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Jan 27 2025, 09:47

लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, ट्रक से भिड़ी कार; एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत


लखनऊ । आगरा के फतेहाबाद में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह भीषण हादसा हो गया। कुंभ स्नान कर कार से जा रहे परिवार की कार हादसे का शिकार हो गई। बताया गया है कि कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई। इसके बाद कार दूसरी लाइन में चली गई और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सवार पूरे परिवार की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने कार में फंसी पति-पत्नी के साथ मासूम बेटे और बेटी की लाश को बाहर निकाला। पुलिस ने शिनाख्त के  बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

ये हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 31 किमी पर हुआ। बताया गया है कि थाना फतेहाबाद क्षेत्र में कार अचानक रोड के दूसरी तरफ जाकर सामने से आ रहे मिली ट्रक से  टकरा गई। हादसे में मौके पर ही कार सवार बच्चों सहित चार की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। हादसे के बाद एक्सप्रेस-वे पर दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों की वजह से जाम हो गया। पुलिस ने क्रेन की सहायता से वाहनों के हटवाने के बाद मार्ग सुचारू कराया। इसके साथ ही मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा भेजा है।

 पुलिस ने बताया कि ये परिवार दिल्ली के उत्तम नगर का रहने वाला है, जो कुंभ स्नान कर वापस लौट रहा था। हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हुई है। पुलिस ने बताया मृतकों में ओमप्रकाश आर्या उम्र करीब 42 वर्ष, उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह उम्र 34 वर्ष, 12 वर्षीय बेटी अहाना और चार वर्ष का बेटा विनायक है। 

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Jan 26 2025, 19:48

पुलिस मुख्यालय में डीजीपी प्रशांत कुमार ने फहराया तिरंगा

लखनऊ ।पुलिस महानिदेशक यूपी (डीजीपी) प्रशांत कुमार द्वारा रविवार को तिलक मार्ग, स्थित आवास व कैम्प कार्यालय, लखनऊ एवं पुलिस मुख्यालय गोमती नगर विस्तार के प्रांगण में गणतन्त्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा शपथ दिलायी गयी। इस अवसर पर बेहतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया।

पुलिस के अधिकारी एवं कर्मचारियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आज 76वें गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर, सबसे पहले मैं हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान के निर्माताओं, और उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया।आज सम्पूर्ण देश राष्ट्रप्रेम की भावना से अभिभूत होकर गरिमामयी रूप से पूरे हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मना रहा है।  इस गौरवपूर्ण अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश पुलिस के सभी जवान एवं उनके परिवारीजन को हार्दिक बधाई देता हूं। 

हमारा संविधान, जो 75 वर्ष पहले अपनाया गया था
	
डीजीपी ने कहा कि हमारा संविधान, जो 75 वर्ष पहले अपनाया गया था, केवल एक दस्तावेज नहीं है। यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह एक पवित्र समझौता है जो राज्य और उसके नागरिकों के बीच है। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों का प्रतीक है। एक पुलिस अधिकारी के रूप में, यह हमारा प्राथमिक कर्तव्य है कि हम इन संवैधानिक मूल्यों को अपने हर कार्य में, हर निर्णय में और जनता के साथ हर बातचीत में लागू करें।

पुलिसिंग केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं
	
पुलिसिंग केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं है; यह लोगों की सेवा करने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी गरिमा बनाए रखने का कार्य है। हमारे संविधान का अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है, और हम, कानून के रक्षक, इस अधिकार के संरक्षक हैं। जब भी हम किसी कमजोर व्यक्ति की रक्षा करते हैं, किसी विवाद का समाधान करते हैं, या किसी अपराध को रोकते हैं, हम संविधान को जीवंत बनाते हैं।

 हमारा संविधान “हम भारत के लोग“ से शुरू होता है: प्रशांत कुमार 
	
डीजीपी ने कहा कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह पवित्र कर्तव्य बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। यह हमसे सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और सहानुभूति की अपेक्षा करता है। हमारा संविधान “हम भारत के लोग“ से शुरू होता है, और यह हमें याद दिलाता है कि हमारी सर्वोच्च निष्ठा उन लोगों के प्रति है जिनकी हम सेवा करते हैं। वे केवल आंकड़े या मामले नहीं हैं-वे अधिकारों, सपनों और आकांक्षाओं वाले व्यक्ति हैं।

हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है : डीजीपी 
	
हमारे दिन-प्रतिदिन के कार्य में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है कभी तनाव, संसाधनों की कमी, और कभी-कभी आलोचना भी। लेकिन ये चुनौतियां हमें कमजोर नहीं करेंगी। बल्कि, इन्हें हमें और अधिक समर्पित और प्रतिबद्ध बनाना चाहिए। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा हर निर्णय लोगों के जीवन पर प्रभाव डालता है, और हर दया का कार्य पुलिस और जनता के बीच के बंधन को मजबूत करता है।

हम न्याय को बिना किसी भेदभाव के लागू करें
	
संविधान के रक्षक के रूप में हमारी भूमिका यह भी है कि हम न्याय को बिना किसी भेदभाव के लागू करें। संविधान कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है, और यह हमारे कार्यों में परिलक्षित होना चाहिए। उत्तर प्रदेश पुलिस जैसे गौरवशाली पुलिस बल का प्रमुख होना मेरे जीवन का एक स्वर्णिम अध्याय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, चाहे वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा हो, आपदा प्रबंधन में सहयोग हो, आतंकवाद का मुकाबला हो, या साइबर अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों का सामना हो। 

उत्तर प्रदेश पुलिस दृढ़ता का प्रतीक बनकर उभरी 

अपनी अटूट निष्ठा, साहस और जनसेवा के माध्यम से, उत्तर प्रदेश पुलिस दृढ़ता का प्रतीक बनकर उभरी है, जिसने करोड़ों लोगों का विश्वास और सम्मान अर्जित करते हुए एक सुरक्षित और प्रगतिशील समाज की मजबूत नींव रखी है।विराट मानवता के महोत्सव महाकुंभ 2025 में व्याप्त सुरक्षा और प्रबंधन की कुशलता किसी चमत्कार से कम नहीं है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी के ओजस्वी नेतृत्व में यह अविस्मरणीय उपलब्धि उत्तर प्रदेश पुलिस की असाधारण कार्यक्षमता और अटूट प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।

33 कार्मिकों को वीरता पदक, 5 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक
	
गणतन्त्र दिवस-2025 के अवसर पर भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस के 33 कार्मिकों को वीरता पदक, 05 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक व 78 को सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान कर गौरवान्वित किया है। सभी प्रदेशों में उत्तर प्रदेश पुलिस को सबसे ज्यादा वीरता पदक, राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक एवं सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान किये गये हैं।

46 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह

इस अवसर पर 46 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 201 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 473 पुलिस कार्मिकों को पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त  मुख्यमंत्री, उ0प्र0 द्वारा 10 पुलिस कर्मियों को मा0 मुख्यमंत्री का वीरता पदक एवं 06 पुलिस कर्मियों को  मुख्यमंत्री का प्रशस्ति-पत्र स्वीकृत किया गया। आप सभी पुलिस कार्मिकों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई। 

हम खतरों के सामने साहसी बनें, दुख के सामने करुणामय बनें
	
इस गणतंत्र दिवस पर, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि संविधान के मूल्यों को अपने जीवन और कार्य में उतारने का संकल्प लें। आइए, हम खतरों के सामने साहसी बनें, दुख के सामने करुणामय बनें, और न्याय की खोज में अडिग रहें। हम संविधान को अपना मार्गदर्शक बनाकर आगे बढ़ें। साथ मिलकर, हम ऐसा समाज बनाएं जहां न्याय प्रबल हो, स्वतंत्रता फले-फूले, और हर नागरिक सुरक्षित और संरक्षित महसूस करे।पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा गणतन्त्र दिवस के अवसर पर मुख्यालय में नियुक्त निम्न पुलिस कर्मियों को पदक से अलंकृत किया गया। 

‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’ 

1. रूप कृष्ण त्रिपाठी, निरीक्षक ना0पु0, अपराध शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’ 

1. राम बिलास, मुख्य आरक्षी चालक, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
2.  आशीष कुमार, मुख्य आरक्षी, कानून व्यवस्था शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।	

‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (प्लेटिनम)’

1.  सतीश चन्द्र सचान, प्रतिसार निरीक्षक, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।	
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (गोल्ड)’

1. मोहित कुमार, सहायक उ0नि0(लिपिक), कानून व्यवस्था शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (सिल्वर)’ 

1. गंगाराम, निरीक्षक (लिपिक), कार्मिक शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।	
2.  मनोज कुमार गौड़, आरक्षी चालक, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

पुलिस मुख्यालय के अलावा रिजर्व पुलिस लाइन, पीएसी, सीओ कार्यालय, थाना और तमाम सरकारी कार्यालयों में तिरंगा फहराया। इस दौरान मिष्ठान का वितरण कराया गया 

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Jan 26 2025, 16:35

सहकारिता का उत्कृष्ट उदाहरण है महाकुम्भ-2025 : मुख्यमंत्री



लखनऊ,। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ 2025 को सहकारिता का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि प्रयाग में 26 जनवरी को करीब ढाई से तीन करोड़ लोग पवित्र संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। यह पूरा कार्य ऑटो मोड और आपसी सहभागिता के आधार पर चल रहा है। ये सहकारिता का सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत के जीन्स में ही सहकारिता की भावना रची-बसी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास से अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया। उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ करने वाला देश का पहला राज्य है।

इस अवसर पर उन्होंने सुलतानपुर में 5 हजार और कोशाम्बी में 15 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का उद्घाटन किया, साथ ही तिरंगे गुब्बारे छोड़कर अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी ने 'रन फॉर कॉर्पोरेशन' मैराथन का भी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रतिभाग किया।

सहकारिता आंदोलन देश में नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल मां भारती के सभी ज्ञात-अज्ञात महान सपूतों को नमन किया। उन्होंने कहा कि सहकार का ही एक परिवर्तित रूप सहकारिता है। उन्होंने कहा कि एक स्वावलंबी भारत का निर्माण करना है तो सहकारिता को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से सहकारिता आंदोलन देश में नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है। पहली बार देश में सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ और उसका नेतृत्व गृहमंत्री अमित शाह को सौंपा गया। सहकारिता आंदोलन पूरे देश में हर किसान, महिला और युवा वर्ग को इस अभियान का हिस्सा बना रहा है।

डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ें सहकारी बैंक

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल में यूपी में सहकारिता आंदोलन एक नई दिशा की ओर अग्रसर हुआ है। सीएम ने कहा कि सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें गांव के विकास और किसान के स्वावलंबन के साथ जोड़ने का कार्य हो, या जिला स्तर पर सहकारी बैंकों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें विकास के महत्वपूर्ण आयाम के साथ जोड़ने की कार्रवाई हो, हर दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ रहे हैं। सहकारी बैंकों में 10 लाख की लीमिट को बढ़ाने की बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने सहकारिता बैंकों को डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। जिससे किसान और नौजवानों को फायदा होगा।

प्रदेश का हर गांव आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में हर ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि एक मॉडल शॉप हर गांव में बनाने का कार्य हो रहा है। जो दुकानें पहले केवल फेयर प्राइज शॉप यानी कोटे की दुकान के रूप तक ही सीमित थीं, अब उन्हें मॉडल शॉप का रूप दिया जा रहा है। सीएम ने बताया कि इन 'मॉडल शॉप' पर नशीले पदार्थों को छोड़कर दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं बेची जाएंगी। इनके साथ ही वेयरहाउसों का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज कोशाम्बी में 15 हजार और सुलतानपुर में 5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के वेयरहाउस का उद्घाटन किया गया है। केवल जनपद नहीं बल्कि हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के कार्यों की सराहना की।

इस अवसर पर सहकारिता विभाग के मंत्री जेपीएस राठौर, पूर्व मंत्री और एमएलसी डॉ महेन्द्र सिंह, एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, पवन सिंह चौहान, मुकेश शर्मा, उमेश द्विवेदी, रामचंद्र प्रधान, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग सहित सहकारिता विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण और बड़ी संख्या में 'रन फॉर कॉर्पोरेशन' मैराथन में शामिल होने पहुंचे युवा उपस्थित रहे। 

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Jan 26 2025, 16:34

दुश्मन भी जिस पर विश्वास करता है, वही साधु कहलाता है : मुरारी बापू



महाकुम्भ नगर। दुश्मन भी जिस पर विश्वास करता है, वही साधु कहलाता है। उन्होंने सत्य, प्रेम और करूणा के दिव्य संदेश के साथ सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुये कहा कि मानस का पवित्रतम पाठ जीवन को संजीवनी प्रदान करने वाला है। उन्होंने सभी को याद दिलाया कि श्रीराम की कथा केवल एक साहित्यिक काव्य नहीं, बल्कि यह अमूल्य खजाना है, जो हमारे जीवन को उच्च आध्यात्मिक दृष्टि और उन्नति प्रदान करता है।

 जीवन के विविध पहलुओं पर दिव्यता व गहनता से प्रकाश डाला

 परमार्थ निकेतन शिविर प्रयागराज में रविवार को मानस कथा मर्मज्ञ मुराबी बापू के श्रीमुख से हो रही मानस कथा का विराम स्वामी चिदानन्द सरस्वती, आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और साध्वी भगवती सरस्वती की उपस्थिति में हुआ। गौरतलब है, नौ दिवसीय मानस महाकुम्भ के माध्यम से पूज्य बापू ने श्रीराम के जीवन के विविध पहलुओं पर दिव्यता व गहनता से प्रकाश डाला।

यह मानस कथा का विराम नहीं, यह एक नए अध्याय की शुरुआत

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि, आज मानस कथा का समापन हुआ और एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। पूज्य बापू ने हम सभी को मानस सामवेद कथा की शुरुआत का आशीर्वाद प्रदान किया। यह मानस कथा का विराम नहीं, यह एक नए अध्याय की शुरुआत है जो कथा श्रवण करने वालों के हृदय में नित नए रूप में समाती है और हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, यह मानस कथा का विराम नहीं, यह जीवन के प्रत्येक मोड़ पर एक नए अध्याय की शुरुआत है।

यह मानस कथा का समापन नहीं

साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि, यह मानस कथा का समापन नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की दिव्य शक्तियों व आत्मा को जगाने का एक नया प्रारंभ है। पूज्य बापू ने नौ दिनों तक हम सभी को जो संस्कार प्रदान किये हैं उन्हें अपने साथ प्रसाद स्वरूप लेकर जायें, यही इस दिव्य कथा का सार है।मानस कथा यजमान जसानी परिवार और विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालु गद्गद होकर अपने पूज्य संतों को विदा कर प्रस्थान हो रहे हैं। राष्ट्रसंत, मानस मर्मज्ञ पूज्य बापू के श्रीमुख से हो रही इस दिव्य मानस कथा के समापन के अवसर पर श्रद्धालुगण भाव-विभोर थे। 

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Jan 23 2025, 16:46

नेताजी का जीवन साहस, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की मिसाल : सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर परिवर्तन चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नेता जी के देश के प्रति योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि भारत माता के महान सपूत और स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन साहस, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की मिसाल है।

 उन्होंने भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति की अलख जगाई

मुख्यमंत्री ने नेताजी के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्होंने भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति की ऐसी अलख जगाई, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आज भी हर भारतवासी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

नेताजी ने अपने व्यक्तित्व आंदोलन को नई दिशा दी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हम नेताजी की पावन जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मना रहे हैं। भारत माता के इस महान सपूत ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से आजादी के आंदोलन को नई दिशा दी। नेताजी का नाम हर भारतवासी के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के योगदान को सम्मानित करते हुए 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह निर्णय नेताजी के प्रति देश की कृतज्ञता का प्रतीक है।

नेताजी का जीवन निष्ठा और साहस की मिसाल

सीएम योगी ने कहा कि नेताजी ने अपने जीवन के सबसे प्रतिष्ठित समय में सिविल सेवा की नौकरी को त्याग दिया, क्योंकि वह विदेशी हुकूमत के अधीन कार्य करना नहीं चाहते थे। यह कदम न केवल उनके देशप्रेम का परिचायक था, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना। उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपने जीवन में कभी भी साधनों की कमी को बाधा नहीं बनने दिया। नेताजी के नारे और विचारों ने युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उनके नारे ने युवाओं के भीतर देशभक्ति का ऐसा जादू फैलाया कि ब्रिटिश हुकूमत को उन्हें नजरबंद करना पड़ा, लेकिन उनकी नजरबंदी भी आजादी के प्रति उनके जुनून को नहीं रोक सकी। नेताजी ने जर्मनी, जापान और अन्य देशों में जाकर भारत की आजादी के लिए समर्थन जुटाया।

सीएम ने नेताजी के आदर्शों को अपनाने की अपील

योगी ने युवाओं को राष्ट्रधर्म का महत्व समझाते हुए कहा कि हर नागरिक को जाति, मजहब, भाषा और क्षेत्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि मानना चाहिए। नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्र के प्रति निष्ठा और समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने करियर से आगे बढ़कर देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। नेताजी के साहस और निष्ठा को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनका व्यक्तित्व युवाओं को न केवल प्रेरित करता है, बल्कि यह सिखाता है कि चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। नेताजी का हर कदम युवाओं के लिए एक संदेश था। 

 देश को सामाजिक समस्याओं से लड़ने का भी मार्ग दिखाया

उन्होंने अपने समय के युवाओं के साथ मिलकर न केवल स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, बल्कि देश को सामाजिक समस्याओं से लड़ने का भी मार्ग दिखाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था। उन्होंने युवाओं से नेताजी के आदर्शों को अपनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि देश के प्रति निष्ठा और सेवा भाव से बड़ी कोई चीज नहीं है। इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, अमरेश कुमार, विधान परिषद सदस्य इंजी. अवनीश सिंह, रामचंद्र प्रधान, अंगद सिंह, लालजी प्रसाद निर्मल आदि उपस्थित रहे। 

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Jan 22 2025, 20:12

हजरत शहीद मर्द शाह बाबा के उर्स पर चादरपोशी के साथ कव्वालों ने सजाई सूफीयाना महफिल

प्रयागराज । दायरा शाह अजमल में लसौड़े शाह बाबा के नाम से मशहूर हजरत शहीद मर्द शाह बाबा का उर्स अकीदत व ऐहतेराम के साथ मनाया गया। इस्लामिक माह रजब उल मुरज्जब की इक्कीसवीं को जहां बाबा की मजार पर जायरीनों की आमद रही वहीं अकीदतमन्दों ने मजार शरीफ का गुस्ल संदल व चादरपोशी कर मन्नत व मुरादें मांगी।

कव्वालों ने जहां पैगम्बरे इस्लाम की शान में एक से बढ़ कर एक कव्वाली पेश की वहीं मनकुन्तो मौला व इमाम हसन और इमाम हुसैन के वसीले से भी कव्वाली सुना कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।आबिद नियाजी की ओर से जायरीनों को लंगर वितरित किया गया।मजार को आकर्षक झालरों से सजाया गया था।देर रात तक चले कव्वाली को सुनने बड़ी संख्या में अकीदतमन्द जुटे मौलाना आबिद हुसैन,शकील ,आबिद नियाजी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,सकलैन ,हाफिज अब्दुल समद ,फिरोज खान , मोहम्मद चांद ,दुलारे खां आदि शामिल रहे। 

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Jan 22 2025, 20:11

मनुष्य को मनुष्य बनाना सबसे बड़ा मानवीय मूल्य- प्रोफेसर झा 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के शिक्षा विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को बदलते शैक्षिक परिदृश्य में मानवीय मूल्य विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी के बीज वक्ता प्रोफेसर अरविंद कुमार झा, आचार्य, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि कर्म से बढ़कर कोई मूल्य नहीं है। मानव में जो मानवीयता है उसका मूल्य एक होगा। मनुष्य को मनुष्य बनाना सबसे बड़ा मानवीय मूल्य है। प्रोफेसर झा ने मानव मूल्य एवं मानवीय मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने विभिन्न विद्वानों के विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि मस्तिष्क का विकास सिर के अंदर होता है जबकि एक अन्य विचारक के अनुसार मस्तिष्क का विकास वातावरण एवं उसके अनुभव द्वारा होता है। उन्होंने गणितीय दृष्टिकोण से मूल्यों को उद्घाटित किया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर पी के साहू, पूर्व कुलपति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने मूल्यों की व्याख्या की तथा कौशल आधारित मूल्य एवं दक्षता की बात करते हुए विभिन्न दृष्टांत तथा उदाहरण के द्वारा मानवीय मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने मूल्यों के व्यापरीकरण की शिक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए सापेक्षिक मूल्य एवं दंड विधान की भी व्याख्या की।

राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने शिक्षा में मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रमों में गीता सार एवं कुम्भ अध्ययन जैसे साहित्य को जोड़ने का संकल्प लिया। प्रोफेसर सत्यकाम ने शिक्षा एवं मूल्य की बिल्कुल नई अवधारणा दंड की विषद चर्चा की तथा दक्षिण भारत में शिक्षा के प्रचलित अर्थों में दंड की अवधारणा की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में भी शिक्षा का अर्थ दंड के रूप में प्रचलित है।

राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन प्रो. छत्रसाल सिंह ने किया। शिक्षा विभाग के निदेशक प्रोफेसर पी.के. स्टालिन ने अतिथियों का वाचिक परिचय एवं स्वागत किया। आयोजन सचिव डॉ बाल गोविंद सिंह ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा आभार ज्ञापन डॉ. दिनेश सिंह, सह आचार्य, शिक्षा विद्याशाखा ने किया।  राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण अतिथियों को प्रयागराज के महाकुंभ का गंगाजल कुंभ कलश में भेंट किया गया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा.प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी। 

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Jan 22 2025, 20:11

78 प्रतिशत वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दावा, मौलाना जावेद हैदर जैदी ने किया विरोध

लखनऊ। वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा दावा किया है। सरकार का कहना है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की 78 प्रतिशत संपत्तियां सरकारी हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका यस गर्ग ने बताया कि प्रदेश में वक्फ बोर्ड के पास कुल 14,000 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें से 11,000 हेक्टेयर भूमि पर सरकार का स्वामित्व है।  

इस दावे में लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या स्थित बहू बेगम मकबरा जैसी ऐतिहासिक धरोहरें शामिल हैं। मौलाना जावेद हैदर जैदी, जिन्हें अफताब-ए-मिल्लत के नाम से जाना जाता है, ने सरकार के इस दावे का कड़ा विरोध करते हुए कहा, यह मुसलमानों की धार्मिक धरोहरों पर हस्तक्षेप और उनके अधिकारों को खत्म करने की कोशिश है। वक्फ संपत्तियां समुदाय की अमानत हैं, जिनकी सुरक्षा हमारा फर्ज़ है। उन्होंने मुसलमानों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की और कहा कि वक्फ संपत्तियों की हिफाजत के लिए हरसंभव संघर्ष किया जाएगा। 

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Jan 22 2025, 20:10

अखिलेश यादव लगातार जनेश्वर मिश्र के सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं: नरेन्द्र सिंह



 मेजा, प्रयागराज। महान समाजवादी नेता एवं केन्द्र सरकार मे कई बार मंत्री रहे छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की पन्द्रहवीं पुण्यतिथि बुधवार को मेजा क्षेत्र के भड़ेवरा गांव मे सपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश सचिव नरेन्द्र सिंह के अगुआई मे सपा नेताओं एवं कार्यकतार्ओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। सपा नेताओं द्वारा उन्हें याद करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर सपा प्रदेश सचिव नरेन्द्र सिंह ने अपने नेता को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजनीति सहित उत्तर प्रदेश की राजनीति मे जननेता के रूप मे समाजवादी पार्टी के अन्दर और बाहर युवा नेतृत्व को पहचान दिलाने मे जनेश्वर मिश्र का श्रमसाध्य प्रयास सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने जीवन पर्यन्त शोषितों,पीड़ितों, और कमजोरों के पक्ष की पैरोकारी करते हुए संघर्ष किया।

नरेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि जनेश्वर मिश्र सम्पन्नता और समानता के लिए होने वाले संघर्ष के बहुत बड़े रचनाकार थे, उनकी मौजूदगी मे बहुत बड़ा बल होता था। आज उनकी याद को ही उनकी मौजूदगी मे परिवर्तित करने की जरूरत है।नरेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि आज सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनेश्वर मिश्र के संघर्षों एवं सपनों को साकार करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

इस अवसर पर फिरोज खान, हिमांशु सिंह,अरविंद यादव, शिवराम पटेल, बिसुन यादव, हीरालाल पटेल, धीरज पाण्डेय,गगन सिंह,विजय बहादुर कुशवाहा, अजय शर्मा,अंकित शर्मा, दुर्गेश शर्मा आदि मौजूद रहे। 

UPfinance45

Jan 22 2025, 18:16

शिवराजपुर का उत्कृष्ट मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल : सतगुरु

 विश्वनाथप्रताप सिंह 

शंकरगढ़ प्रयागराज: अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, सतगुरु हास्पिटल साथ ही आज यह शिवराजपुर में अपने उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी पहचाना जा रहा है। सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सतगुरु हास्पिल) ने इस दिशा में एक नई मिसाल कायम की है।

शिवराजपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह सतगुरु सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अत्याधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टरों और समर्पित स्टाफ के साथ उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग- शिवराजपुर स्थित सतगुरु हास्पिटल और शंकरगढ ब्लाक एवं आसपास के क्षेत्र के निवासियों के लिए एक ऐसा हास्पिटल बन चुका है, जहां हर स्वास्थ्य समस्या का समग्र समाधान उपलब्ध है। हास्पिटल की दृष्टि सिर्फ रोगों का इलाज करना नहीं है, बल्कि लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। 

मरीजों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है सतगुरु हास्पिटल
100 बेड वाले इस अस्पताल में ओपीडी सेवाओं से लेकर क्रिटिकल केयर, मातृ एवं शिशु देखभाल, जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है। साथ ही, सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हास्पिटल द्वारा कम से कम मूल्य पर क्षेत्र वासियों को अनुभवी डॉक्टरों द्वारा सफल इलाज किया गया जैसे सर्पदंश, सांप, काटने का संपूर्ण इलाज लूं , का संपूर्ण इलाज अनुभवी डॉक्टरों की टीम के द्वारा सभी प्रकार के ऑपरेशन किया गया है सतगुरु हास्पिटल ने अपनी अलग पहचान बनाई है।सतगुरु हास्पिटल का मिशन है कि हर मरीज को उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान की जाए और उन्हें यह विश्वास दिलाया जाए कि उनका स्वास्थ्य हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।सतगुरु हास्पिटल का विजन है कि हर मरीज को अत्याधुनिक, किफायती और गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं, जिससे वे स्वस्थ जीवन जी सकें।
सतगुरु हास्पिटल की विशेषताएं1. अत्याधुनिक तकनीक:अस्पताल में उपयोग होने वाली तकनीक विश्वस्तरीय है, जो सटीक निदान और बेहतर इलाज सुनिश्चित करती है। 2. प्रशिक्षित स्टाफ और व्यक्तिगत देखभाल: विशेषज्ञ डॉक्टर, अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और मरीजों के प्रति समर्पित टीम सतगुरु हास्पिटल को अन्य अस्पतालों से अलग बनाती है 3. समग्र स्वास्थ्य सेवाएं:परामर्श, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, पैथोलॉजी, वेंटीलेटर की सुविधा,  एंबुलेंस सेवा, फार्मेसी की दवा, बच्चों की पिलिया की सेंकाई,  और अल्ट्रासाउंड, C.ARM, ECG, ICU,NICU, PICU, की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं। 

स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊंचाइयां शिवराजपुर और शंकरगढ के आसपास क्षेत्र में सतगुरु हास्पिटल को एक अग्रणी हास्पिटल के रूप में पहचाना जा रहा है। यह हास्पिटल केवल इलाज में उत्कृष्टता नहीं दिखा रहा है, बल्कि अपने मरीजों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।सतगुरु हास्पिटल के मरीजों के अनुकूल दृष्टिकोण और सेवा का आदर्श इसे एक विश्वासनीय नाम बनाता है। हास्पिटल का उद्देश्य हर रोगी के लिए सहज और आरामदायक अनुभव सुनिश्चित करना है।शिवराजपुर के साथ-साथ शंकरगढ़ के आसपास के नागरिकों ने न केवल चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार देखा है, बल्कि उन्हें एक ऐसा स्थान भी मिला है जो उनकी हर स्वास्थ्य समस्या का समग्र समाधान प्रदान करता है। यदि आप सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में हैं, तो सतगुरु हास्पिटल सही विकल्प है।