BiharFinancenews

Nov 26 2024, 12:21

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भारत के इन दो दुश्मनों को सबक सिखाएंगे डोनाल्ड ट्रंप,राष्‍ट्रपति बनते ही बड़ा फैसला लेने का ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही कुछ देश खौफ में हैं। कहा जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप इन देशों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुने गए ट्रंप भले ही 20 जनवरी को कुर्सी संभालेंगे लेकिन दुश्‍मनों की नींद उन्‍होंने अभी से उड़ा दी है। ट्रंप ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है। ताजा ऐलान भारत को दो दुश्मन देशों को लेकर है। ट्रंप ने कहा कि वह जनवरी में कार्यभार संभालने के पहले दिन ही ऐसे आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप का कहना है कि वो ऐसा तब तक करेंगे जब तक ये देश अपने अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और फेंटेनाइल दवाओं के प्रवाह को बंद नहीं करते हैं।

अवैध अप्रवासी कई समस्‍याओं की जड़-ट्रंप
ट्रंप ने ट्रूंथ सोशल नेटवर्क पर एक पोस्ट में लिखा है कि 20 जनवरी को ऑफिस संभालते ही कनाडा, मेक्सिको और चीन के ख़िलाफ़ टैरिफ लगाने के लिए एक एग्जेक्युटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करेंगे।ट्रंप ने कहा, ''सभी को पता है कि कनाडा और मेक्सिको से हज़ारों लोग अमेरिका में घुस रहे हैं। ये अपने साथ ड्रग्स ला रहे हैं और कई अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जिस स्तर पर ये सब हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।''

कैसे हैं ट्रंप-ट्रूडो के संबंध?
कनाडा और अमेरिका के बीच दुनिया का सबसे लंबा लैंड बॉर्डर है और दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध एक ट्रिलियन डॉलर से भी ज़्यादा का है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप की जीत के तत्काल बाद ही बधाई दी थी लेकिन दोनों नेताओं के संबंधों में पर्याप्त तनाव रहा है। अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति कमान संभालने के बाद पारंपरिक रूप से पहला विदेशी दौरा कनाडा या मेक्सिको का करता था लेकिन ट्रंप ने 2017 में पहला विदेशी दौरा सऊदी अरब का किया था। यानी ट्रंप ने आते ही संदेश दे दिया था।
जस्टिन ट्रूडो पर ट्रंप व्यक्तिगत हमले भी करते रहे हैं। ट्रूडो को ट्रंप ने 'घोर-वामपंथी पागल' कहा था। कनाडा की आर्थिक स्थिति पहले से ही चिंताजनक है और ट्रंप के टैरिफ से वहाँ की अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की आशंका बढ़ जाएगी। कनाडा का 75 प्रतिशत निर्यात अमेरिका में होता है. ऐसे में 25 प्रतिशत का टैरिफ कनाडा को भारी पड़ सकता है। ट्रूडो के लिए ये मुश्किलें तब खड़ी हो रही हैं, जब कनाडा में चुनाव सिर पर है। कई चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में बताया जा रहा है कि ट्रूडो चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी से हार सकते हैं।

चीन पर निशाना साधा
ट्रंप ने ट्रुथ पर एक दूसरे पोस्ट में चीन पर निशाना साधा, उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मैंने चीन से संयुक्त राज्य अमेरिका में भेजी जा रही ड्रग्स, विशेष रूप से फेंटेनाइल के बारे में कई बार बातचीत की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। चीन के प्रतिनिधियों ने मुझसे कहा था कि वह इस काम में शामिल किसी भी ड्रग तस्कर को मौत की सजा देंगे, लेकिन अफसोस, उन्होंने कभी इसे लागू नहीं किया और ड्रग्स हमारे देश में मुख्य रूप से मेक्सिको के जरिए भारी मात्रा में आ रही हैं। जब तक यह नहीं रुकता, हम चीन पर उनके सभी उत्पादों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आयात हो रहे हैं, किसी भी अन्य टैरिफ के ऊपर होगा।"

टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप का अहम एजेंडा
टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, रिपब्लिकन पार्टी के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने 5 नवम्बर की अपनी जीत से पहले चुनाव प्रचार के दौरान सहयोगियों और विरोधियों पर समान रूप से व्यापक शुल्क लगाने की कसम खाई थी।
हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ से विकास को नुकसान पहुंचेगा और मुद्रास्फीति बढ़ेगी, क्योंकि टैरिफ का भुगतान मुख्य रूप से अमेरिका में सामान लाने वाले आयातकों द्वारा किया जाता है, जो अक्सर उन लागतों को उपभोक्ताओं पर डाल देते हैं। 

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Nov 26 2024, 12:20

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क्यों मचा है मेवाड़ राजपरिवार में बवाल? उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर फोर्स तैनात

वीर महाराणा प्रताप के वंशज इन दिनों राजगद्दी की लड़ाई को लेकर सुर्खियो में हैं। विवाद दादा भगवंत सिंह के समय से ही शुरू हो गया था। भगवंत सिंह ने साल 40 साल पहले अपनी वसीयत में छोटे बेटे अरविंद सिंह को संपत्तियों का एक्ज्यूक्यूटर बना दिया था। साथ ही बड़े बेटे महेंद्र सिंह को ट्रस्ट और संपत्ति से बेदखल कर दिया था। अब महेंद्र सिंह की मौत के बाद जब 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ किले में उनके बेटे विश्वराज सिंह को राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया तो अरविंद सिंह की फैमिली ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि राजगद्दी पर लक्ष्यराज सिंह का हक है, न कि विश्वराज का।

बवाल तब शुरू हुआ जब धूणी दर्शन के लिए मेवाड़ राजवंश के नए महाराणा विश्वराज अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे। लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने परंपरा निभाने से रोकते हुए सिटी पैलेस का गेट बंद कर दिया। इसके चलते विश्वराज के समर्थक गुस्सा गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कोई बात बनी नहीं।

चितौड़ में फतेह निवास महल में सोमवार को राज तिलक कार्यक्रम आयोजित किया। देशभर से पूर्व राजा महाराजा और पूर्व जागीरदार शामिल हुए। देर शाम राजतिलक की रस्म पर विवाद छिड़ गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस (रंगनिवास और जगदीश चौक) के दरवाजे बंद कर दिए। चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे लेकिन सिटी पैलेस के रास्ते पर बैरिकेड्स लगे मिले। विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेड्स हटा दिए। 3 गाड़ियां पैलेस के अंदर घुसीं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने हल्का बल प्रयोग किया। कलेक्टर और एसपी ने करीब 45 मिनट तक विश्वराज सिंह मेवाड़ से उनकी गाड़ी में बैठकर बात की लेकिन सहमति नहीं बन सकी। 

उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की। हालांकि, सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैंविश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं।

अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर 'आपराधिक अतिचार' करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

इधर, मौजूदा हालात को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। घंटाघर थाना अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया गया है। 

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Nov 26 2024, 12:19

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन, विपक्ष इन मुद्दों को लेकर कर सकता है हंगामा

डेस्क : बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बीते सोमवार से शुरू चुका है। बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र छोटा है, केवल 5 दिनों तक ही सत्र चलेगा। इस दौरान सदन में पांच बैठकें होंगी। वहीं सत्र के आज दूसरा दिन हंगामेदार होने  की संभावना है। आरजेडी समेत विपक्षी पार्टियां आरक्षण, स्मार्ट प्रीपेड मीटर और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की नेतृत्व में विपक्ष की ओर से स्मार्ट मीटर, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

सदन में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पेश करेंगे।सरकार आज सदन में दो बिल पेश करेगी।विपक्षी पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगी।

राज्य सरकार बेतिया राज की जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी में है और इसको लेकर विधेयक पेश करेगी।भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाला बिल 2024 सदन में पेश करेंगे।बिल पारित होने पर बेतिया राज की 7960 करोड़ की जमीन बिहार सरकार के अधिकार में आ जाएगी।

फिलहाल राज्य सरकार बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख करती है और एडीएम रैंक के अधिकारी मैनेजर के तौर पर नियुक्त होते हैं।बेतिया राज की जमीन बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश में भी स्थित है। 

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Nov 26 2024, 12:19

विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई विस शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के नेतृत्व विपक्ष ने सदन के गेट पर किया जोरदार प्रदर्शन

पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सुबह-सुबह बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ सदन के बाहर खुद हाथ में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। विपक्ष सदन के बाहर जमकर हंगामा किया। 

तेजस्वी यादव अपने हाथ में पोस्टर लेकर पिछड़ा, अति पिछड़ों SC और  ST के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। वहीं अन्य नेता का भी उनके साथ जमकर हंगामा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के गेट पर खुद धरना प्रदर्शन किया। 

बता दें कि आज संविधान दिवस है और शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी है। ऐसे में तेजस्वी यादव एक्शन में दिख रहे हैं। विपक्ष आरक्षण को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। मालूम हो कि जब महागठबंधन की सरकार थी तब ही बिहार में आरक्षण को 65 प्रतिशत बढ़ाया गया था हालांकि उसके नौवीं सूची में शामिल करने से पहले ही पटना हाईकोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद से ही तेजस्वी पिछड़ा, अति पिछड़ों SC और  ST के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। 

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Nov 26 2024, 12:18

IPL ऑक्शन में बिकने के बाद निशांत सिंधु ने जड़ा तूफानी शतक, गुजरात टाइटंस के लिए शुभ संकेत!

पैसा बोलता है. ये तो सुना था. लेकिन पैसे के आने से बल्ला भी बोलने लगता है, ये निशांत सिंधु की बल्लेबाजी से जाहिर होता है. बल्लेबाजी में उनका खोया फॉर्म वापस लौट आया है. 20 साल के निशांत सिंधु को IPL 2025 के मेगा ऑक्शन में 30 लाख रुपये की बेस प्राइस पर गुजरात टाइटंस ने खरीदा है. लेकिन, उसके बाद क्या हुआ? ऑक्शन में बिकने के बाद अगले ही मैच में इस ऑलराउंडर निशांत सिंधु ने शतक ठोक दिया. वो भी ऐसा-वैसा नहीं बल्कि तूफानी. उन्होंने सैयद मुश्ताक अली T20 ट्रॉफी में अरुणाचल के गेंदबाजों को बेरहमी से पीटा और ना सिर्फ एक तेज, तीखा और ताबड़तोड़ शतक जड़ा बल्कि अपनी स्टेट टीम हरियाणा के लिए मैच भी जीता.

24 को ऑक्शन में बिके, 25 नवंबर को धमाका किया
24 नवंबर को निशांत सिंधु आईपीएल ऑक्शन में बिके थे और 25 नवंबर को उन्होंने सैयद मुश्ताक अली का मैच खेला. अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में हरियाणा ने पहले बैटिंग क. पावरप्ले तक ओपनिंग जोड़ी ने टीम के स्कोर को 80 रन के करीब पहुंचा दिया. यानी बल्लेबाजी तेज हुई इसमें कोई शक नहीं. उसके बाद हरियाणा को पहला झटका लगा और क्रीज पर आए निशांत सिंधु.

धुआंधार रहा T20 करियर का पहला शतक
निशांत सिंधु ने आते ही अपने इरादे जता दिए. उन्होंने अरुणाचल के गेंदबाजों की पिटाई-धुनाई सब शुरू कर दी. नतीजा ये हुआ कि इनिंग खत्म होते-होते उन्होंने शतक ठोक दिया. निशांत ने अपने तूफानी शतक की स्क्रिप्ट 200 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 48 गेंदों में जड़ा, जिसमें 11 चौके और 4 छक्के शामिल रहे. बड़ी बात ये कि ये 20 साल के निशांत के करियर का पहला T20 शतक रहा.

पिछली 8 पारियों में 29 रन था बेस्ट स्कोर
निशांत सिंधु के बल्ले से इस शतक का निकलना गुजरात टाइटंस के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि इससे पहले ऑल फॉर्मेट में उनकी सिर्फ 8 पारियों की बात करें तो उनमें उनका बेस्ट स्कोर सिर्फ 29 रन का ही रहा है. मतलब साफ है कि निशांत के बल्ले पर जो जंग लगा था, वो अरुणाचल के खिलाफ जमाए शतक से उतर चुका है.

निशांत के शतक से हरियाणा को मिली 175 रन से जीत
निशांत सिंधु के शतक का ही नतीजा रहा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हरियाणा की टीम अरुणाचल को 175 रन के बड़े अंतर से हराने में कामयाब रही. हरियाणा ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 255 रन बनाए. जवाब में अरुणाचल की टीम 80 रन से आगे नहीं बढ़ सकी. 

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Nov 26 2024, 12:18

आईपीएल ऑक्शन 2025: सैम कर्रन को 16.10 करोड़ का नुकसान, पिछले सीजन में मिले थे 18.50 करोड़ रुपये!

आईपीएल 2025 में एक ओर जहां ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ियों की लॉटरी लग गई, वहीं दूसरी ओर कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें करोड़ों का नुकसान हो गया.ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं सैम कर्रन जिन्हें जेद्दा में हुई ऑक्शन में तगड़ा नुकसान हो गया. सैम कर्रन को आईपीएल 2025 ऑक्शन में सिर्फ 2.40 करोड़ रुपये मिले. सैम कर्रन अब चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलेंगे. सैम कर्रन को इस ऑक्शन में बिकने की खुशी तो होगी लेकिन उससे ज्यादा उन्हें गम होगा क्योंकि उन्हें बहुत कम रकम मिली है.

सैम कर्रन को 16.10 करोड़ का नुकसान
सैम कर्रन को आईपीएल ऑक्शन में 16.10 करोड़ का नुकसान हो गया है. पिछले सीजन तक कर्रन हर साल 18.50 करोड़ रुपये मिलते थे लेकिन अब ये खिलाड़ी 16.10 करोड़ के नुकसान के साथ 2.40 करोड़ में ही बिका है. सैम कर्रन वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी हैं. साल 2022 में उन्होंने इंग्लैंड को टी20 वर्ल्ड कप जिताया था. वो प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे और इसीलिए उन्हें आईपीएल में बड़ी रकम मिली थी लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि ये खिलाड़ी पैसों के मामले में धड़ाम से नीचे आ गिरा?

सैम कर्रन को कम पैसा क्यों मिला?
सैम कर्रन ने पिछले सीजन में पंजाब किंग्स के लिए 270 रन बनाए थे.उनके बल्ले से 2 अर्धशतक निकले. साथ ही इस खिलाड़ी ने 16 विकेट भी झटके लेकिन उनका इकॉनमी रेट 10 रन प्रति ओवर से ज्यादा रहा. सैम कर्रन अपने प्राइस टैग के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए यही वजह है कि पंजाब ने उनपर बोली तक नहीं लगाई.

सैम कर्रन का आईपीएल में प्रदर्शन
सैम कर्रन ने आईपीएल में अबतक 59 मैचों में 25 से ज्यादा की औसत से 883 रन बनाए हैं.ये खिलाड़ी मैच फिनिशर का रोल निभाता है ऐसे में ये औसत अच्छी है. साथ ही उनका स्ट्राइक रेट भी 136 से ज्यादा का है. कर्रन ने इसके अलावा 58 विकेट भी लिए हैं. ये खिलाड़ी अपनी स्विंग से पावरप्ले में विकेट लेने की काबिलियत रखता है. 

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Nov 26 2024, 12:18

हरियाणा सरकार ने खरीदा 80 करोड़ रुपये का नया हेलीकॉप्टर, कांग्रेस ने लगाया 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आरोप!

हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 80 करोड़ रुपए का हेलीकॉप्टर खरीदा है. इस हेलीकॉप्टर को जर्मनी से हरियाणा में लाया गया. सरकार के मुताबिक, वो हेलीकॉप्टर 15 साल पुराना था. नया खरीदा गया हेलीकॉप्टर Airbus H145-D3 है. हेलीकॉप्टर के आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी पूजा अर्चना की है. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहले वाले हेलीकॉप्टर में दिक्कत हो गई थी, ऐसे में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी.

इस वजह से नया हेलीकॉप्टर खरीदा गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा टीम के अपने परिवार के लोगों के साथ नए हेलीकॉप्टर की पूजा की. इन नए हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य सरकार नॉन-स्टॉप हेलीकाप्टर से हरियाणा के विकास को रफ्तार देगी. हेलीकॉप्टर के खरीदने पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज होने का आरोप लगाया है.

क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस हेलीकॉप्टर के लिए काफी समय पहले ही खरीदने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में सरकार जिस हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल कर रही है, वो सालों पुराना है. बीजेपी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि, पुराने हेलीकॉप्टर की वजह से काफी समस्या हो रही थी. ऐसे में पुराने हेलीकॉप्टर को बदलने के लिए साल भर पहले ही नए हेलीकॉप्टर के लिए ऑर्डर भेजा गया था.

उन्होंने कहा की अभी से हेलीकॉप्टर की कीमत को तय नहीं किया जा सकता है, जब पुराने हेलीकॉप्टर की बिक्री हो जाएगी, उसके बाद ही गणना के बाद इसकी सही लागत तय होगी. हालांकि, नए हेलीकॉप्टर को 80 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने की बात कही गई है. पुराने हेलीकॉप्टर को 33 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था. 

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Nov 26 2024, 12:17

मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा: मकान में ब्लास्ट से 2 महिलाओं की मौत, 4 से 5 लोग घायल!

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है. यहां मंगलवार रात एक मकान में ब्लास्ट होने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई है. जबकि, इस पूरे हादसे में 4 से 5 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायल लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

घटना मुरैना शहर के कोतवाली थाने के तहत आने वाली टंच रोड स्थित राठौर कॉलोनी की है, जहां मंगलवार रात करीब 12 से 1 के बीच अचानक से 2 मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में तीन मकान धराशायी हो गए हैं. जिस मकान में ब्लास्ट हुआ उससे चिपके हुए दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ब्लास्ट होते ही पूरी कॉलोनी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए.

2 महिला की मौत

पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस को मामले की जानकारी दी. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने ब्लास्ट हुए मकान से 2 महिलाओं के शव और 4 से 5 घायल लोगों को बाहर निकाला. आशंका है कि मकान में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (SP) समीर सौरभ ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.

तीम मकान हुए क्षतिग्रस्त

अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बताया जा रहा है कि जिस मकान में ब्लास्ट हुआ है, वह राकेश राठौर नाम के व्यक्ति का है. घटना के समय उसकी पत्नी विद्या राठौर (55) मकान में अंदर फंसी रह गई. जिससे उसकी मौत हो गई है. साथ ही पूजा राठौर नाम की महिला की भी इस ब्लास्ट में मौके पर ही मौत हो गई है.ब्लास्ट होने वाले मकान के पास रहने वाले आकाश राठौर के दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. आकाश राठौर ने बताया जैसे ही विस्फोट हुआ चारों तरफ धुआं छा गया . मलबा काफी दूर तक उछल कर गिरा. 

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Nov 26 2024, 12:17

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में 9 भारतीय क्रिकेटर ने लिया आशीर्वाद, अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई ने की बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना!

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में मंगलवार सुबह एक दो नहीं बल्कि पूरे 9 भारतीय क्रिकेटर ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने नंदी हॉल के पास बैठकर बाबा महाकाल के दर्शन किए. साथ ही उन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की. भारतीय क्रिकेटर को देखते ही लोगों की भारी भीड़ मंदिर में उन्हें देखने के लिए पहुंच गई.

महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित विपुल चतुर्वेदी में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लगभग 2 घंटे तक बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने यहां बाबा महाकाल का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना किया.

सभी ने मांगी मनोकामनाएं
इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामनाएं मांगी. मीडिया से बात करते हुए अक्षर पटेल ने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं इसलिए हम यहां पर आते हैं. बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं देना है. खिलाड़ी रवि बिश्नोई ने बताया कि आज बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के लिए दूसरी बार यहां आया हूं. बाबा महाकाल की कृपा आप और हम पर बनी रहे बस यही कामना है.

खिलाड़ियों ने की मंदिर में पूजा
बाबा महाकाल की पूजा अर्चना करने बाद सभी भारतीय क्रिकेटर मंदिर में कुंड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान श्री कोटेश्वर महादेव का पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया. वैसे तो बाबा महाकाल की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद लगातार बॉलीवुड के सितारे ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती और बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

कब-कब हो सकते है आरती में शामिल
एक साल पहले विराट कोहली भी बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे. जिसके बाद अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई लगभग दो से तीन बार बाबा महाकाल के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना आ चुके हैं. भस्म आरती वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सबसे पसंदीदा समय है, लेकिन अगर कोई वीआईपी इस समय नहीं आ पाता तो ,वह भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती तक बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में पहुंचता है. 

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Nov 25 2024, 19:19

मणिपुर में हिंसा और प्रदर्शनों का उभार: एक गहरी संकट की ओर बढ़ता हुआ राज्य

हालिया हफ्तों में, मणिपुर हिंसा और प्रदर्शनों से जूझ रहा है, जिससे उत्तर-पूर्वी राज्य में अशांति फैल गई है। जो शुरुआत में कुछ स्थानीय संघर्षों के रूप में था, वह अब एक व्यापक संघर्ष में बदल चुका है, जिसने राज्य के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, राज्य और केंद्र सरकारों पर व्यवस्था बहाल करने और हिंसा के मूल कारणों को संबोधित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शन, जो मुख्य रूप से जातीय और राजनीतिक विभाजन से प्रेरित हैं, शुरुआत में मणिपुर के मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा प्राप्त करने की विवादास्पद मांग से उत्पन्न हुए थे। मेइती समुदाय, जो मणिपुर की जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने की मांग कर रहा है, जिससे राज्य के आदिवासी समुदायों में तीव्र विरोध उत्पन्न हुआ है।


हिंसा का फैलाव

प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गए जब मेइती समर्थकों और आदिवासी समुदायों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें भूमि अतिक्रमण, असमान विकास और भेदभाव जैसे मुद्दों ने हिंसा को बढ़ावा दिया। इन संघर्षों के परिणामस्वरूप व्यापक विनाश हुआ, जिसमें संपत्तियों को जलाना, वाहनों पर हमले और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना शामिल था। इसके अतिरिक्त, शारीरिक हमलों, आगजनी और जातीय लक्षित हिंसा की रिपोर्ट्स में नागरिकों की हताहत होने और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।

मणिपुर, जो पहले से ही जटिल सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य का सामना कर रहा है, में स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, हिंसा ने और अधिक तीव्र रूप ले लिया है और कई जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।


आदिवासी अधिकारों और प्रतिनिधित्व पर प्रदर्शन

चल रहे प्रदर्शनों का मूल कारण जातीय अधिकारों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे से जुड़ा हुआ है। मेइती समुदाय, जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में स्थित है, यह तर्क करता है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने से वे जो सामाजिक-आर्थिक असमानताएं झेल रहे हैं, जैसे शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व, उनका समाधान हो सकेगा। हालांकि, राज्य के आदिवासी समूह, जो मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं, इस कदम को अपनी सांस्कृतिक पहचान और स्वायत्तता के लिए खतरा मानते हैं। उन्हें डर है कि इस निर्णय से मेइती समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में बस जाएंगे, जो उनके समुदायों को और अधिक हाशिए पर डाल देगा। आदिवासी समूहों का कहना है कि मेइती समुदाय को पहले से ही कई फायदे प्राप्त हैं, जैसे बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व और संसाधनों तक पहुंच, और उनका मानना है कि ST का दर्जा देने से राज्य की शक्ति संरचना में असंतुलन पैदा होगा। स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा की चिंता के कारण आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है, और वे किसी भी बदलाव का विरोध कर रहे हैं जो वर्तमान आरक्षण प्रणाली को प्रभावित कर सके।


सरकारी प्रतिक्रिया और शांति की अपील

हिंसा की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर, राज्य और केंद्रीय सरकारों ने विभिन्न समुदायों के बीच शांति और संवाद की अपील की है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हिंसा से बचने और शांति वार्ता के जरिए समाधान खोजना जरूरी है। केंद्रीय सरकार ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बल तैनात किए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, स्थिति में तत्काल सुधार की कोई संभावना नहीं दिखती। मानवाधिकार संगठनों ने सुरक्षा बलों द्वारा शक्ति के असंतुलित उपयोग और कुछ क्षेत्रों में नागरिक अधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है। कई नागरिकों ने राजनीतिक समाधान की स्पष्ट दिशा की कमी पर नाराजगी जताई है और सरकार से अनुरोध किया है कि वह केवल कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय संघर्ष के मूल कारणों का समाधान करे।


आगे का रास्ता: एक विभाजित राज्य

मणिपुर अब हिंसक प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप एक गहरी संकट की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है, और यह सवाल उठता है कि कैसे जातीय विभाजन को हल किया जाएगा। राज्य की नाजुक शांति, जो दशकों से जटिल समझौतों और संतुलनों के आधार पर बनी थी, अब खतरे में पड़ सकती है। केंद्रीय और राज्य सरकारों के लिए चुनौती यह होगी कि वे विभिन्न समुदायों की मांगों को संतुलित करते हुए क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करें।


आगे का रास्ता एक जटिल संतुलन की आवश्यकता होगी, जिसमें मेइती समुदाय की राजनीतिक आकांक्षाओं और आदिवासी समूहों की चिंताओं का समाधान करना होगा। संवाद, विश्वास निर्माण की प्रक्रिया और सभी समुदायों की सांस्कृतिक अखंडता और स्वायत्तता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता हिंसा को कम करने और रक्तपात को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी।


तब तक, मणिपुर के लोग अनिश्चितता के बीच जी रहे हैं, क्योंकि प्रदर्शनों और हिंसा ने राज्य को एक गहरे संकट के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। तत्काल राजनीतिक और मानवतावादी हस्तक्षेप की आवश्यकता अधिक से अधिक बढ़ती जा रही है, क्योंकि यह क्षेत्र पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।