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Nov 25 2024, 19:19

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महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?


“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है। 

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे। 

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर
यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत
इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है।  महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है। 

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी। 

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?
महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।
महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी। 

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Nov 25 2024, 19:18

मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात, कई लोग घायल!

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवती से छेड़छाड़ और मारपीट के मामला थमने के बजाय और गहराता जा रहा है. सरधना थाना क्षेत्र के मेहरमति गणेशपुर गांव में रविवार को इसी मामले में दूसरे समुदाय के लोगों ने एक हिंदू महिल के घर पर हमला किया था. इस दौरान महिला समेत परिवार के चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारते हुए आरोपियों को खदेड़ा. इस संबंध में पुलिस ने डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

पीड़ित महिला ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि रविवार सुबह वह गोबर के उपले बना रही थी. इसी दौरान दूसरे समुदाय के युवक ने उसके छेड़छाड़ की. वहीं जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसके साथ गाली गलौज किया. विवाद बढ़ने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत करा दिया. आरोप है कि पुलिस के वापस लौटने के कुछ देर बाद आरोपी युवक ने कुछ बाहरी लोगों को बुलाकर महिला के घर पर हमला बोल दिया.

19 लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
आरोपियों ने लाठी डंडे भांजे और आरोप है कि इस दौरान फायरिंग भी की. इस घटना में युवती के अलावा उसके भाई और पिता समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इस हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुए हैं. इसमें साफ तौर पर लोग फायरिंग करते और एक दूसरे से मारपीट करते नजर आ रहे हैं. फिलहाल हालात को देखते हुए पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर 19 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है.

प्लॉट को लेकर हुआ विवाद
पुलिस के मुताबिक आरोपियों में से एक को अरेस्ट भी कर लिया गया है. वहीं बाकियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है. एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा के मुताबिक गांव में फिलहाल हालात अंडर कंट्रोल है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के प्लॉट आसपास है और इन्हीं प्लॉट की बाउंड्री को लेकर इनके बीच झगड़ा हुआ था. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. 

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Nov 25 2024, 19:17

आईपीएल ऑक्शन 2025: सैम करन की चेन्नई सुपर किंग्स में हुई वापसी, जानें CSK की पूरी टीम की लिस्ट!

जेब में 55 करोड़ रुपये के साथ चेन्नई सुपर किंग्स, IPL 2025 के मेगा ऑक्शन में खिलाड़ियों को खरीदने उतरी है. मेगा ऑक्शन के पहले दिन अश्विन, कॉन्वे , रचिन रवींद्र जैसे अपने पुराने खिलाड़ियों को ये टीम खुद से जोड़ने में कामयाब रही. दूसरे दिन भी कहानी अलग नहीं रही. इस टीम ने दूसरे दिन के ऑक्शन में अपने एक और पुराने खिलाड़ी सैम करन को खुद से जोड़ा.

चेन्नई से डेवन कॉन्वे को 6 करोड़ 25 लाख रुपये की बड़ी रकम मिली. पिछले सीजन सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलने वाले राहुल त्रिपाठी को भी चेन्नई सुपरकिंग्स ने 3.25 करोड़ में खरीदा.

अश्विन की वापसी
रचिन रवींद्र को भी चेन्नई सुपरकिंग्स ने आरटीएम कार्ड इस्तेमाल कर 4 करोड़ में खरीदा. आर अश्विन भी चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा बन गए हैं. ये खिलाड़ी 9 साल बाद चेन्नई में लौटा है. अश्विन को चेन्नई ने 9.75 करोड़ रुपये में खरीदा है. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद को चेन्नई ने 4 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा. अफगानिस्तान के स्पिनर नूर अहमद को चेन्नई ने सबसे ज्यादा 10 करोड़ की कीमत पर खरीदा है.

CSK ने 5 खिलाड़ियों को 65 करोड़ में किया रिटेन
ऑक्शन से पहले चेन्नई फ्रेंचाइजी ने जिन 5 खिलाड़ियों को रिटेन किया, उनमें धोनी के अलावा, रवींद्र जडेजा, शिवम दुबे, ऋतुराज गायकवाड़ और मथीषा पाथिराना के नाम शामिल रहे. IPL 2025 में हरेक फ्रेंचाइजी के पास टीम बनाने के लिए 120 करोड़ है. उस 120 करोड़ में से CSK ने 65 करोड़ रुपये सिर्फ उन 5 खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए खर्च किए हैं.

ऑक्शन में खरीदे गए खिलाड़ी
आर अश्विन- 9.75 करोड़

डेवॉन कॉन्वे- 6.25 करोड़

राहुल त्रिपाठी- 3.40 करोड़

रचिन रवींद्र- 4 करोड़

खलील अहमद-4.80 करोड़

नूर अहमद- 10 करोड़

विजय शंकर- 1.2 करोड़

सैम करन- 2.40 करोड़

शेख रसीद- 30 लाख

अंशुल कंबोज-3.40 करोड़

मुकेश चौधरी-30 लाख

दीपक हुड्डा- 1.70 लाख

IPL 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स की टीम रिटेन प्लेयर्स

ऋतुराज गायकवाड़ ( 18 करोड़)

रवींद्र जडेजा (18 करोड़)

मथीषा पाथिराना ( 13 करोड़)

शिवम दुबे ( 12 करोड़)

एमएस धोनी (4 करोड़) 

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Nov 25 2024, 16:31

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महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का दिखने लगा साइड इफेक्ट, नाना पटोले ने की प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने इस्तीफे की पेशकश की है। विधानसभा चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए पटोले ने अपने इस्तीफे की पेशकश का दी है। पटोले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

पटोले का यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए ने कांग्रेस पार्टी और महाविकास अघाड़ी को चुनाव में करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस पार्टी ने राज्य में 103 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे सिर्फ 16 सीटें मिली। 

कांग्रेस चुनाव में बड़ी मुश्किल से दहाई के आंकड़े तक पहुंची है। यही नहीं, साकोली सीट से पार्टी के उम्मीदवार नाना पटोले ने सबसे कम अंतर से 208 वोटों से जीत दर्ज की। साकोली में उनकी जीत इस साल सबसे कम अंतर से जीती गई सीटों में शीर्ष तीन में शुमार है। यह नतीजे 2019 विधानसभा चुनावों के बिल्कुल उलट हैं, जब नाना पटोले ने साकोली में लगभग 8,000 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। पटोले साकोली सीट से चार बार के विधायक हैं। फिर भी उन्हें इस सीट से जीत दर्ज करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

नाना पटोले ने ही चुनाव परिणाम घोषित होने से दो दिन पहले यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि कांग्रेस अगली महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व करेगी। हालांकि, उनकी अगुवाई में 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की है। 

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Nov 25 2024, 16:30

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रद्द होगी मनसे की मान्यता? महाराष्ट्र में करारी हार के बाद बढ़ी राज ठाकरे के मुश्किलें

महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद राज ठाकरे की टेंशन बढ़ गई है। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) को इस विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। उनके बेटे अमित ठाकरे तक माहिम विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि चुनाव आयोग राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की मान्यता रद्द कर सकती है

चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक अगर किसी पार्टी का एक विधायक चुना जाता है और उसे कुल वोट का 8% वोट मिल जाए, तो उसकी मान्यता बनी रहती है। अगर 2 विधायक चुने जाते हैं और कुल वोट का 6% वोट मिले, अगर 3 विधायक और कुल वोट का 3% वोट मिले, तो ही चुनाव आयोग की शर्तें पूरी होती हैं और पार्टी की मान्यता बनी रहती है। ये शर्तें पूरी नहीं होने पर मान्यता रद्द की जा सकती है।

मनसे को कितने % वोट मिले?
इस चुनाव में मनसे को सिर्फ 1.55  वोट मिले हैं और एक भी सीट नहीं मिली है। महाराष्ट्र चुनाव में मनसे की जमानत जब्त हो गई। राज ठाकरे की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे सहित 125 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन एक भी सीट पर मनसे का खाता नहीं खुला।
इस बीच राज ठाकरे ने आज अपने घर पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में चुनाव में खराब प्रदर्शन और आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है। 

किसे कितनी सीटें मिली?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की भाजपा को 132, एनसीपी को 41 और शिवसेना को 57 सीटों (कुल 230) पर जीत हासिल हुई है। वहीं, महाविकास अघाड़ी की शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) को 10 (कुल 46) सीटों पर जीत मिली है। बाकी की 12 सीटें अन्य दलों या फिर निर्दलीय ने जीती हैं। 

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Nov 25 2024, 16:30

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संभल हिंसा पर राहुल से लेकर ओवैसी तक ने योगी सरकार को घेरा, जानें क्या कहा?

त्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर रविवार को हुए बवाल के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई हैं। अब इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है। संभल में हुई हिंसा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही राहुल गांधी ने यूपी पुलिस को भी घेरा है। वहीं, संभल में हुई हिंसा को पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले को गलत बताया और पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया है।बता दें, संभल में हुई हिंसा के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई थी। इस बवाल में पांच लोगों की मौत की रिपोर्ट है। जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं।

राहुल ने कहा- सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार
संभल की घटना पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पोस्ट करते हुए लिखा कि संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना। जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है। राहुल ने आगे कहा कि भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के।

ओवैसी ने की सदन में चर्चा की मांग
संभल हिंसा को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में चर्चा की मांग की। ओवैसी ने कार्य स्थगन का नोटिस दिया है। ओवैसी ने संभल हिंसा को लेकर कहा, हिंसा ने हालात को गंभीर बना दिया है, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा के पीछे की वजह और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। ओवैसी ने चाहते हैं कि सरकार इस मामले में स्थिति साफ करें और दोषियों के खिलाफ जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए।
ओवैसी ने कोर्ट के फैसले को गलत बताया और पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि संभल की मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से भी ज़्यादा पुरानी है और कोर्ट ने बिना मस्जिद के लोगों की बात सुने एकतरफा आदेश दिया जो गलत है। जब दूसरा सर्वे किया गया तो कोई जानकारी नहीं दी गई। 

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Nov 25 2024, 16:30

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एलन मस्क ने क्यों की भारत में चुनाव की तारीफ, जानें क्या कहा?

माइक्रा ब्‍लॉगिंग साइट के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर बिजनेस मैन एलन मस्क ने भारत की चुनाव व्यवस्था की तारीफ की है। यही नहीं मस्क ने अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए हैं।मस्क ने कहा है कि भारत ने एक ही दिन में 64 करोड़ वोट गिनकर चुनाव का फैसला सुना दिया। वहीं अमेरिका के कैलिफोर्निया में अभी भी 5 नवंबर को हुए चुनावों के लिए गिनती जारी है। बता दें कि भारत में 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा समेत 13 राज्यों में विधानसभा उप-चुनावों की गिनती हुई। जिसको लेकर मस्क ने ये टिप्पणी की।

एलन मस्क ने भारत के इलेक्‍शन सिस्‍टम का जिक्र अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कैलिफोर्निया में वोटों की गिनती 18 दिन बाद भी खत्‍म नहीं होने के संदर्भ में किया। मस्क सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट का जवाब दे रहे थे। इस न्‍यूज को शेयर करते हुए उन्‍होंने लिखा “भारत ने एक दिन में 640 मिलियन वोट कैसे गिने”। यूजर द्वारा किए गए पोस्ट के कैप्‍शन में कैलिफोर्निया के नतीजों पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया, “इस बीच भारत में, जहां धोखाधड़ी चुनावों का प्राथमिक लक्ष्य नहीं है” पोस्ट का हवाला देते हुए, मस्क ने कहा, “भारत ने 1 दिन में 640 मिलियन वोट गिने। कैलिफोर्निया अभी भी वोटों की गिनती कर रहा है।” एलन मस्‍क ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट का जवाब दिया जिसमें कहा गया था, “भारत ने एक ही दिन में 640 मिलियन वोटों की गिनती की। कैलिफोर्निया अभी भी 15 मिलियन वोटों की गिनती कर रहा है…18 दिन बाद।

यूएस में वोटों की गिनती में क्यों लगता है समय?
बता दें कि अमेरिका में ज्यादातर वोटिंग बैलेट पेपर या ईमेल बैलेट से होती है। 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में सिर्फ 5% क्षेत्रों में वोटिंग के लिए मशीन का उपयोग किया गया था। ऐसे में यहां काउंटिंग में काफी समय लगता है। कैलिफोर्निया अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य है। यहां 3.9 करोड़ लोग रहते हैं। 5 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में 1.6 करोड़ लोगों ने वोट डाले थे। मतदान के दो हफ्ते बाद भी अभी तक लगभग 3 लाख वोटों की गिनती होना बाकी है। अमेरिका में हर साल वोटों की गिनती में हफ्ते लग जाते हैं। 

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Nov 25 2024, 16:29

माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए प्रस्तावित रोपवे परियोजना का विरोध: हितधारकों को बेरोजगारी का डर, रोका गया काम 

जम्मू-कश्मीर में त्रिकुटा की पहाड़ियों पर विराजमान माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए प्रस्तावित रोपवे परियोजना का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा.सोमवार लगातार चौथे दिन इस योजना के हितधारकों ने उग्र प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस के नेता भी हितधारकों के प्रदर्शन में शामिल रहे. हालात को देखते हुए ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच 250 करोड़ रुपये लागत वाले इस प्रस्तावित रोपवे का काम रोक दिया गया है. बड़ा सवाल यह कि लोग इस रोपवे का विरोध क्यों क रहे हैं? इस सवाल का जवाब योजना के उद्देश्य में ही छिपा है.

दरअसल अभी माता वैष्णो देवी की चढ़ाई में कम से कम 7 घंटे लगते हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं को 13 किमी की दूरी या तो पैदल चलकर पूरी करनी होती है या फिर टट्टू या पालकी से जाना होता है. ऐसे हालात में कई बार श्रद्धालु ना तो पैदल चलने में समर्थ होते हैं और ना ही वह पालकी या टट्टू पर सवारी में ही सहज होते हैं. इसी समस्या के समाधान के तौर पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस रोपवे प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की योजना बनाई थी. बोर्ड का दावा है कि रोपवे प्रोजेक्ट पूरा होने से माता मंदिर की दूरी महज एक घंटे की रह जाएगी.

श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा
श्रीमाता श्राइन बोर्ड के मुताबिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रोपवे में यात्रा करने से किसी श्रद्धालु को कोई दिक्कत भी नहीं होगी. बड़ी बात यह कि इस सुविधा से लोगों का समय और पैसा तो बचेगा ही, उन्हें किसी तरह की मानसिक या शारीरिक परेशानी से भी नहीं जूझना होगा. बोर्ड के मुताबिक इस सुविधा से माता मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और इससे यहां पर्यटन का दायरा भी बढ़ेगा. बावजूद इसके, योजना के हित धारक विरोध में हैं. इसलिए जरूरी है कि उनका भी दर्द समझ लिया जाए.

हितधारकों को सता रहा बेरोजगारी का डर
दरअसल योजना का विरोध करने वाले सभी हितधारक टट्टू वाले और पालकी वाले हैं. उन्हें डर है कि रोपवे प्रोजेक्ट आते ही वह बेरोजगार भी हो जाएंगे. उनका डर जायज भी है. अभी वह श्रद्धालुओं से मनमानी रकम वसूल करते हैं और यहां उनकी मोनोपॉली चलती है. वहीं जब रोपवे बन जाएगा तो लोग इनसे उलझने के बजाय रोपवे की सेवाएं लेना ज्यादा पसंद करेंगे. हितधारकों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह जामवाल ने भी इस आशंका को दोहराया. कहा कि रोपवे का काम दो साल में पूरा हो जाएगा. इसके बाद यहां सेवा देने वाले बेरोजगार हो जाएंगे. 

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Nov 25 2024, 16:29

केजरीवाल ने किया बड़ा एलान, में 80 हजार नई वृद्धावस्था पेंशन, 5 लाख 30 हजार बुजुर्गों को मिलेगा लाभ, 

आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि 80 हजार नई वृद्धावस्था पेंशन खोली जा रही है. साल 2015 में जब हमारी सरकार बनी थी तब दिल्ली में 3 लाख 32 हजार बुजुर्गों को पेंशन मिलती थी. इसे बढ़ाकर पिछले 9 सालों में सवा लाख पेंशन और एड की गई हैं. फिलहाल दिल्ली में करीब साढ़े चार लाख बुजुर्गों को पेंशन मिल रही है.

केजरीवाल ने कहा है कि अब दिल्ली के 5 लाख 30 हजार बुजुर्गों को पेंशन दी जाएगी. कई साल से ये पेंशन बंद थे, लंबे समय से ये मांग की जा रही थी. 60 से 69 साल के बुजुर्गों को अभी 2000 रुपए पेंशन मिलती है, जबकि 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 2500 मिलते हैं. ये पेंशन देश में सबसे ज्यादा है. आप नेता ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि जहां डबल इंजन की सरकारें हैं वहां बुजुर्गों को 500-600 मिलते हैं, हमारी सिंगल इंजन की सरकार में 2500 रुपए मिलते हैं. केजरीवाल ने कहा कि बुजुर्गों के पेंशन रोकना पाप है, जेल से आते ही हमने इसे शुरू कराया है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने श्रवण कुमार की तरह दिल्ली के बुजुर्गों के लिए काम किया है. एक के बाद एक दिल्ली के रुके हुए काम शुरू हो रहे हैं. केजरीवाल ने दिल्ली के एक लाख बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाई हैं. बुजुर्गों की पेंशन काफी समय से रुकी हुई थी.

बीजेपी का षड्यंत्र फेल हो गया- आतिशी
उन्होंने कहा कि दिल्ली के काम रोकने के लिए केंद्र और बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया क्योंकि जो काम वे दिल्ली के लोगों के लिए कर रहे थे वो बीजेपी अपने किसी राज्य में नहीं कर पा रही थी, लेकिन दिल्ली के लोगों के प्यार और आशीर्वाद से बीजेपी का षड्यंत्र फेल हो गया. केजरीवाल जेल से बाहर आ गए और एक के बाद एक दिल्ली के रुके हुए काम वो शुरू हो रहे हैं. वहीं, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल जब छोटे मुकदमे में जेल में थे तब तक दिल्ली के बुजुर्गों की पेंशन रोक दी गई थी. 24 घंटे में ही इसके लिए 10 हजार आवेदन भी आ गए हैं. 

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Nov 25 2024, 13:22

अब किसी तरह की गड़बड़ी करने पर जिलादबदर भी हो सकते है शिक्षक, शिक्षा विभाग बना रहा नया नियमावली 

डेस्क : अब किसी तरह की गड़बड़ी करने पर शिक्षक नप जाएंगे। वे जिलाबदर भी हो सकते हैं और दूसरे जिले में उनकी तैनाती की जा सकती है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए नई नियमावली बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। शीघ्र ही इसके अमल में लाने की भी तैयारी चल रही है।

नियमावली में संभावित गलतियां श्रेणीबद्ध की जाएगी और उसके मुताबिक नियमानुसार कार्रवाई भी तय होंगे। पहले उन्हें उनके मूल पदस्थापन क्षेत्र से हटना पड़ेगा। इस प्रस्ताव को विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ की भी हरी झंडी मिल चुकी है। शिक्षा विभाग गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों के लेकर सख्त कार्रवाई के मूड में है। ऐसे शिक्षकों को विभाग किसी प्रकार की रियायत देने के लिए तैयार नहीं है। यदि शिक्षकों ने दी गयी जिम्मेवारियों का निर्वहन नहीं किया, तो उनके ऊपर गाज गिरनी तय है। हालांकि वे अपने ऊपर हुई कार्रवाई के खिलाफ मुख्यालय में अपील कर सकते हैं। यह सुविधा उन्हें दी जाएगी। 

विभागीय अधिकारी के अनुसार बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाने, समय पर स्कूल नहीं आने पर शिक्षक कार्रवाई के दायरे में आएंगे। अपनी ड्यूटी अच्छे से नहीं करने, हेड मास्टर या विभाग के किसी पदाधिकारी द्वारा सौंपे गये टास्क को समयबद्ध होकर पूरा नहीं करने, जिम्मेदारी से भागने या जानबूझकर कोई की गई गड़बड़ियों को लेकर शिक्षक कार्रवाई के दायरे में आयेंगे।