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Nov 26 2024, 16:11

यूपी की चर्चित सीट मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ,हाईकोर्ट ने याचिका वापसी की मंजूरी दी 

अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। लखनऊ हाई कोर्ट में भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की दाखिल याचिका वापस हो गई है। 2022 में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे शिव मूर्ति की भी याचिका वापस हो गई हैं।हाईकोर्ट ने याचिका वापसी की मंजूरी दे दी है। याचिका की बजह से उत्तर प्रदेश में हुए उप चुनाव में मिल्कीपुर में उप चुनाव रोक दिया गया था।सोमवार को लखनऊ हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विपक्ष ने विरोध नहीं किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में बाबा गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर में विधानसभा उप चुनाव को रोक दिया था। आज याचिका वापस होने से मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। मिल्कीपुर सीट जून से खाली है जब यहां के विधायक अवधेश प्रसाद सांसद बने थे। विधानसभा की किसी भी सीट को छह महीने तक रिक्त रखा जा सकता है।

भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की दाखिल याचिका वापस

बाबा गोरखनाथ ने कहा कि उन्होंने और एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव याचिका वापस ले ली है। हमारा उद्देश्य है कि मिल्कीपुर की जनता को जल्द से जल्द प्रतिनिधित्व मिल सके। हमें विश्वास है कि हमारी पार्टी इस सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी। इस दौरान उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग याचिका वापसी का विरोध कर रहे थे, उनका सच सामने आ गया है।अधिवक्ता ने बताया कि सपा की ओर से मांग की गई थी कि याचिका वापसी से पहले सभी संबंधित पक्षों को नोटिस दिया जाए। अदालत ने इस पर ध्यान देते हुए नोटिस जारी किए और नियमानुसार इसका विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका वापसी की मंजूरी दे दी। 

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Nov 26 2024, 16:10

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चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत की बांग्लादेश को दो टूक, कहा- हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो

बांग्लादेश में सोमवार को इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव रहे चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को अरेस्‍ट कर लिया था। अब इस मामले में भारत सरकार की तरफ से कड़ा स्‍टैंड लिया गया है। विदेश मंत्रलाय ने बांग्‍लादेश की मोहम्‍मद यूनुस की अंतरिम सरकार को इस मामले में दो टूक बात कही है। भारत के विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर चिन्मय दास की गिरफ्तारी और ज़मानत न दिए जाने पर गहरी चिंता जताई है और बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को हाल ही में बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया गया था

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में गिरफ्तारी पर विरोध जताते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हें। विदेश मंत्रालय ने कहा, यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों की ओर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी फरार हैं, जबकि उन धार्मिक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जो शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से अपनी मांगे पेश कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा, हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।

बांग्लादेश की एक कोर्ट ने हिंदू संगठन 'सम्मिलित सनातनी जोत' के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया। इससे पहले बांग्लादेश पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई थी। उनको देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग ढाका की सड़कों पर उतर पड़े थे और जाम लगा दिया था। कई जगह से हिंसा की खबरें भी आई थीं।

इससे पहले 30 अक्तूबर को बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में देशद्रोह अधिनियम के तहत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। आरोप है कि 25 अक्तूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने आठ सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इस दौरान एक चौक पर स्थित आजादी स्तंभ पर कुछ लोगों ने भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर आमी सनातनी लिखा हुआ था। इसे लेकर चिन्मय कृष्ण दास पर राष्ट्रीय झंडे की अवमानना व अपमान करने का आरोप लगाया गया है। 

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Nov 26 2024, 16:09

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अब कांग्रेस के कार्यक्रम में अचानक बंद हुआ राहुल गांधी का माइक, संविधान रक्षा पर बोल रहे थे नेता प्रतिपक्ष

संविधान दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया था।इस कार्यक्रम को राहुल गांधी संबोधित कर रहे थे। लेकिन संबोधन के बीच में ही उनका माइक बंद हो गया। उनका माइक काफी देर तक बंद रहा। लेकिन जब उनका माइक ठीक हुआ तो उन्होंने कहा कि जितना माइक बंद करना है कर लो मैं फिर भी बोलूंगा। बता दें कि राहुल गांधी कई बार संसद में उनका माइक बंद करने का आरोप लगा चुके हैं। अब खुद उनकी ही पार्टी के कार्यक्रम में माइक बंद होने पर राहुल गांधी भी मुस्कुराते दिखाई दिए। 

तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी दलितों और जाति जनगणना की बात कर रहे थे, तभी वहां लाइट चली गई। कुछ देर इंतजार करने के बाद लाइट आने पर राहुल गांधी ने कहा कि ये कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन हमें चुप नहीं करा सकते हैं, मुझे जो बोलना है वो बोलूंगा।उन्होंने कहा कि इस देश में जो भी दलितों और पिछड़ों की बात करता है, उसका माइक इसी तरह से बंद हो जाता है।

मोदी जी ने संविधान की इस किताब को पढ़ा होता तो...-राहुल गांधी
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि अगर नरेंद्र मोदी जी ने संविधान की इस किताब को पढ़ा होता तो वो रोज जो करते हैं उसे वैसा नहीं करते। इसको किताब का फॉर्म दे रखा है, मगर ये महज किताब नहीं है। हिंदुस्तान की 21 वीं सदी में सोशल एंपावरमेंट की सोच इसी संविधान के अंदर है। इसमें अंबेडकर, फुले, विवेकानंद, बुद्ध आदि जैसे महान विचारकों की सोच आपको मिलेगी। उन्होंने कहा कि क्या इसमें लिखा है क्या कि किसी के साथ हिंसा करनी चाहिए? क्या किसी को डराने ये हिंदुस्तान का सत्य है और अहिंसा का रास्ता दिखाती है।

जातीय जनगणना की मांग दोहराई
कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग फिर दोहराई। कुछ दिनो पहले तेलंगाना में कास्ट सेंसेस का काम शुरू किया. पहली बार कास्ट सेंसेस को जनता की एक्सरसाइज बना दिया. इसमें लाखों दलित पिछड़े सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। आने वाले समय में जहां भी हमारी सरकार आएगी वहां पर हम जाति जनगणना कराएंगे। अगर हिंदुस्तान में 15 प्रतिशत दलित, 8 प्रतिशत आदिवासी, 10 प्रतिशत अल्पसंख्यक से जुड़ी जनसंख्या है। लेकिन पिछड़े वर्ग के कितने लोग इसमें शामिल हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग 50 प्रतिशत तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को जोड़ लें तो 90 प्रतिशत जनसंख्या इन्हीं वर्गों से आती है। 

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Nov 26 2024, 16:09

केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में मरीज हाथ जोड़कर डॉक्टर से अपनी जान बचाने की मांगता रहा भीख, नहीं पसीजा दिल, मिली मौत


लखनऊ ।  यूपी के सबसे बड़ा चिकित्सा प्रतिष्ठानकेजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में इलाज को आने वाले मरीजों का सिस्टम की लापरवाही का शिकार होने कोई नई बात नहीं है। यहां हृदय रोग विभाग (लारी कार्डियोलॉजी) में सोमवार को दुबग्गा के छंदोइया निवासी अबरार अहमद (60) को वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। अबरार हाथ जोड़कर वेंटिलेटर के लिए मिन्नतें करते रहे। इस पर भी डॉक्टर नहीं पसीजे। उन्हें डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया। रास्ते में ही अबरार की सांसें थम गईं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 

अबरार अहमद की वर्ष 2018 में लारी में ही एंजियोप्लास्टी हुई थी। हालत खराब होने पर रविवार रात करीब 12:30 बजे उनको उनको लारी की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यहां पर डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर होने की बात कहते हुए वेंटिलेटर की जरूरत बताई। साथ ही वेंटिलेटर खाली नहीं होने की बात कहते हुए उनको लोहिया संस्थान या फिर पीजीआई जाने के लिए कहा। 

परिवारवालों ने इतना समय नहीं होने की बात कहते हुए डॉक्टरों से मिन्नतें कीं। अबरार के बेटे सैफ के मुताबिक पिता भी हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टर नहीं पसीजे। मायूस होकर हम पिता को लेकर लोहिया संस्थान गए। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।सैफ के मुताबिक इमरजेंसी में उनके पिता को तीन-चार इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद उनकी नाक और मुंह से खून आने लगा। पिता के गिड़गिड़ाने पर डॉक्टर बोले ज्यादा शोर कर रहे हो, इसलिए नहीं देखेंगे। मरीज की मौत के बाद वजीरगंज थाने में कार्रवाई के लिए तहरीर भी दी गई है।

केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह के मुताबिक अबरार अहमद को दिल की गंभीर बीमारी थी। वर्ष 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पुष्टि होने के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी। एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर उन्हें जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वे फॉलोअप के लिए ओपीडी में नहीं आए।रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने पर मरीज को हार्ट फेल्योर की गंभीर अवस्था में इमरजेंसी में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने तुरंत भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। जरूरी जांचें कराई गईं। हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई। लारी कार्डियोलॉजी के सभी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड फुल थे। इसलिए उन्हें पीजीआई और लोहिया संस्थान के लिए रेफर किया गया। मरीज को ले जाने के लिए संस्थान ने एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

अकसर फुल रहते हैं बेड

लारी में राजधानी समेत प्रदेश के अन्य शहरों से भी मरीज रेफर होकर आते हैं। यहां पर 80 बेडों की क्षमता है, जबकि करीब 9 वेंटीलेटर हैं। वहीं, 12 फैकल्टी और करीब 22 रेजिडेंट्स हैं। इमरजेंसी में रोजाना 100 से अधिक मरीज आते हैं। इसमें 20 के करीब एक्यूट हार्ट अटैक और 5-6 मरीज पेसमेकर वाले होते हैं बाकि अन्य इमरजेंसी वाले होते हैं, जिसके चलते यहां की इमरजेंसी समेत सभी बेड अकसर फुल ही रहते है।

डॉक्टर्स पर रहता है काफी लोड

डॉक्टर्स के मुताबिक, वेंटीलेटर के लिए हमेशा मारा-मारी रहती है। लोग ऊपर तक जुगाड़ लगाते हैं, जिसके चलते सभी डॉक्टर्स हमेशा ओवरलोड रहते हैं। उनके ऊपर मरीजों का बेहद दबाव रहता है। छोटे सेंटर्स को अपग्रेड किया जाये और सही रेफरल पॉलिसी बने तो मरीजों के साथ डॉक्टर्स को भी राहत मिलेगी। बेडों की संख्या सीमित होती है। हर मरीज को भर्ती करना आसान नहीं है, पर इसके बावजूद मरीजों को देखा जाता है।

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले

केस 1 -सितंबर माह में डालीगंज निवासी खर्शीदा बानो की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा काटा। परिजनों का आरोप था हालत गंभीर गंभीर होने के बावजूद डॉक्टर देखने तक नहीं आए।

केस 2 -नवंबर 2022 में मरीज की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।

केस 3 -अप्रैल 2020 में मरीज की मौत के बाद तीमारदार भड़क गये और उन्होंने तोड़फोड़ की। इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप

मरीज गंभीर अवस्था में आया था। वेंटीलेटर की जरूरत थी, पर सभी बेड फुल थे। मरीज को रेफर कर दिया गया था, पर दुर्भाग्य से उसे बचाया नहीं जा सका।

-डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू 

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Nov 26 2024, 16:08

कांग्रेस ने सेक्युलर और समाजवादी शब्द संविधान में चोरी से जोड़ा : योगी आदित्यनाथ



लखनऊ। संविधान दिवस' के अवसर पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर ने भारत के संविधान को भारत के अनुरूप बनाकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की आधारशिला को पुख्ता किया था। संविधान सभा में अलग—अलग सत्रों के माध्यम से न्याय समता व बंधुता प्राप्त करने के लिए जो निचोड़ आया आज वह संविधान के रूप में हमारे सामने है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण आज हम संविधान दिवस मना रहे हैं।

मुख्यमंत्री याेगी ने कहा कि भारत का मूल संविधान जिसे बाबा साहब आम्बेडकर ने अंगीकार किया था, उस संविधान में सेक्युलर और समाजवादी शब्द नहीं था। कांग्रेस ने चोरी छिपे इन शब्दों को संविधान में डालने का काम किया। जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था, जनता ने उनको सबक सिखाने का काम किया। 1975 में आपातकाल रहा हो या भारत के बाहर जाकर ​दलित व पिछड़ी जाति के लोगों को मिले अधिकारों पर टिप्पणी करना।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के संविधान ने समान मतदान का अधिकार दिया है। दुनिया के अनेक देशों ने अपने सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार नहीं दिया। भारत के संविधान ने प्रथम आम चुनाव में ही सबको समान मताधिकार दिया था। दुनिया के अनेक देशों ने महिलाओं को मतदान का अधिकार प्रदान नहीं किया था। भारत का संविधान भारत के नागरिकों का संरक्षण, सम्मान व अधिकार प्रदान करता है। बाबा साहब की धरोहर जो भारत का संविधान है, उसका संरक्षण करना हम सबका दायित्व है।

हर घर में संविधान की प्रति होनी चाहिए : केशव प्रसाद मौर्य

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आजादी के अमृतकाल में हर घर तिरंगा अभियान चलाया था। इस दौरान हर घर में तिरंगा फहराया गया। अब समय आ गया है कि हर घर में संविधान की प्रति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज केशव प्रसाद मौर्य यहां खड़ा है तो संविधान के कारण खड़ा है। अगर आज ओबीसी आयोग को संवैधानिक अधिकार मिला है तो संविधान के कारण मिला है। अगर आज द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं तो बाबा साहब के संविधान के कारण बनी हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संविधान की मूल प्रति में भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक सबका चित्र है।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। 2014 को मोदी सरकार आने के बाद पिछड़ों, दलितों व वंचितों को उनका अधिकार मिला। आज हम कह सकते हैं डाॅ. भीमराव आम्बेडकर के पंचतीर्थों को विकसित करने का काम मोदी सरकार ने किया है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज कुछ लोग संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं। लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस ने बाबा साहब को धोखा दिया। कांग्रेस ने डाॅ. आम्बेडकर को चुनाव में हराने का काम किया था।

बाबा साहब ने समरसता की बात की थी। आम्बेडकर की सोच के मुताबिक हर नागरिक को उसका अधिकार मिलना चाहिए। हर नागरिक के जीवनस्तर को उठाने का काम भाजपा सरकार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बाबा साहब की सोच के मुताबिक आज देश प्रगति कर रहा है।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि दूसरों के अधिकारों की रक्षा हम तभी कर पायेंगे जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। अगर हम कानून का शासन देंगे तभी लोगों को न्याय मिल पायेगा। हमारे शासन में न्यायपालिका को स्वतंत्र रखा गया है। बहुत सी बातें कही गयीं कि आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। दुष्प्रचार की बातें नहीं होनी चाहिए। संविधान में संशोधन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

इस अवसर पर लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक डाॅ. नीरज बोरा, विधायक ओपी श्रीवास्तव व अनुसूचित जन जाति आयोग के अध्यक्ष वैजनाथ रावत उपस्थित रहे। 

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Nov 26 2024, 16:07

संविधान दिखावटी चीज नहीं बल्कि अंगीकरण करना जरूरी: मायावती



लखनऊ। संविधान दिवस के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहने वाली खासकर कांग्रेस व भाजपा ने संविधान को इसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू नहीं किया जो अति-दुखद।

मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि देश का संविधान कोई दिखावटी चीज नहीं बल्कि इसको दिल से अंगीकार करके उसके अनुरूप व्यवहार करना भी बहुत जरूरी है। ख़ासकर भारतीय संविधान 'सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के मानवतावादी व कल्याणकारी उद्देश्यों को लेकर है ताकि यहां जात-पात मुक्त समतामूलक समाज की स्थापना हो व देश महान बने।

उन्होंने कहा कि देश में संविधान लागू होने के इतने दशकों के बाद भी जमीनी स्तर पर सही व सच्चे सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक लोकतंत्र का अभाव यह साबित करता है कि यहां सत्ता में रहने वाली खासकर कांग्रेस व भाजपा ने संविधान को इसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू नहीं किया जो अति-दुखद।

मायावती ने कहा कि 'संविधान दिवस' पर बसपा संविधान की भूरि-भूरि प्रशंसा करती हैं, किन्तु इसके मुख्य शिल्पी परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि तभी संभव होगी जब उनके करोड़ों शोषित-उपेक्षित अनुयाइयों के जीवन में आरक्षण आदि के जरिए बेहतरी आएगी। इसके लिए बसपा ही समर्पित।

दरिद्रता झेल रहे लगभग 140 करोड़ लोगों के भारत देश की पूंजी में विकास के जरिए जनता की गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ापन दूर करने का अपार जनहित व जनकल्याण का कार्य नहीं होना। बल्कि कुछ मुट्ठीभर लोगों का विकास होना यहाँ हर संतुलन को बिगाड़ने वाला, जिससे बहु-अपेक्षित जनविकास कैसे संभव? 

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Nov 26 2024, 16:07

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोले, हार के बाद बौखला गए अखिलेश यादव

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज मंगलवार को प्रयागराज पहुंचे। यहां पर उन्होंने बीते दिनों हुए उप चुनाव में बीजेपी की जीत पर सभी को बधाई दी। यहां उन्होंने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। केशव प्रसाद ने कहा कि उपचुनाव में सिर्फ़ सपा की हार नहीं बल्कि गुंडे और दंगाइयों की हार हुई है। हार के बाद से अखिलेश यादव बौखला गये हैं। 

लूट का ठेका अखिलेश यादव के पास है

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि लूट का ठेका अखिलेश यादव जी के पास है। 2027 में अखिलेश यादव सरकार बनाने का जो सपना देख रहे हैं वह सिर्फ सपना ही रह जाएगा। उन्होंने कहा कि गुंडे, माफिया और भ्र्ष्टाचारी यही सब सपा का दिल और किडनी हैं। समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी पार्टी बनने के कगार पर हैं। अखिलेश यादव झूठ बोलने की आटोमेटिक मशीन हैं। 

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Nov 24 2024, 18:08

इमरान का ‘‘गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने’’ का ऐलान, पाकिस्तान में तूफान, इस्लामाबाद में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा




डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) ने एक बार फिर से देश में बड़े आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। इससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इमरान खान की ओर से यह संदेश दिया गया है कि अब गुलामी की बेड़ियों को नहीं सहन करेंगे और इसे उखाड़ फेकेंगे। इससे इस्लामाबद में प्रस्तावित प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार ने रविवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

इमरान खान ने जनता से ‘‘गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने’’ के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है। पाकिस्तान सरकार ने ‘पीटीआई’ द्वारा इस्लामाबाद में रविवार को किए जाने वाले प्रदर्शन को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले राजमार्गों को शनिवार को ही बंद कर दिया, इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया, सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगा दी तथा महत्वपूर्ण सड़कों को कंटेनर खड़े कर अवरुद्ध कर दिया। इसके साथ ही भारी संख्या में सुरक्षाबलों को भी तैनात किया गया है। ‘

पीटीआई’ के नेतृत्व ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि योजनानुसार रविवार को प्रदर्शन किया जाएगा तथा इसे न तो स्थगित किया जाएगा और न ही लक्ष्य हासिल होने से पहले इसे समाप्त किया जाएगा। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, ‘पीटीआई’ के नेताओं ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री आवास पर रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें प्रदर्शन करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। खबर में बताया गया कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा कि वह प्रस्तावित प्रदर्शन की तैयारियों का निरीक्षण करने और इस्लामाबाद तक पार्टी के मार्च का नेतृत्व करने के लिए अपराह्न तीन बजे स्वाबी पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री ने मार्च में शामिल होने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं को अपराह्न तीन बजे तक स्वाबी पहुंचने का भी निर्देश दिया है। पीटीआई दो महीने में दूसरी बार प्रदर्शन करने जा रही है। प्रदर्शन स्थगित करने के सरकार के आह्वान को नजरअंदाज करते हुए पार्टी ने इस्लामाबाद की ओर बढ़ने की घोषणा की है। वहीं, अधिकारियों ने इस प्रदर्शन के दौरान संभावित खतरे की चेतावनी जारी की है। 

इमरान खान की पार्टी ने अपनी तीन मांगों को लेकर इस्लामाबाद तक एक लंबा मार्च करने की पिछले सप्ताह घोषणा की थी। पार्टी जेल में बंद खान और अन्य नेताओं को रिहा करने, आठ फरवरी के चुनावों में पीटीआई की जीत को मान्यता देने के अलावा 26वें संविधान संशोधन को निरस्त करने की मांग कर रही है। 26वें संविधान संशोधन ने न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया को बदल दिया था।

पाकिस्तानी न्यूज चैनल ‘एक्सप्रेस न्यूज टीवी’ की खबर के अनुसार, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने इस्लामाबाद में पीटीआई के प्रदर्शन के दौरान संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी देते हुए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। इसने चेतावनी दी कि पीटीआई की सार्वजनिक सभा को आतंकवादी निशाना बना सकते हैं। 

इस्लामाबाद में 18 नवंबर से धारा-144 लागू है, जिसके तहत लोग एकत्र नहीं हो सकते। दूसरी ओर, पंजाब सरकार ने भी 23 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे प्रांत में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक सभाएं, रैलियां और धरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कड़ी सुरक्षा और प्रतिबंधों के बावजूद, पीटीआई अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पर अड़ी हुई है। 

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Nov 24 2024, 15:32

सपा का पीडीए फार्मूला फेल, मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा कुंदरकी में चली भगवा लहर

लखनऊ/मुरादाबाद। बीते लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले ने अपना रंग दिखाया। मगर उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में सपा का पीडीए फार्मूला फेल हो गया। मुरादाबाद जनपद की मुस्लिम बाहुल्य सीट कुंदरकी विधानसभा में 31 साल बाद प्रचंड जीत के साथ कमल खिलना यह साबित करता हैं कि यहां के मुस्लिम मतदाताओं ने पीडीए को दरकिनार करके मोदी-योगी शासन को पसंद किया और भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर को दिल खोलकर वोट दिया। चुनावी विश्लेषकों का कहना हैं कि कुंदरकी के चुनाव परिणाम ने पूरे देश को संदेश दे दिया हैं कि मुस्लिम वोट किसी के हाथों की कठपुतली नहीं है, वो जिसे चाहे उसे जिताएगा।

कुंदरकी विधानसभा उप निर्वाचन में भाजपा के उम्मीदवार रामवीर सिंह ने दो बार लगातार कुंदरकी से विधायक रहे सपा के प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को 144742 वोटों से करारी शिकस्त दी। भाजपा को 170303 वोट जबकि रिजवान को 25,561 वोट मिले। कुंदरकी में कई मायनों में ऐतिहासिक है। कुंदरकी विधानसभा में मुस्लिम-हिंदू मतदाताओं का 65:35 है। ऐसे में यहां से भाजपा का कमल खिलना आसान नहीं था। तीन दशक के बाद मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन के कारण भाजपा की असम्भव जीत संभव हुई। जहां रामवीर सिंह ठाकुर के लिए एक अहम राजनीतिक मील का पत्थर साबित होगी वहीं भाजपा भी इस हिंदू-मुस्लिम गठजोड़ फार्मूले को अन्य चुनावों में अजमाकर देखेगी।

एक राजनीतिक जानकार ने कहा कि मुस्लिम वोटों को कठपुतली मानकर इस्तेमाल किया जाता था। इसको कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव ने खारिज कर दिया। यहां के मुस्लिम मतदाताओं ने चुनाव परिणाम से पूरे देश को संदेश दे दिया वह जिसे चाहे उसे जिताएगा। शिक्षाविद् डा. एके सिंह ने कहा कि कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण यह भी हो सकता हैं कि यहां हुई चुनावी जनसभाओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक आदि की कई नेताओं व मंत्रियों की जनसभाएं हुई। किसी ने भी बटोगे तो कटोगे, राम मंदिर, काशी-मथुरा विवाद, एनआरसी, जनसंख्या नियंत्रण कानून, तीन तलाक जैसे मुस्लिम नाराजगी के मुद्दों का कोई जिक्र नहीं किया। इससे चुनाव के प्रारंभ से मुस्लिम मतदाताओं की पंसद बने भाजपा उम्मीदवार ईवीएम का बटन दबाने तक पसंद बने रहे। 

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Nov 24 2024, 15:31

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राज ठाकरे के बेटे अमित ने पहली बार लड़ा था विधानसभा चुनाव, जीत मिली या हार? 




डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी नीत महायुति को बंपर जीत हासिल हुई है, वहीं महाविकास अघाड़ी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला, उसी में से एक सीट माहिम भी है।

माहिम सीट से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे MNS से मैदान में थे। ये उनके जीवन का पहला चुनाव था। ऐसे में सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई थीं। लेकिन माहिम की जनता ने अमित ठाकरे पर भरोसा नहीं जताया और अमित ये चुनाव हार गए। माहिम सीट पर शिवसेना(यूबीटी) के महेश बलिराम सावंत को जीत हासिल हुई है। 

महेश बलिराम सावंत को कुल 50,213 वोट मिले। दूसरे नंबर पर शिवसेना के सदा सरवणकर रहे। उन्हें कुल 48,897 वोट मिले। तीसरे नंबर पर एमएनएस के अमित ठाकरे रहे। उन्हें महज 33,062 वोट मिले। 

इस सीट पर सबसे बड़ा झटका तो सदा सरवणकर को है क्योंकि वह इस सीट से 2014 और 2019 में अविभाजित शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल कर चुके थे। यह उनके लिए हैट्रिक का मौका था लेकिन वह चुनाव हार गए। शिवसेना में जब विभाजन हुआ तो सरवणकर ने एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। शिंदे ने उनपर इस चुनाव में भी भरोसा जताया लेकिन वह चुनाव हार गए।

यहां एक बार गौर करने वाली है कि एकनाथ शिंदे ने माहिम से अपना प्रत्याशी जरूर उतारा था लेकिन बीजेपी ने अमित ठाकरे को समर्थन देने का वादा किया था। यानी बीजेपी का सपोर्ट अमित ठाकरे के साथ था। फिर भी वह चुनाव नहीं जीत सके।

माहिम विधानसभा सीट पर किसी एक नेता का वर्चस्व नहीं रहा है। 1962 से लेकर अब तक कई बड़े नेताओं ने यहां से चुनाव जीता है। 1990 के दशक में इस सीट पर शिवेसना का दबदबा था। सुरेश गंभीर ने 1990,1995 और 1999 में यहां से लगातार जीत हासिल की थी। 2004 में भी गंभीर ही जीते। 

लेकिन 2009 में इस सीट से शिवसेना को झटका लगा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के उम्मीदवार नितिन सरदेसाई चुनाव जीत गए। 2014 में शिवसेना ने फिर वापसी की और सदा सरवणकर जीत गए। 2019 के चुनाव में सदा सरवणकर फिर जीत गए।