्मिक एवं ऐतिहासिक बाबा सेमराधनाथ धाम में डेढ़ माह तक कल्पवास मेला आयोजित होता है। आस्थावान तंबुओं की नगरी नगरी बनाकर ईश्वर की आराधना, पूजा,स्थान आदि करतें। तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई है, लेकिन उसे आयोजकों द्वारा नाकाफी बताया जा रहा है।‌ प्रशासन से अलग से बजट एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग हुई है। बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। प्रमुख स्नान को चंद दिन शेष बचे हैं। 13 एवं 14 जनवरी को आस्थावान पतित पावनी में अमृत स्नान करेंगे। उक्त तिथि को जिले के सेमराधनाथ धाम में भी 15 हजार से अधिक लोग मोक्षदायिनी में स्थान को आते हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में कल्पवास मेले में करीब दो माह तक रहकर स्नान एवं ध्यान लगाते हैं। आस्थावानों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हो इसे लेकर गत दिनों डीएम ने बैठक लिया था। साथ एक जनवरी को मेले का पूजन करके शुभारंभ भी। लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग समेत कई विभागों के अफसरों एवं कर्मियों ने वहां पर डेरा डालकर खामियों को दुरुस्त कराने का काम किया है। मेला आयोजन के स्वामी करूणा दास जी महाराज ने कहा कि 140 कैंप लगना चाहिए, लेकिन अभी तक ही लगा है। चकर प्लेट 115 है जबकि जरुरत ढाई सौ की है।कहा कि मेला आयोजन को सरकार की ओर से अतिरिक्त बजट दिया जाए तो इसे और भव्य बनाया जा सकता है। पूर्वांचल के जिलों के साथ ही गैर प्रांतों से लोग यहां स्नान एवं दर्शन को आते हैं ‌।


रामायण कालीन इतिहास को समेट है मंदिर
बाबा सेमराधानाथ गंगा घाट पर महादेव का भव्य एवं ऐतिहासिक मंदिर है। रामायण कालीन इतिहास को समेटे उक्त मंदिर में शिव लिंग करीब 15 फीट नीचे जमीन में है। मंदिर के सुंदरीकरण का कार्य कराया गया है, लेकिन जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ है।‌ क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकार थोड़ा सा ध्यान दे तो उक्त मंदिर सीतामढ़ी के बाद जिले का प्रतिनिधित्व कर सकता है। 

भारत के कोने-कोने से संत आकर यहां पर स्नान ध्यान करते हैं। मेला परिसर में प्रयागराज की सुविधाएं मुहैया कराने को सरकार से अलग से बजट की मांग लगातार की जा रही है। बिना उस पर अमल किए, क्षेत्र एवं मंदिर का विकास नहीं होगा। इस दिशा में पहल करनी चाहिए । 

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Jan 11 2025, 13:24

सीतामढ़ी में गुलाबी पत्थरों से बनी शिव मंदिर: गंगा किनारे, अनूठी वास्तुकला बनी आकर्षण केंद्र
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव


भदोही- उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में स्थित शिव मंदिरों श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। कोइरौना थाना क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण काशी और प्रयाग के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो रहा है।यह मंदिर सीतामढ़ी पौराणिक नगरी से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान भोलेनाथ का भव्य त्रिशूल है, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा, मंदिर की संरचना में गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है,जो इसकी कला और खूबसूरती को और भी विशेष बनाता है। 

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में सच्चे मन की गई पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। भक्तों का मानना है कि यहां आकर भगवान शिव के दर्शन और पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है। मंदिर का वातावरण भक्तिमय है, और श्रद्धालु यहां पूजा - अर्चना के साथ - साथ गंगा नदी के अद्भुत दृश्यों का आनंद भी लेते हैं।मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर सोमवार और अन्य विशेष धार्मिक अवसरों पर। इन अवसरों पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और भक्तिभाव को और बढ़ावा मिलता है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। 

यह शिव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी एक प्रमुख स्थल बनाता जा रहा है। मंदिर के सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह दूर - दूर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। 

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Jan 10 2025, 12:32

सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया आकाशवाणी के एफएम चैनल 'कुम्भवाणी' का शुभारंभ 


महाकुम्भ नगर, 10 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्किट हाउस में महाकुम्भ के अवसर पर प्रसार भारती के एफएम चैनल कुम्भवाणी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने एफएम चैनल के सफल होने की आकांक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा विश्वास है कि यह एफएम चैनल न सिर्फ लोकप्रियता की नई ऊंचाई हासिल करेगा, बल्कि महाकुम्भ को दूरदराज के उन गांवों तक भी ले जाएगा जहां लोग चाहकर भी यहां नहीं पहुंच पाते हैं। उन लोगों तक इन सुविधाओं के माध्यम से हम महाकुम्भ की हर जानकारी पहुंचाएंगे। 

सीएम ने पीएम मोदी और प्रसार भारती का जताया आभार 

सीएम योगी ने कहा कि दूर दराज में रहने वालों के लिए इस तरह का सजीव प्रसारण कर पाएंगे तो उनको भी सनातन गौरव के इस महासमागम को जानने, सुनने और आने वाली पीढ़ी को बताने का अवसर प्राप्त होगा। सीएम ने कुम्भवाणी चैनल शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना प्रसारण मंत्रालय व प्रसार भारती को भी धन्यवाद दिया। 

जहां कनेक्टिविटी के इश्यू वहां भी पहुंचेगा चैनल  

सीएम योगी ने कहा कि वास्तव में लोक परंपरा और लोक संस्कृति को आम जन तक पहुंचाने के लिए हमारे पास जो सबसे पहले माध्यम था वो आकाशवाणी ही था। मुझे याद है कि बचपन में हम आकाशवाणी के माध्यम से उस समय प्रसारित होने वाले रामचरित मानस की पंक्तियों को बड़े ध्यान से सुना करते थे। समय के अनुरूप तकनीक ब़ढ़ी और लोगों ने विजुअल माध्यम से भी दूरदर्शन के माध्यम से सचित्र उन दृश्यों को देखना प्रारंभ किया। बाद में निजी क्षेत्र के भी कई चैनल आए, लेकिन समय की इस प्रतिस्पर्द्धा के अनुरूप खुद को तैयार करना और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां पर कनेक्टिविटी के इश्यू होते हैं वहां पर  बहुत सारी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रसार भारती के एफएम चैनल ने 2013, 2019 और अब 2025 में भी कुम्भवाणी के नाम पर इस विशेष एफएम चैनल को शुरू करने की कार्यवाही प्रारंभ की है। 

समाज को बांटने वाले देखें यहां पंथ, जाति, सम्प्रदाय का कोई भेद नहीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि सनातन गौरव और गर्व का एक महाआयोजन है, एक महासमागम है। जिसको सनातन धर्म के गौरव और गरिमा को देखना हो तो वो कुम्भ का दर्शन करे, यहां आकर अवलोकन करे। जो लोग एक संकीर्ण दृष्टि से सनातन धर्म को देखते हैं, साम्प्रदायिक मतभेद, भेदभाव या छुआछूत के नाम पर लोगों को बांटने का काम करते हैं उन लोगों को आकर देखना चाहिए कि यहां पर न पंथ का भेद है, न जाति का भेद है, न छुआछूत है, न कोई लिंग का भेद है। सभी पंथ और सम्प्रदाय एक साथ एक ही जगह स्नान करते हैं। सभी लोग एक जगह आकर आस्था की डुबकी लगाकर सनातन गर्व के संदेश को पूरे देश और दुनिया तक लेकर जाते हैं। यह एक आध्यात्मिक संदेश है। इस अवसर पर पूरी दुनिया यहां पर एक घोंसले के रूप में देखने को मिलती है। 

लोगों में सच्ची श्रद्धा का भाव जगाने में महत्वपूर्ण होगी भूमिका

सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के बहुत सारे लोगों का यहां पर आगमन शुरू हो चुका है। वो आस्था की डुबकी लगाकर आध्यात्म की गहराइयों को समझने का प्रयास करना चाहते हैं। यह अद्भुत क्षण है और इस अद्भुत क्षण को प्रसार भारती ने कुम्भवाणी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। पूरे दिन भर के कुम्भ के कार्यक्रमों को न सिर्फ आंखों देखा हाल के माध्यम से बल्कि  महाकुम्भ के आयोजन के साथ जुड़े हुए हमारे धार्मिक उद्धरणों को भी दूर दराज के गांवों में प्रसारित करने का काम कुम्भवाणी करेगा। जब भी हम सनातन धर्म के इस गौरव को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाएंगे तो यह मानकर चलिए कि आमजन के मन में इसके प्रति सच्ची श्रद्धा का भाव होगा।   

आज तो एफएम चैनल युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय

उन्होंने कहा कि जब कोविड महामारी आई थी और लॉकडाउन प्रारंभ हुआ था तब जैसे ही दूरदर्शन ने रामायण सीरियल दिखाना प्रारंभ किया तो दूरदर्शन की टीआरपी बढ़ गई थी। आज तो एफएम चैनल युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। निश्चित रूप से इसका लाभ प्रसार भारती को प्राप्त होगा। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ एल मुरुगन ने सीएम योगी का आभार जताया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक,जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, ओमप्रकाश राजभर, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष नवनीत सहगल उपस्थित रहे। 

103.5 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होगा एफएम चैनल 

महाकुम्भ से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों के लिए प्रसार भारती ने ओटीटी बेस्ड कुम्भवाणी एफएम चैनल की शुरुआत की है। यह चैनल 103.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर प्रसारित होगा। यह चैनल 10 जनवरी से 26 फरवरी तक ऑन एयर रहेगा। इसका प्रसारण प्रातः 5.55 बजे से रात्रि 10.05 तक इसका प्रसारण होगा। 

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Jan 10 2025, 11:03

ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रवेश मंगलम यात्रा के दर्शन को उमड़ा जन आस्था का सैलाब



महाकुम्भ नगर । प्रयागराज की धरती पर संगम तीरे बसे महाकुम्भ नगर में सनातन धर्म की सभी धाराओं और सम्प्रदाय का संगम हो रहा है। सनातन के ध्वज वाहक अखाड़ों के बाद अब शंकराचार्यों का प्रवेश भी महाकुम्भ नगर में हो गया है। कुम्भ क्षेत्र में ज्योतिष्पीठ के  शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों संतो ने हिस्सा लिया। 

प्रवेश मंगलम यात्रा के साथ शंकराचार्य का भी कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

महाकुम्भ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के प्रवेश के बाद अब चारों पीठ के शंकराचार्यों के प्रवेश का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रवेश मंगलम यात्रा शहर के रामबाग से निकाली गई। पत्थरचट्टी राम बाग से शुरू हुई इस प्रवेश यात्रा में हजारों की संख्या में विभिन्न अखाड़ों के साधु संत और वेद बटुक ब्रह्मचारी भी शामिल हुए ।  प्रवेश मंगलम यात्रा में सबसे आगे शंकराचार्य की धर्म पताका और इसके पीछे आदि शंकराचार्य की सवारी चल रही थी। उनके पीछे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भव्य रथ चल रहा था जिसमें सभी दिशाओं से आए मठों , महंत और श्री महंत और  संत मौजूद रहे। 

 सम्पूर्ण भारत की संस्कृति की दिखी झलक

 शंकराचार्य की इस प्रवेश मंगलम यात्रा  में संपूर्ण भारत की संस्कृति जीवंत हो गई। प्रवेश यात्रा में उत्तर, दक्षिण और पूरब पश्चिम सभी दिशाओं की लोक संस्कृति और लोक संगीत की झलक भी देखने को मिली। उत्तराखंड, सिक्किम, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक से आए कलाकारों ने अपनी स्थानीय नृत्य कला और संगीत की प्रस्तुति  दी तो यात्रा में दक्षिण भारत और महाराष्ट्र से आए स्थानीय ड्रम बैंड की प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। महाराष्ट्र का शिवा ढोल बैंड में एक साथ कई दर्जन ढोल की थाप से आसपास का इलाका गूंज उठा। यात्रा में डमरू नृत्य में भी शिव भक्त जमकर झूमे नाचे। 

गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के संकल्प को समर्पित रही प्रवेश मंगलम यात्रा

शंकराचार्य की प्रवेश मंगलम यात्रा का शहर के 108 स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने फूलों से स्वागत किया। प्रवेश यात्रा पत्थरचट्टी से मलाका,  सब्जी मंडी, मोती महल चौराहा, चमेलीबाई धर्मशाला, जानसेनगंज,चौक घंटाघर, बहादुर गंज, कीटगंज होते हुए बांध के रास्ते कुम्भ मेला में प्रवेश करते हुए शंकराचार्य शिविर में पहुंची। यात्रा में शामिल बोध गया मठ के स्वामी सत्यानंद गिरी का कहना है कि सभी संतो के बीच इस प्रवेश यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए सभी लोग आएं। प्रवेश मंगलम यात्रा में कई रथों में भी इस संकल्प को व्यक्त करने वाले पोस्टर लगाए गए थे। 

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Jan 10 2025, 10:20

सीएम योगी ने सभी अखाड़ों के संतों के साथ किया भोजन, भेंट किए उपहार

महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के पहले दिन साधु संतों के साथ रात्रि भोज किया और उन्हें उपहार भी भेंट किया। इस रात्रि भोज में सभी अखाड़ों, खाकचौक, दंडीबाड़ा और आचार्यबाड़ा के पूज्य संत उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित इस भोज के बाद सभी संतों को उपहार भी भेंट किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतों का भोज में सम्मिलित होने के लिए आभार भी जताया। इस अवसर पर सभी साधु संतों ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया और महाकुम्भ के सकुशल और भव्य संपन्न होने की कामना की। 

 संतों का सीएम योगी ने शॉल ओढ़ाकर किया सम्मान

प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित रेडियो ट्रेनिंग हॉल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा आयोजित इस रात्रि भोज कार्यक्रम में सभी अखाड़ों, खाकचौक, दंडीबाड़ा और आचार्यबाड़ा समेत प्रयागवाल के कुल 20 साधु संत सम्मिलित हुए। इनमें  जूना, निरंजनी, उदासीन बड़ा, निर्मल,तीनों वैष्णव अखाड़े (निर्मोही, दिगंबर, निर्वाणी), अग्नि, आवाहन, अटल, आनंद, निरंजनी अखाड़े के पूज्य संत शामिल रहे। खाकचौक से महामंडलेश्वर संतोष दास (सतुआ बाबा) भी उपस्थित रहे।

सीएम योगी के आग्रह पर आए इन साधु संतों को सात्विक भोजन परोसा गया। भोज में सम्मिलित संतों के अनुसार, निर्धारित  जिसमें मूंग और अरहर की दाल, चने का साग, पनीर की सब्जी, आलू-मेथी सोया, मलाई कोफ्ता, मटर निमोना एवं मूंग का हलवा था। भोज के बाद मुख्यमंत्री ने सभी साधु संतों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनका आभार जताया।

सीएम योगी के दौरे के बीच भी श्रद्धालुओं की सुविधा का रहा पूरा ध्यान
 
 महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो दिनी दौरे पर महाकुम्भनगर पहुंचे। सीएम के दौरे को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पुलिस और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह चौकस नजर आईं। हालांकि, इस दौरान श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और बिना किसी समस्या के जारी रही। मुख्यमंत्री के दौरे के बावजूद संगम स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के न सिर्फ जाने दिया गया, बल्कि ये भी ख्याल रखा गया कि उन्हें किसी तरह की समस्या न हो। 

प्रशासन और पुलिस ने महाकुम्भ क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी

मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही प्रशासन और पुलिस ने महाकुम्भ क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी। डीआईजी महाकुम्भ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने पुलिसकर्मियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। साथ ही श्रद्धालुओं की सहूलियत का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया था। इसी को देखते हुए सीएम योगी के दौरान सुरक्षा और सुगमता दोनों का ख्याल रखा गया। सुरक्षा इंतजामों के बावजूद श्रद्धालुओं के आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने पाई। 

 जगह-जगह पुलिस की टीम ने निगरानी रखी 

पुलिस अफसरों ने यह पहले ही सुनिश्चित कर लिया कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाए और वे सहज रूप से अपनी यात्रा पूरी कर सकें। जगह-जगह पुलिस की टीम ने निगरानी रखी और लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा, ताकि उनका महाकुम्भ अनुभव यादगार बने। सिर्फ उन्हीं स्थानों पर बैरीकेडिंग की गई, जहां से सीएम का काफिला निकलना था। इसके बाद सभी को उनके गंतव्य तक जाने के लिए छूट दी गई, जिससे श्रद्धालु अपनी तीर्थ यात्रा पूरी कर सके। 

बैरिकेडिंग और पुलिस की कड़ी निगरानी

महाकुम्भ के दौरान पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है। बाहर से आने वाले वाहनों की जांच के लिए पुलिस ने विशेष चेक पोस्ट लगाए हैं। सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए बैरिकेडिंग पर पुलिस टीमों की संख्या बढ़ा दी गई है। पुलिस यहां हर संदिग्ध गतिविधि और व्यक्ति पर नजर रख रही है, ताकि किसी भी तरह की असामान्य घटना को रोका जा सके। 

खुफिया एजेंसियों की तैनाती और हाई अलर्ट

खुफिया एजेंसियों को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में विशेष रूप से अलर्ट किया गया है। संदिग्ध गतिविधियों और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अनहोनी से पहले उसे रोका जा सके। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के समन्वय से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। साथ ही इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।