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Jan 11 2025, 15:27

महाकुंभ में 144 साल बाद दुर्लभ ग्रह संयोग, जानिए कैसे ‘देवताओं की भूल’ ने रचा महापर्व?
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही. महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में आस्था और परंपरा का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह मेला चार पवित्र स्थलों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन - में से किसी एक पर आयोजित होता है। लेकिन इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय स्थिति बन रही है। यह संयोग उस कहानी से जुड़ा है जिसे हिंदू धर्म में देवता की एक गलती के रुप में देखा जाता है। 

महाकुंभ का पौराणिक महत्व समुद्र मंथन की घटना से जुड़ा है। जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। कथा के अनुसार,जब अमृत कलश को लेकर देवता भाग रहे थे,तब इंद्र के पुत्र जयंत ने इसे बचाने के लिए चारों स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन पर इसकी बूंदें गिरा दी। यह देवताओं की रणनीतिक गलती मानी जाती है क्योंकि इससे अमृत का महत्व इन स्थानों पर केंद्रित हो गया। इन स्थानों को पवित्र मानते हुए कुंभ मेले की परंपरा की शुरुआत हुई। 144 साल बाद 2025 में यह मेला इसलिए भी खास है क्योंकि सूर्य, चंद्रमा,शनि और बृहस्पति ग्रहों की स्थिति उस खगोलीय संयोग को दोहराने जा रही है जो अमृत मंथन के समय बना था। 

आचार्यों का मानना है कि यह स्थिति बेहद शुभ मानी जाती है और इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने के लिए जहां जुटते हैं।इस बार महाकुंभ में बाबा बड़े शिव धाम के प्रसिद्ध आचार्य शरद पांडेय भी महायज्ञ में आहूति देंगे एवं साधना करेंगे। शाही स्नान करके विश्वास के कल्याण के लिए कामना करेंगे।

इतिहास में भी कुंभ मेले का गहरा महत्व देखने को मिलता है। 7‌ वीं शताब्दी के चीनी यात्री ह्नेनसांग ने अपने यात्रा वृत्तांतों में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर आयोजित एक विशाल धार्मिक आयोजन का जिक्र किया था,जो कुंभ मेले से मेल खाता है ‌ तब लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर पवित्र जल में स्थान करते थे। कुंभ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। खगोलीय संयोग के दौरान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है जो मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यही कारण है कि कुंभ मेले को आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि भौतिक दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है। 

आधुनिक समय में भी यह आयोजन उस गलती को श्रद्धा के रुप में मनाने का प्रतीक है, जो देवताओं द्वारा अनजाने में हुई थी और जिसने इन चार स्थानों को अनंतकाल के लिए पवित्र बन दिया। इस महाकुंभ में देवता की गलती का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि यह आस्था,परंपरा खगोल विज्ञान और इतिहास का ऐसा संगम है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न‌ई ऊंचाइयों पर ले जाता है। 

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Jan 11 2025, 13:25

सेमराधनाथ धाम गंगा घाट पर हजारों भक्त लगाते है आस्था की डूबकी, डेढ़ माह तक तनी रहतीं हैं तंबुओं की नगरी
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही-जिले के धार्मिक एवं ऐतिहासिक बाबा सेमराधनाथ धाम में डेढ़ माह तक कल्पवास मेला आयोजित होता है। आस्थावान तंबुओं की नगरी नगरी बनाकर ईश्वर की आराधना, पूजा,स्थान आदि करतें। तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई है, लेकिन उसे आयोजकों द्वारा नाकाफी बताया जा रहा है।‌ प्रशासन से अलग से बजट एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग हुई है। बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। प्रमुख स्नान को चंद दिन शेष बचे हैं। 13 एवं 14 जनवरी को आस्थावान पतित पावनी में अमृत स्नान करेंगे। उक्त तिथि को जिले के सेमराधनाथ धाम में भी 15 हजार से अधिक लोग मोक्षदायिनी में स्थान को आते हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में कल्पवास मेले में करीब दो माह तक रहकर स्नान एवं ध्यान लगाते हैं। आस्थावानों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हो इसे लेकर गत दिनों डीएम ने बैठक लिया था। साथ एक जनवरी को मेले का पूजन करके शुभारंभ भी। लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग समेत कई विभागों के अफसरों एवं कर्मियों ने वहां पर डेरा डालकर खामियों को दुरुस्त कराने का काम किया है। मेला आयोजन के स्वामी करूणा दास जी महाराज ने कहा कि 140 कैंप लगना चाहिए, लेकिन अभी तक ही लगा है। चकर प्लेट 115 है जबकि जरुरत ढाई सौ की है।कहा कि मेला आयोजन को सरकार की ओर से अतिरिक्त बजट दिया जाए तो इसे और भव्य बनाया जा सकता है। पूर्वांचल के जिलों के साथ ही गैर प्रांतों से लोग यहां स्नान एवं दर्शन को आते हैं ‌।


रामायण कालीन इतिहास को समेट है मंदिर
बाबा सेमराधानाथ गंगा घाट पर महादेव का भव्य एवं ऐतिहासिक मंदिर है। रामायण कालीन इतिहास को समेटे उक्त मंदिर में शिव लिंग करीब 15 फीट नीचे जमीन में है। मंदिर के सुंदरीकरण का कार्य कराया गया है, लेकिन जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ है।‌ क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकार थोड़ा सा ध्यान दे तो उक्त मंदिर सीतामढ़ी के बाद जिले का प्रतिनिधित्व कर सकता है। 

भारत के कोने-कोने से संत आकर यहां पर स्नान ध्यान करते हैं। मेला परिसर में प्रयागराज की सुविधाएं मुहैया कराने को सरकार से अलग से बजट की मांग लगातार की जा रही है। बिना उस पर अमल किए, क्षेत्र एवं मंदिर का विकास नहीं होगा। इस दिशा में पहल करनी चाहिए । 

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Jan 11 2025, 13:24

सीतामढ़ी में गुलाबी पत्थरों से बनी शिव मंदिर: गंगा किनारे, अनूठी वास्तुकला बनी आकर्षण केंद्र
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव


भदोही- उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में स्थित शिव मंदिरों श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। कोइरौना थाना क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण काशी और प्रयाग के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो रहा है।यह मंदिर सीतामढ़ी पौराणिक नगरी से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान भोलेनाथ का भव्य त्रिशूल है, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा, मंदिर की संरचना में गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है,जो इसकी कला और खूबसूरती को और भी विशेष बनाता है। 

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में सच्चे मन की गई पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। भक्तों का मानना है कि यहां आकर भगवान शिव के दर्शन और पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है। मंदिर का वातावरण भक्तिमय है, और श्रद्धालु यहां पूजा - अर्चना के साथ - साथ गंगा नदी के अद्भुत दृश्यों का आनंद भी लेते हैं।मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर सोमवार और अन्य विशेष धार्मिक अवसरों पर। इन अवसरों पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और भक्तिभाव को और बढ़ावा मिलता है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। 

यह शिव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी एक प्रमुख स्थल बनाता जा रहा है। मंदिर के सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह दूर - दूर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। 

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Jan 10 2025, 12:32

सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया आकाशवाणी के एफएम चैनल 'कुम्भवाणी' का शुभारंभ 


महाकुम्भ नगर, 10 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्किट हाउस में महाकुम्भ के अवसर पर प्रसार भारती के एफएम चैनल कुम्भवाणी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने एफएम चैनल के सफल होने की आकांक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा विश्वास है कि यह एफएम चैनल न सिर्फ लोकप्रियता की नई ऊंचाई हासिल करेगा, बल्कि महाकुम्भ को दूरदराज के उन गांवों तक भी ले जाएगा जहां लोग चाहकर भी यहां नहीं पहुंच पाते हैं। उन लोगों तक इन सुविधाओं के माध्यम से हम महाकुम्भ की हर जानकारी पहुंचाएंगे। 

सीएम ने पीएम मोदी और प्रसार भारती का जताया आभार 

सीएम योगी ने कहा कि दूर दराज में रहने वालों के लिए इस तरह का सजीव प्रसारण कर पाएंगे तो उनको भी सनातन गौरव के इस महासमागम को जानने, सुनने और आने वाली पीढ़ी को बताने का अवसर प्राप्त होगा। सीएम ने कुम्भवाणी चैनल शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना प्रसारण मंत्रालय व प्रसार भारती को भी धन्यवाद दिया। 

जहां कनेक्टिविटी के इश्यू वहां भी पहुंचेगा चैनल  

सीएम योगी ने कहा कि वास्तव में लोक परंपरा और लोक संस्कृति को आम जन तक पहुंचाने के लिए हमारे पास जो सबसे पहले माध्यम था वो आकाशवाणी ही था। मुझे याद है कि बचपन में हम आकाशवाणी के माध्यम से उस समय प्रसारित होने वाले रामचरित मानस की पंक्तियों को बड़े ध्यान से सुना करते थे। समय के अनुरूप तकनीक ब़ढ़ी और लोगों ने विजुअल माध्यम से भी दूरदर्शन के माध्यम से सचित्र उन दृश्यों को देखना प्रारंभ किया। बाद में निजी क्षेत्र के भी कई चैनल आए, लेकिन समय की इस प्रतिस्पर्द्धा के अनुरूप खुद को तैयार करना और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां पर कनेक्टिविटी के इश्यू होते हैं वहां पर  बहुत सारी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रसार भारती के एफएम चैनल ने 2013, 2019 और अब 2025 में भी कुम्भवाणी के नाम पर इस विशेष एफएम चैनल को शुरू करने की कार्यवाही प्रारंभ की है। 

समाज को बांटने वाले देखें यहां पंथ, जाति, सम्प्रदाय का कोई भेद नहीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि सनातन गौरव और गर्व का एक महाआयोजन है, एक महासमागम है। जिसको सनातन धर्म के गौरव और गरिमा को देखना हो तो वो कुम्भ का दर्शन करे, यहां आकर अवलोकन करे। जो लोग एक संकीर्ण दृष्टि से सनातन धर्म को देखते हैं, साम्प्रदायिक मतभेद, भेदभाव या छुआछूत के नाम पर लोगों को बांटने का काम करते हैं उन लोगों को आकर देखना चाहिए कि यहां पर न पंथ का भेद है, न जाति का भेद है, न छुआछूत है, न कोई लिंग का भेद है। सभी पंथ और सम्प्रदाय एक साथ एक ही जगह स्नान करते हैं। सभी लोग एक जगह आकर आस्था की डुबकी लगाकर सनातन गर्व के संदेश को पूरे देश और दुनिया तक लेकर जाते हैं। यह एक आध्यात्मिक संदेश है। इस अवसर पर पूरी दुनिया यहां पर एक घोंसले के रूप में देखने को मिलती है। 

लोगों में सच्ची श्रद्धा का भाव जगाने में महत्वपूर्ण होगी भूमिका

सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के बहुत सारे लोगों का यहां पर आगमन शुरू हो चुका है। वो आस्था की डुबकी लगाकर आध्यात्म की गहराइयों को समझने का प्रयास करना चाहते हैं। यह अद्भुत क्षण है और इस अद्भुत क्षण को प्रसार भारती ने कुम्भवाणी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। पूरे दिन भर के कुम्भ के कार्यक्रमों को न सिर्फ आंखों देखा हाल के माध्यम से बल्कि  महाकुम्भ के आयोजन के साथ जुड़े हुए हमारे धार्मिक उद्धरणों को भी दूर दराज के गांवों में प्रसारित करने का काम कुम्भवाणी करेगा। जब भी हम सनातन धर्म के इस गौरव को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाएंगे तो यह मानकर चलिए कि आमजन के मन में इसके प्रति सच्ची श्रद्धा का भाव होगा।   

आज तो एफएम चैनल युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय

उन्होंने कहा कि जब कोविड महामारी आई थी और लॉकडाउन प्रारंभ हुआ था तब जैसे ही दूरदर्शन ने रामायण सीरियल दिखाना प्रारंभ किया तो दूरदर्शन की टीआरपी बढ़ गई थी। आज तो एफएम चैनल युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। निश्चित रूप से इसका लाभ प्रसार भारती को प्राप्त होगा। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ एल मुरुगन ने सीएम योगी का आभार जताया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक,जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, ओमप्रकाश राजभर, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष नवनीत सहगल उपस्थित रहे। 

103.5 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होगा एफएम चैनल 

महाकुम्भ से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों के लिए प्रसार भारती ने ओटीटी बेस्ड कुम्भवाणी एफएम चैनल की शुरुआत की है। यह चैनल 103.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर प्रसारित होगा। यह चैनल 10 जनवरी से 26 फरवरी तक ऑन एयर रहेगा। इसका प्रसारण प्रातः 5.55 बजे से रात्रि 10.05 तक इसका प्रसारण होगा। 

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Jan 10 2025, 11:03

ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रवेश मंगलम यात्रा के दर्शन को उमड़ा जन आस्था का सैलाब



महाकुम्भ नगर । प्रयागराज की धरती पर संगम तीरे बसे महाकुम्भ नगर में सनातन धर्म की सभी धाराओं और सम्प्रदाय का संगम हो रहा है। सनातन के ध्वज वाहक अखाड़ों के बाद अब शंकराचार्यों का प्रवेश भी महाकुम्भ नगर में हो गया है। कुम्भ क्षेत्र में ज्योतिष्पीठ के  शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों संतो ने हिस्सा लिया। 

प्रवेश मंगलम यात्रा के साथ शंकराचार्य का भी कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

महाकुम्भ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के प्रवेश के बाद अब चारों पीठ के शंकराचार्यों के प्रवेश का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रवेश मंगलम यात्रा शहर के रामबाग से निकाली गई। पत्थरचट्टी राम बाग से शुरू हुई इस प्रवेश यात्रा में हजारों की संख्या में विभिन्न अखाड़ों के साधु संत और वेद बटुक ब्रह्मचारी भी शामिल हुए ।  प्रवेश मंगलम यात्रा में सबसे आगे शंकराचार्य की धर्म पताका और इसके पीछे आदि शंकराचार्य की सवारी चल रही थी। उनके पीछे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भव्य रथ चल रहा था जिसमें सभी दिशाओं से आए मठों , महंत और श्री महंत और  संत मौजूद रहे। 

 सम्पूर्ण भारत की संस्कृति की दिखी झलक

 शंकराचार्य की इस प्रवेश मंगलम यात्रा  में संपूर्ण भारत की संस्कृति जीवंत हो गई। प्रवेश यात्रा में उत्तर, दक्षिण और पूरब पश्चिम सभी दिशाओं की लोक संस्कृति और लोक संगीत की झलक भी देखने को मिली। उत्तराखंड, सिक्किम, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक से आए कलाकारों ने अपनी स्थानीय नृत्य कला और संगीत की प्रस्तुति  दी तो यात्रा में दक्षिण भारत और महाराष्ट्र से आए स्थानीय ड्रम बैंड की प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। महाराष्ट्र का शिवा ढोल बैंड में एक साथ कई दर्जन ढोल की थाप से आसपास का इलाका गूंज उठा। यात्रा में डमरू नृत्य में भी शिव भक्त जमकर झूमे नाचे। 

गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के संकल्प को समर्पित रही प्रवेश मंगलम यात्रा

शंकराचार्य की प्रवेश मंगलम यात्रा का शहर के 108 स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने फूलों से स्वागत किया। प्रवेश यात्रा पत्थरचट्टी से मलाका,  सब्जी मंडी, मोती महल चौराहा, चमेलीबाई धर्मशाला, जानसेनगंज,चौक घंटाघर, बहादुर गंज, कीटगंज होते हुए बांध के रास्ते कुम्भ मेला में प्रवेश करते हुए शंकराचार्य शिविर में पहुंची। यात्रा में शामिल बोध गया मठ के स्वामी सत्यानंद गिरी का कहना है कि सभी संतो के बीच इस प्रवेश यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए सभी लोग आएं। प्रवेश मंगलम यात्रा में कई रथों में भी इस संकल्प को व्यक्त करने वाले पोस्टर लगाए गए थे। 

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Jan 10 2025, 10:20

सीएम योगी ने सभी अखाड़ों के संतों के साथ किया भोजन, भेंट किए उपहार

महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के पहले दिन साधु संतों के साथ रात्रि भोज किया और उन्हें उपहार भी भेंट किया। इस रात्रि भोज में सभी अखाड़ों, खाकचौक, दंडीबाड़ा और आचार्यबाड़ा के पूज्य संत उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित इस भोज के बाद सभी संतों को उपहार भी भेंट किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतों का भोज में सम्मिलित होने के लिए आभार भी जताया। इस अवसर पर सभी साधु संतों ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया और महाकुम्भ के सकुशल और भव्य संपन्न होने की कामना की। 

 संतों का सीएम योगी ने शॉल ओढ़ाकर किया सम्मान

प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित रेडियो ट्रेनिंग हॉल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा आयोजित इस रात्रि भोज कार्यक्रम में सभी अखाड़ों, खाकचौक, दंडीबाड़ा और आचार्यबाड़ा समेत प्रयागवाल के कुल 20 साधु संत सम्मिलित हुए। इनमें  जूना, निरंजनी, उदासीन बड़ा, निर्मल,तीनों वैष्णव अखाड़े (निर्मोही, दिगंबर, निर्वाणी), अग्नि, आवाहन, अटल, आनंद, निरंजनी अखाड़े के पूज्य संत शामिल रहे। खाकचौक से महामंडलेश्वर संतोष दास (सतुआ बाबा) भी उपस्थित रहे।

सीएम योगी के आग्रह पर आए इन साधु संतों को सात्विक भोजन परोसा गया। भोज में सम्मिलित संतों के अनुसार, निर्धारित  जिसमें मूंग और अरहर की दाल, चने का साग, पनीर की सब्जी, आलू-मेथी सोया, मलाई कोफ्ता, मटर निमोना एवं मूंग का हलवा था। भोज के बाद मुख्यमंत्री ने सभी साधु संतों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनका आभार जताया।

सीएम योगी के दौरे के बीच भी श्रद्धालुओं की सुविधा का रहा पूरा ध्यान
 
 महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो दिनी दौरे पर महाकुम्भनगर पहुंचे। सीएम के दौरे को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पुलिस और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह चौकस नजर आईं। हालांकि, इस दौरान श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और बिना किसी समस्या के जारी रही। मुख्यमंत्री के दौरे के बावजूद संगम स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के न सिर्फ जाने दिया गया, बल्कि ये भी ख्याल रखा गया कि उन्हें किसी तरह की समस्या न हो। 

प्रशासन और पुलिस ने महाकुम्भ क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी

मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही प्रशासन और पुलिस ने महाकुम्भ क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी। डीआईजी महाकुम्भ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने पुलिसकर्मियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। साथ ही श्रद्धालुओं की सहूलियत का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया था। इसी को देखते हुए सीएम योगी के दौरान सुरक्षा और सुगमता दोनों का ख्याल रखा गया। सुरक्षा इंतजामों के बावजूद श्रद्धालुओं के आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने पाई। 

 जगह-जगह पुलिस की टीम ने निगरानी रखी 

पुलिस अफसरों ने यह पहले ही सुनिश्चित कर लिया कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाए और वे सहज रूप से अपनी यात्रा पूरी कर सकें। जगह-जगह पुलिस की टीम ने निगरानी रखी और लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा, ताकि उनका महाकुम्भ अनुभव यादगार बने। सिर्फ उन्हीं स्थानों पर बैरीकेडिंग की गई, जहां से सीएम का काफिला निकलना था। इसके बाद सभी को उनके गंतव्य तक जाने के लिए छूट दी गई, जिससे श्रद्धालु अपनी तीर्थ यात्रा पूरी कर सके। 

बैरिकेडिंग और पुलिस की कड़ी निगरानी

महाकुम्भ के दौरान पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है। बाहर से आने वाले वाहनों की जांच के लिए पुलिस ने विशेष चेक पोस्ट लगाए हैं। सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए बैरिकेडिंग पर पुलिस टीमों की संख्या बढ़ा दी गई है। पुलिस यहां हर संदिग्ध गतिविधि और व्यक्ति पर नजर रख रही है, ताकि किसी भी तरह की असामान्य घटना को रोका जा सके। 

खुफिया एजेंसियों की तैनाती और हाई अलर्ट

खुफिया एजेंसियों को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में विशेष रूप से अलर्ट किया गया है। संदिग्ध गतिविधियों और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अनहोनी से पहले उसे रोका जा सके। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के समन्वय से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। साथ ही इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

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Jan 08 2025, 16:19

भाकियू ने जन जागरण बैठक कर संगठन विस्तार पर दिया जोर

संभल।भारतीय किसान यूनियन (बी आर एस एस) द्वारा जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में ग्राम - हिसामपुर में डॉ वसीम ब्लॉक अध्यक्ष (अ. मोर्चा) के आह्वान पर संगठन विस्तार को लेकर जन जागरण बैठक का आयोजन किया गया ।


बैठक में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होना अति आवश्यक है ! आने वाली 13 तारीख को जिला मुख्यालय बहजोई में किसानो की समस्याओं को लेकर किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा ।


संगठन विस्तार में मौलाना रजा हुसैन को ग्राम अध्यक्ष, सुहेल को ग्राम महासचिव, इमरान को ग्राम सचिव और फरमान को ग्राम सचिव नियुक्त किया गया !
बैठक में मुख्य रूप से युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, डॉ वसीम ब्लॉक अध्यक्ष (अ. मोर्चा), प्रीतम सिंह पाल, मौलाना राजा हुसैन, इमरान खान, सोहेल खान, फरमान अली, रिजवान, नईम, दानिश, असलम, इमरान आदि लोग उपस्थित रहे । 

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Jan 08 2025, 14:27

उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे युवा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को संवाद में माहिर होने का मंत्र दिया। बोले कि सार्वजनिक जीवन में संवाद की कला अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजनेता वही सफल हो सकता है, जिसमें संवाद की कला हो। यदि वह संवाद में माहिर नहीं है तो सफल राजनेता नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देखना होगा, हम जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उसमें युवाओं की क्या भूमिका होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 28वें युवा उत्सव-2025 में उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह उत्सव 10 से 12 जनवरी तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा।

छात्रसंघ की बजाय युवा संसद को प्रमोट करना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में परम्परागत छात्रसंघ की बजाय युवा संसद को प्रमोट करना चाहिए, जिससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ा सकें। नेतृत्व का गुण, समाज और अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के प्रति संवेदना होनी चाहिए। कोई भी राजनेता, प्रशासन, पुलिस अधिकारी, अन्नदाता किसान, प्रगतिशील किसान, युवा उद्यमी समेत किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, लेकिन उसके मन में राष्ट्रीयता, मातृभूमि के लिए प्यार, जनता व नागरिकों के प्रति संवेदना नहीं है तो उसकी प्रगति का कोई मायने नहीं है।

युवाओं को पूरे देश को जानने का प्राप्त होगा अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जनवरी की तिथि युवा उत्सव के रूप में आती है, क्योंकि यह युवा ऊर्जा के धनी व वैश्विक पटल पर भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व युवा शक्ति को पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद की पावन जयंती है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से पिछले कई वर्षों से युवा उत्सव का कार्यक्रम दिल्ली में होता है। इसमें अनेक कार्यक्रमों में भागीदार बनकर युवाओं को पूरे देश को जानने-सीखने का अवसर प्राप्त होता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री का सानिध्य व संवाद का क्षण भी प्राप्त होगा।

उत्तर प्रदेश के विकास व विरासत की यात्रा में युवा भी बने हैं सहभागी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने कुछ लक्ष्य रखे थे। इसमें विकसित भारत भी था। विकसित भारत में युवाओं की ऊर्जा कैसे सहायक हो सकती है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि 22/23 साल बाद जब देश शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब आप भी अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे होंगे। तब ध्यान रखना होगा कि उस समय कैसा भारत चाहिए, उस भारत के निर्माण की कार्ययोजना में कौन कौन से पहलू होंगे। जिन्हें हम आगे बढ़ाकर लेकर चल सकते हैं। विकसित भारत में युवाओं की भी क्या भूमिका होगी, इसे भी हमें देखना होगा। योगी ने कहा 63 युवा उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करके राष्ट्रीय महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश के विकास व विरासत की इस यात्रा में युवा भी सहभागी बने हैं।

सात-आठ वर्ष में बढ़ी है उप्र के विकास की यात्रा

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले सात-आठ वर्ष में विकास की यात्रा को तेजी से आगे बढ़ाया है। 10 वर्ष पहले लोग खुद को उत्तर प्रदेश का वासी कहने में संकोच करते थे। यहां सुरक्षा नहीं, बल्कि दंगा, अराजकता व गुंडागर्दी थी। उप्र आबादी में नम्बर एक लेकिन विकास के पायदान पर पीछे था, अर्थव्यवस्था में छठवें-सातवें पायदान पर था। उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ा था, लेकिन सात-आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में खड़ा है। इसके पीछे की सफलतम कहानी को जिन्होंने नजदीक से देखा है, वे वर्तमान व भावी पीढ़ी को अवगत कराएं, जिससे उन्हें भी प्रगति के सही मानक की जानकारी हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे युवा

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि युवा उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट की प्राचीन विधा (जो कौशल विकास का अद्भुत उदाहरण था) उसे भी प्रस्तुत करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट वह नहीं है, जो केवल आज हम देख रहे हैं, स्किल डेवलपमेंट वह भी था, जिसने कभी मुरादाबाद को ब्रास, अलीगढ़ को हार्डवेयर, फिरोजाबाद को ग्लास, लखनऊ को चिकन कारी, मेरठ को स्पोर्ट्स आइटम, भदोही की कालीन, सहारनपुर को वुडन वर्क, वाराणसी के रेशम वस्त्र को मौका दिया। 

ये सभी प्राचीन विरासत के प्रतीक हैं, जिसे सरकार वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के रूप में प्रमोट कर रही है। कौशल विकास की इस विधा को हम विरासत के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर खेल व युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक डॉ. नीरज बोरा, ओपी श्रीवास्तव, अमरेश कुमार आदि मौजूद रहे। 

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Jan 08 2025, 12:18

संभल सड़क हादसे में ई-रिक्शा सवार दस लोग घायल

संभल । ई-रिक्शा को पीएसी गाड़ी ने टक्कर मारी है जिसमें ई रिक्शा चालक सहित 10 लोग घायल हुए हैं सभी घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उनका उपचार जारी है।

सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बिचौली में ई-रिक्शा से सवाल होकर खेत पर प्याज लगाने जा रहे हैं मजदूरों से भरे ई-रिक्शा को पीएसी गाड़ी ने टक्कर मार दी जिससे ई-रिक्शा में बैठे लोग घायल हो गए हैं जिन्हें स्थानीय लोगों व पुलिस की मदद से जिला संयुक्त चिकित्सालय संभल में भर्ती कराया गया ।

जहां सभी 10 लोगों का उपचार जारी है सभी घायल नयागांव सरायतरीन के हैं। घायलों में कांति रेखा लक्ष्मी राजेंद्र मुकेश कमलेश अमरवती पूजा संजीव राजमाला शामिल है। सभी घायलों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। 

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Jan 08 2025, 12:13

यूपी में कई आईपीएस के ट्रांसफर, 8 जिलों के कप्तान बदले


 लखनऊ । आईएएस का तबादला के बाद अब पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। यूपी में कई आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं। इनमें सुल्तानपुर, मैनपुरी, कन्नौज सहित आठ जिलों के पुलिस अधीक्षकों के नाम शामिल हैं। इस तबादले में सबसे चर्चित नाम लखीमपुर खीरी के एसपी गणेश प्रसाद साहा का है। उनका तबादला मैनपुरी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि साहा जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाते।

सोमेन वर्मा को मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक बने

सोमेन वर्मा को पुलिस अधीक्षक, सुल्तानपुर से पुलिस अधीक्षक, मिर्जापुर बनाया गया है। संकल्प शर्मा को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्ररेट लखनऊ से पुलिस अधीक्षक, लखीमपुर खीरी बनाया गया है। कुंवर अनुपम सिंह को पुलिस अधीक्षक, अमरोहा से पुलिस अधीक्षक, सुल्तानपुर बनाया गया है। गणेश प्रसाद शाहा को पुलिस अधीक्षक, लखीमपुर खीरी से पुलिस अधीक्षक, मैनपुरी बनाया गया है। अभिनंदन को पुलिस अधीक्षक, मिर्जापुर से पुलिस अधीक्षक, बस्ती बनाया गया है। वहीं विनोद कुमार को पुलिस अधीक्षक, मैनपुरी से पुलिस अधीक्षक, कन्नौज बनाया गया है।

बदायूं की पुलिस अधीक्षक डा. मीनाक्षी का स्थानांतरण

डॉ. मीनाक्षी कात्ययान को पुलिस अधीक्षक, भदोही से पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अभिसूचना, कानपुर बनाया गया है। इसके अलावा वसंत लाल को पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अभिसूचना, कानपुर से पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। गोपाल कृष्ण चौधरी को पुलिस अधीक्षक, बस्ती से पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्ररेट लखनऊ बनाया गया है। इसके अलावा अमित कुमार आनंद को पुलिस अधीक्षक, कन्नौज से पुलिस अधीक्षक, अमरोहा बनाया गया है। अभिमन्यू मांगलिक को अपर पुलिस अधीक्षक, नगर, सहारनपुर से पुलिस अधीक्षक, भदोही बनाया गया है। इसके अलावा व्योम बिंदल को सहायक पुलिस अधीक्षक, मुजफ्फरनगर से प्रभारी पुलिस अधीक्षक, नगर सहारनपुर बनाया गया है।IPS संजीव गुप्ता अपर पुलिस महानिदेशक बने,IPS एन रविंदर ADG भ्रष्टाचार निवारण संगठन बने,नचिकेता झा पुलिस महानिरीक्षक स्थापना बने,शलभ माथुर आईजी कार्मिक DGP मुख्यालय बने,IPS कुंवर अनुपम सिंह एसपी सुल्तानपुर बने, दीपेश जुनेजा DG अभियोजन लखनऊ बने, दीपेश जुनेजा को DG CBCID का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

कई आईएएस अधिकारियाें के तबादले

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कई आईएएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं। इनमें तीन ऐसे आईएएस हैं, जो अवमुक्त किए गये हैं। उनमें प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग आलोक कुमार द्वितीय, प्रमुख सचिव स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग लीना जौहरी, महानिरीक्षक निंबधन डॉ. रूपेश कुमार को उनके मौजूदा प्रभार से अवमुक्त कर दिया गया है।

बालकृष्ण त्रिपाठी को आयुक्त विन्ध्याचल मंडल भेजा

वहीं, अमित गुप्ता को प्रमुख सचिव, स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग तथा महानिरीक्षक निबंधन उत्तर प्रदेश बनाया है। मनीष चौहान को प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग, डॉ. मुथु कुमार स्वामी को सचिव, वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।इसके अलावा के. विजयेंद्र पांड्या को आयुक्त कानपुर मंडल के पद का अतिरिक्त प्रभार मिला है। बालकृष्ण त्रिपाठी को आयुक्त विन्ध्याचल मंडल भेजा है। इसके साथ ही विवेक को आयुक्त आज़मगढ़ मंडल, अजीत कुमार आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बनाए गये हैं। नरेंद्र प्रसाद पाण्डेय को सचिव, नियोजन विभाग तथा महानिदेशक, अर्थ एवं सख्या उप्र की जिम्मेदारी मिली है।