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Nov 26 2024, 12:18

IPL ऑक्शन में बिकने के बाद निशांत सिंधु ने जड़ा तूफानी शतक, गुजरात टाइटंस के लिए शुभ संकेत!

पैसा बोलता है. ये तो सुना था. लेकिन पैसे के आने से बल्ला भी बोलने लगता है, ये निशांत सिंधु की बल्लेबाजी से जाहिर होता है. बल्लेबाजी में उनका खोया फॉर्म वापस लौट आया है. 20 साल के निशांत सिंधु को IPL 2025 के मेगा ऑक्शन में 30 लाख रुपये की बेस प्राइस पर गुजरात टाइटंस ने खरीदा है. लेकिन, उसके बाद क्या हुआ? ऑक्शन में बिकने के बाद अगले ही मैच में इस ऑलराउंडर निशांत सिंधु ने शतक ठोक दिया. वो भी ऐसा-वैसा नहीं बल्कि तूफानी. उन्होंने सैयद मुश्ताक अली T20 ट्रॉफी में अरुणाचल के गेंदबाजों को बेरहमी से पीटा और ना सिर्फ एक तेज, तीखा और ताबड़तोड़ शतक जड़ा बल्कि अपनी स्टेट टीम हरियाणा के लिए मैच भी जीता.

24 को ऑक्शन में बिके, 25 नवंबर को धमाका किया
24 नवंबर को निशांत सिंधु आईपीएल ऑक्शन में बिके थे और 25 नवंबर को उन्होंने सैयद मुश्ताक अली का मैच खेला. अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में हरियाणा ने पहले बैटिंग क. पावरप्ले तक ओपनिंग जोड़ी ने टीम के स्कोर को 80 रन के करीब पहुंचा दिया. यानी बल्लेबाजी तेज हुई इसमें कोई शक नहीं. उसके बाद हरियाणा को पहला झटका लगा और क्रीज पर आए निशांत सिंधु.

धुआंधार रहा T20 करियर का पहला शतक
निशांत सिंधु ने आते ही अपने इरादे जता दिए. उन्होंने अरुणाचल के गेंदबाजों की पिटाई-धुनाई सब शुरू कर दी. नतीजा ये हुआ कि इनिंग खत्म होते-होते उन्होंने शतक ठोक दिया. निशांत ने अपने तूफानी शतक की स्क्रिप्ट 200 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 48 गेंदों में जड़ा, जिसमें 11 चौके और 4 छक्के शामिल रहे. बड़ी बात ये कि ये 20 साल के निशांत के करियर का पहला T20 शतक रहा.

पिछली 8 पारियों में 29 रन था बेस्ट स्कोर
निशांत सिंधु के बल्ले से इस शतक का निकलना गुजरात टाइटंस के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि इससे पहले ऑल फॉर्मेट में उनकी सिर्फ 8 पारियों की बात करें तो उनमें उनका बेस्ट स्कोर सिर्फ 29 रन का ही रहा है. मतलब साफ है कि निशांत के बल्ले पर जो जंग लगा था, वो अरुणाचल के खिलाफ जमाए शतक से उतर चुका है.

निशांत के शतक से हरियाणा को मिली 175 रन से जीत
निशांत सिंधु के शतक का ही नतीजा रहा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हरियाणा की टीम अरुणाचल को 175 रन के बड़े अंतर से हराने में कामयाब रही. हरियाणा ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 255 रन बनाए. जवाब में अरुणाचल की टीम 80 रन से आगे नहीं बढ़ सकी. 

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Nov 26 2024, 12:18

आईपीएल ऑक्शन 2025: सैम कर्रन को 16.10 करोड़ का नुकसान, पिछले सीजन में मिले थे 18.50 करोड़ रुपये!

आईपीएल 2025 में एक ओर जहां ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ियों की लॉटरी लग गई, वहीं दूसरी ओर कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें करोड़ों का नुकसान हो गया.ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं सैम कर्रन जिन्हें जेद्दा में हुई ऑक्शन में तगड़ा नुकसान हो गया. सैम कर्रन को आईपीएल 2025 ऑक्शन में सिर्फ 2.40 करोड़ रुपये मिले. सैम कर्रन अब चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलेंगे. सैम कर्रन को इस ऑक्शन में बिकने की खुशी तो होगी लेकिन उससे ज्यादा उन्हें गम होगा क्योंकि उन्हें बहुत कम रकम मिली है.

सैम कर्रन को 16.10 करोड़ का नुकसान
सैम कर्रन को आईपीएल ऑक्शन में 16.10 करोड़ का नुकसान हो गया है. पिछले सीजन तक कर्रन हर साल 18.50 करोड़ रुपये मिलते थे लेकिन अब ये खिलाड़ी 16.10 करोड़ के नुकसान के साथ 2.40 करोड़ में ही बिका है. सैम कर्रन वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी हैं. साल 2022 में उन्होंने इंग्लैंड को टी20 वर्ल्ड कप जिताया था. वो प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे और इसीलिए उन्हें आईपीएल में बड़ी रकम मिली थी लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि ये खिलाड़ी पैसों के मामले में धड़ाम से नीचे आ गिरा?

सैम कर्रन को कम पैसा क्यों मिला?
सैम कर्रन ने पिछले सीजन में पंजाब किंग्स के लिए 270 रन बनाए थे.उनके बल्ले से 2 अर्धशतक निकले. साथ ही इस खिलाड़ी ने 16 विकेट भी झटके लेकिन उनका इकॉनमी रेट 10 रन प्रति ओवर से ज्यादा रहा. सैम कर्रन अपने प्राइस टैग के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए यही वजह है कि पंजाब ने उनपर बोली तक नहीं लगाई.

सैम कर्रन का आईपीएल में प्रदर्शन
सैम कर्रन ने आईपीएल में अबतक 59 मैचों में 25 से ज्यादा की औसत से 883 रन बनाए हैं.ये खिलाड़ी मैच फिनिशर का रोल निभाता है ऐसे में ये औसत अच्छी है. साथ ही उनका स्ट्राइक रेट भी 136 से ज्यादा का है. कर्रन ने इसके अलावा 58 विकेट भी लिए हैं. ये खिलाड़ी अपनी स्विंग से पावरप्ले में विकेट लेने की काबिलियत रखता है. 

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Nov 26 2024, 12:18

हरियाणा सरकार ने खरीदा 80 करोड़ रुपये का नया हेलीकॉप्टर, कांग्रेस ने लगाया 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आरोप!

हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 80 करोड़ रुपए का हेलीकॉप्टर खरीदा है. इस हेलीकॉप्टर को जर्मनी से हरियाणा में लाया गया. सरकार के मुताबिक, वो हेलीकॉप्टर 15 साल पुराना था. नया खरीदा गया हेलीकॉप्टर Airbus H145-D3 है. हेलीकॉप्टर के आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी पूजा अर्चना की है. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहले वाले हेलीकॉप्टर में दिक्कत हो गई थी, ऐसे में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी.

इस वजह से नया हेलीकॉप्टर खरीदा गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा टीम के अपने परिवार के लोगों के साथ नए हेलीकॉप्टर की पूजा की. इन नए हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य सरकार नॉन-स्टॉप हेलीकाप्टर से हरियाणा के विकास को रफ्तार देगी. हेलीकॉप्टर के खरीदने पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज होने का आरोप लगाया है.

क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस हेलीकॉप्टर के लिए काफी समय पहले ही खरीदने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में सरकार जिस हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल कर रही है, वो सालों पुराना है. बीजेपी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि, पुराने हेलीकॉप्टर की वजह से काफी समस्या हो रही थी. ऐसे में पुराने हेलीकॉप्टर को बदलने के लिए साल भर पहले ही नए हेलीकॉप्टर के लिए ऑर्डर भेजा गया था.

उन्होंने कहा की अभी से हेलीकॉप्टर की कीमत को तय नहीं किया जा सकता है, जब पुराने हेलीकॉप्टर की बिक्री हो जाएगी, उसके बाद ही गणना के बाद इसकी सही लागत तय होगी. हालांकि, नए हेलीकॉप्टर को 80 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने की बात कही गई है. पुराने हेलीकॉप्टर को 33 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था. 

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Nov 26 2024, 12:17

मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा: मकान में ब्लास्ट से 2 महिलाओं की मौत, 4 से 5 लोग घायल!

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है. यहां मंगलवार रात एक मकान में ब्लास्ट होने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई है. जबकि, इस पूरे हादसे में 4 से 5 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायल लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

घटना मुरैना शहर के कोतवाली थाने के तहत आने वाली टंच रोड स्थित राठौर कॉलोनी की है, जहां मंगलवार रात करीब 12 से 1 के बीच अचानक से 2 मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में तीन मकान धराशायी हो गए हैं. जिस मकान में ब्लास्ट हुआ उससे चिपके हुए दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ब्लास्ट होते ही पूरी कॉलोनी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए.

2 महिला की मौत

पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस को मामले की जानकारी दी. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने ब्लास्ट हुए मकान से 2 महिलाओं के शव और 4 से 5 घायल लोगों को बाहर निकाला. आशंका है कि मकान में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (SP) समीर सौरभ ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.

तीम मकान हुए क्षतिग्रस्त

अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बताया जा रहा है कि जिस मकान में ब्लास्ट हुआ है, वह राकेश राठौर नाम के व्यक्ति का है. घटना के समय उसकी पत्नी विद्या राठौर (55) मकान में अंदर फंसी रह गई. जिससे उसकी मौत हो गई है. साथ ही पूजा राठौर नाम की महिला की भी इस ब्लास्ट में मौके पर ही मौत हो गई है.ब्लास्ट होने वाले मकान के पास रहने वाले आकाश राठौर के दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. आकाश राठौर ने बताया जैसे ही विस्फोट हुआ चारों तरफ धुआं छा गया . मलबा काफी दूर तक उछल कर गिरा. 

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Nov 26 2024, 12:17

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में 9 भारतीय क्रिकेटर ने लिया आशीर्वाद, अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई ने की बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना!

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में मंगलवार सुबह एक दो नहीं बल्कि पूरे 9 भारतीय क्रिकेटर ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने नंदी हॉल के पास बैठकर बाबा महाकाल के दर्शन किए. साथ ही उन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की. भारतीय क्रिकेटर को देखते ही लोगों की भारी भीड़ मंदिर में उन्हें देखने के लिए पहुंच गई.

महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित विपुल चतुर्वेदी में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लगभग 2 घंटे तक बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने यहां बाबा महाकाल का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना किया.

सभी ने मांगी मनोकामनाएं
इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामनाएं मांगी. मीडिया से बात करते हुए अक्षर पटेल ने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं इसलिए हम यहां पर आते हैं. बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं देना है. खिलाड़ी रवि बिश्नोई ने बताया कि आज बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के लिए दूसरी बार यहां आया हूं. बाबा महाकाल की कृपा आप और हम पर बनी रहे बस यही कामना है.

खिलाड़ियों ने की मंदिर में पूजा
बाबा महाकाल की पूजा अर्चना करने बाद सभी भारतीय क्रिकेटर मंदिर में कुंड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान श्री कोटेश्वर महादेव का पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया. वैसे तो बाबा महाकाल की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद लगातार बॉलीवुड के सितारे ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती और बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

कब-कब हो सकते है आरती में शामिल
एक साल पहले विराट कोहली भी बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे. जिसके बाद अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई लगभग दो से तीन बार बाबा महाकाल के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना आ चुके हैं. भस्म आरती वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सबसे पसंदीदा समय है, लेकिन अगर कोई वीआईपी इस समय नहीं आ पाता तो ,वह भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती तक बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में पहुंचता है. 

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Nov 25 2024, 19:19

मणिपुर में हिंसा और प्रदर्शनों का उभार: एक गहरी संकट की ओर बढ़ता हुआ राज्य

हालिया हफ्तों में, मणिपुर हिंसा और प्रदर्शनों से जूझ रहा है, जिससे उत्तर-पूर्वी राज्य में अशांति फैल गई है। जो शुरुआत में कुछ स्थानीय संघर्षों के रूप में था, वह अब एक व्यापक संघर्ष में बदल चुका है, जिसने राज्य के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, राज्य और केंद्र सरकारों पर व्यवस्था बहाल करने और हिंसा के मूल कारणों को संबोधित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शन, जो मुख्य रूप से जातीय और राजनीतिक विभाजन से प्रेरित हैं, शुरुआत में मणिपुर के मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा प्राप्त करने की विवादास्पद मांग से उत्पन्न हुए थे। मेइती समुदाय, जो मणिपुर की जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने की मांग कर रहा है, जिससे राज्य के आदिवासी समुदायों में तीव्र विरोध उत्पन्न हुआ है।


हिंसा का फैलाव

प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गए जब मेइती समर्थकों और आदिवासी समुदायों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें भूमि अतिक्रमण, असमान विकास और भेदभाव जैसे मुद्दों ने हिंसा को बढ़ावा दिया। इन संघर्षों के परिणामस्वरूप व्यापक विनाश हुआ, जिसमें संपत्तियों को जलाना, वाहनों पर हमले और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना शामिल था। इसके अतिरिक्त, शारीरिक हमलों, आगजनी और जातीय लक्षित हिंसा की रिपोर्ट्स में नागरिकों की हताहत होने और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।

मणिपुर, जो पहले से ही जटिल सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य का सामना कर रहा है, में स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, हिंसा ने और अधिक तीव्र रूप ले लिया है और कई जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।


आदिवासी अधिकारों और प्रतिनिधित्व पर प्रदर्शन

चल रहे प्रदर्शनों का मूल कारण जातीय अधिकारों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे से जुड़ा हुआ है। मेइती समुदाय, जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में स्थित है, यह तर्क करता है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने से वे जो सामाजिक-आर्थिक असमानताएं झेल रहे हैं, जैसे शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व, उनका समाधान हो सकेगा। हालांकि, राज्य के आदिवासी समूह, जो मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं, इस कदम को अपनी सांस्कृतिक पहचान और स्वायत्तता के लिए खतरा मानते हैं। उन्हें डर है कि इस निर्णय से मेइती समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में बस जाएंगे, जो उनके समुदायों को और अधिक हाशिए पर डाल देगा। आदिवासी समूहों का कहना है कि मेइती समुदाय को पहले से ही कई फायदे प्राप्त हैं, जैसे बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व और संसाधनों तक पहुंच, और उनका मानना है कि ST का दर्जा देने से राज्य की शक्ति संरचना में असंतुलन पैदा होगा। स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा की चिंता के कारण आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है, और वे किसी भी बदलाव का विरोध कर रहे हैं जो वर्तमान आरक्षण प्रणाली को प्रभावित कर सके।


सरकारी प्रतिक्रिया और शांति की अपील

हिंसा की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर, राज्य और केंद्रीय सरकारों ने विभिन्न समुदायों के बीच शांति और संवाद की अपील की है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हिंसा से बचने और शांति वार्ता के जरिए समाधान खोजना जरूरी है। केंद्रीय सरकार ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बल तैनात किए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, स्थिति में तत्काल सुधार की कोई संभावना नहीं दिखती। मानवाधिकार संगठनों ने सुरक्षा बलों द्वारा शक्ति के असंतुलित उपयोग और कुछ क्षेत्रों में नागरिक अधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है। कई नागरिकों ने राजनीतिक समाधान की स्पष्ट दिशा की कमी पर नाराजगी जताई है और सरकार से अनुरोध किया है कि वह केवल कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय संघर्ष के मूल कारणों का समाधान करे।


आगे का रास्ता: एक विभाजित राज्य

मणिपुर अब हिंसक प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप एक गहरी संकट की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है, और यह सवाल उठता है कि कैसे जातीय विभाजन को हल किया जाएगा। राज्य की नाजुक शांति, जो दशकों से जटिल समझौतों और संतुलनों के आधार पर बनी थी, अब खतरे में पड़ सकती है। केंद्रीय और राज्य सरकारों के लिए चुनौती यह होगी कि वे विभिन्न समुदायों की मांगों को संतुलित करते हुए क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करें।


आगे का रास्ता एक जटिल संतुलन की आवश्यकता होगी, जिसमें मेइती समुदाय की राजनीतिक आकांक्षाओं और आदिवासी समूहों की चिंताओं का समाधान करना होगा। संवाद, विश्वास निर्माण की प्रक्रिया और सभी समुदायों की सांस्कृतिक अखंडता और स्वायत्तता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता हिंसा को कम करने और रक्तपात को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी।


तब तक, मणिपुर के लोग अनिश्चितता के बीच जी रहे हैं, क्योंकि प्रदर्शनों और हिंसा ने राज्य को एक गहरे संकट के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। तत्काल राजनीतिक और मानवतावादी हस्तक्षेप की आवश्यकता अधिक से अधिक बढ़ती जा रही है, क्योंकि यह क्षेत्र पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। 

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Nov 25 2024, 19:19

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महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?


“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है। 

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे। 

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर
यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत
इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है।  महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है। 

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी। 

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?
महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।
महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी। 

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Nov 25 2024, 19:18

मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात, कई लोग घायल!

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवती से छेड़छाड़ और मारपीट के मामला थमने के बजाय और गहराता जा रहा है. सरधना थाना क्षेत्र के मेहरमति गणेशपुर गांव में रविवार को इसी मामले में दूसरे समुदाय के लोगों ने एक हिंदू महिल के घर पर हमला किया था. इस दौरान महिला समेत परिवार के चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारते हुए आरोपियों को खदेड़ा. इस संबंध में पुलिस ने डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

पीड़ित महिला ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि रविवार सुबह वह गोबर के उपले बना रही थी. इसी दौरान दूसरे समुदाय के युवक ने उसके छेड़छाड़ की. वहीं जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसके साथ गाली गलौज किया. विवाद बढ़ने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत करा दिया. आरोप है कि पुलिस के वापस लौटने के कुछ देर बाद आरोपी युवक ने कुछ बाहरी लोगों को बुलाकर महिला के घर पर हमला बोल दिया.

19 लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
आरोपियों ने लाठी डंडे भांजे और आरोप है कि इस दौरान फायरिंग भी की. इस घटना में युवती के अलावा उसके भाई और पिता समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इस हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुए हैं. इसमें साफ तौर पर लोग फायरिंग करते और एक दूसरे से मारपीट करते नजर आ रहे हैं. फिलहाल हालात को देखते हुए पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर 19 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है.

प्लॉट को लेकर हुआ विवाद
पुलिस के मुताबिक आरोपियों में से एक को अरेस्ट भी कर लिया गया है. वहीं बाकियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है. एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा के मुताबिक गांव में फिलहाल हालात अंडर कंट्रोल है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के प्लॉट आसपास है और इन्हीं प्लॉट की बाउंड्री को लेकर इनके बीच झगड़ा हुआ था. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. 

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Nov 25 2024, 19:17

आईपीएल ऑक्शन 2025: सैम करन की चेन्नई सुपर किंग्स में हुई वापसी, जानें CSK की पूरी टीम की लिस्ट!

जेब में 55 करोड़ रुपये के साथ चेन्नई सुपर किंग्स, IPL 2025 के मेगा ऑक्शन में खिलाड़ियों को खरीदने उतरी है. मेगा ऑक्शन के पहले दिन अश्विन, कॉन्वे , रचिन रवींद्र जैसे अपने पुराने खिलाड़ियों को ये टीम खुद से जोड़ने में कामयाब रही. दूसरे दिन भी कहानी अलग नहीं रही. इस टीम ने दूसरे दिन के ऑक्शन में अपने एक और पुराने खिलाड़ी सैम करन को खुद से जोड़ा.

चेन्नई से डेवन कॉन्वे को 6 करोड़ 25 लाख रुपये की बड़ी रकम मिली. पिछले सीजन सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलने वाले राहुल त्रिपाठी को भी चेन्नई सुपरकिंग्स ने 3.25 करोड़ में खरीदा.

अश्विन की वापसी
रचिन रवींद्र को भी चेन्नई सुपरकिंग्स ने आरटीएम कार्ड इस्तेमाल कर 4 करोड़ में खरीदा. आर अश्विन भी चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा बन गए हैं. ये खिलाड़ी 9 साल बाद चेन्नई में लौटा है. अश्विन को चेन्नई ने 9.75 करोड़ रुपये में खरीदा है. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद को चेन्नई ने 4 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा. अफगानिस्तान के स्पिनर नूर अहमद को चेन्नई ने सबसे ज्यादा 10 करोड़ की कीमत पर खरीदा है.

CSK ने 5 खिलाड़ियों को 65 करोड़ में किया रिटेन
ऑक्शन से पहले चेन्नई फ्रेंचाइजी ने जिन 5 खिलाड़ियों को रिटेन किया, उनमें धोनी के अलावा, रवींद्र जडेजा, शिवम दुबे, ऋतुराज गायकवाड़ और मथीषा पाथिराना के नाम शामिल रहे. IPL 2025 में हरेक फ्रेंचाइजी के पास टीम बनाने के लिए 120 करोड़ है. उस 120 करोड़ में से CSK ने 65 करोड़ रुपये सिर्फ उन 5 खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए खर्च किए हैं.

ऑक्शन में खरीदे गए खिलाड़ी
आर अश्विन- 9.75 करोड़

डेवॉन कॉन्वे- 6.25 करोड़

राहुल त्रिपाठी- 3.40 करोड़

रचिन रवींद्र- 4 करोड़

खलील अहमद-4.80 करोड़

नूर अहमद- 10 करोड़

विजय शंकर- 1.2 करोड़

सैम करन- 2.40 करोड़

शेख रसीद- 30 लाख

अंशुल कंबोज-3.40 करोड़

मुकेश चौधरी-30 लाख

दीपक हुड्डा- 1.70 लाख

IPL 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स की टीम रिटेन प्लेयर्स

ऋतुराज गायकवाड़ ( 18 करोड़)

रवींद्र जडेजा (18 करोड़)

मथीषा पाथिराना ( 13 करोड़)

शिवम दुबे ( 12 करोड़)

एमएस धोनी (4 करोड़) 

BiharFinancenews

Nov 25 2024, 16:31

patoleresignsascongressunitchiefafterhuge_defeat
महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का दिखने लगा साइड इफेक्ट, नाना पटोले ने की प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने इस्तीफे की पेशकश की है। विधानसभा चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए पटोले ने अपने इस्तीफे की पेशकश का दी है। पटोले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

पटोले का यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए ने कांग्रेस पार्टी और महाविकास अघाड़ी को चुनाव में करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस पार्टी ने राज्य में 103 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे सिर्फ 16 सीटें मिली। 

कांग्रेस चुनाव में बड़ी मुश्किल से दहाई के आंकड़े तक पहुंची है। यही नहीं, साकोली सीट से पार्टी के उम्मीदवार नाना पटोले ने सबसे कम अंतर से 208 वोटों से जीत दर्ज की। साकोली में उनकी जीत इस साल सबसे कम अंतर से जीती गई सीटों में शीर्ष तीन में शुमार है। यह नतीजे 2019 विधानसभा चुनावों के बिल्कुल उलट हैं, जब नाना पटोले ने साकोली में लगभग 8,000 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। पटोले साकोली सीट से चार बार के विधायक हैं। फिर भी उन्हें इस सीट से जीत दर्ज करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

नाना पटोले ने ही चुनाव परिणाम घोषित होने से दो दिन पहले यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि कांग्रेस अगली महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व करेगी। हालांकि, उनकी अगुवाई में 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की है।