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Dec 01 2024, 12:01

छत्तीसगढ़ के मुलुगु जिले में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 7 नक्सली ढेर





छत्तीसगढ़ के मुलुगु जिले में रविवार को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है. मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर हो गए. सुरक्षाबलों को मौके से भारी मात्रा में कारतूस और हथियार बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि मरने वालों में माओवादियों का एक प्रमुख नेता भी शामिल है. पुलिस ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

एक अधिकारी ने बताया कि इथुरुनगरम के चालपाका के पास वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान चलाया. इसी दौरान सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए नक्सली फायरिंग करने लगे. ऐसे में जवानों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. मुठभेड़ में सात नक्सलियों को गोली लगी और उनकी मौत हो गई. इलाके में अब भी जवानों की टीमें नक्सलियों की तलाश में जुटी हैं.

नक्सलियों की हुई पहचान
एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में से कुछ की पहचान हो गई है. इनमें कुरसम मंगू उर्फ बदरू TSCM ( तेलंगाना स्टेट कमेटी मेंबर) है. यह तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में काफी एक्टिव था. यह काफी समय से नक्सली गतिविधी में संलिप्त था. इसके अलावा मृतकों में मधु (डिविजनल कमेटी मेंबर), ​​​​​मुचाकी देवल (एरिया कमेटी मेंबर), कामेश पार्टी (सदस्य) और जयसिंग (पार्टी सदस्य), किशोर (पार्टी सदस्य) शामिल हैं.

जंगल में छिपे थे नक्सली
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसी सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना के चालपाका के पास वन क्षेत्र में कुछ संदिग्ध नक्सली छिपे हुए हैं. इसके बाद सुरक्षाबलों की टीम ने एरिया को घेर लिया और नक्सलियों को सरेंडर करने को कहा. लेकिन नक्सली जवान पर ही फायरिंग करने लगे. यहीं वजह था कि जवानों को भी गोली चलानी पड़ी.

इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा में बीते शुक्रवार को मुठभेड़ में जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया था. इस दौरान मौके से AK-47, SLR सहित अन्य हथियार भी बरामद हुए थे. नवंबर में ही कांकेर में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ नें पांच नक्सली मारे गए थे, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल थीं. 

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Dec 01 2024, 12:00

कैसे किसी महिला को घोषित कर देते हैं डायन?,डराती हैं कहानियां


झारखंड, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, असम, हरियाणा ये वो राज्य हैं, जहां से डायन प्रथा के नाम पर महिलाओं के साथ अमानवीय उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते है. सैकड़ों महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें डायन बताकर मार डाला गया. हाल ही में राजस्थान के बूंदी में एक 50 वर्षीय महिला को डायन बताकर उसे पेड़ से बांध गर्म सलाखों से दागा गया. डायन प्रथा के खिलाफ कानून बना हुआ है. बाबजूद इसके ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. सवाल है कि आखिर महिलाओं को किस आधार पर डायन घोषित किया जाता है?

कई घटनाओं में देखने को मिला है कि महिलाओं को डायन बताने वाले अधिकतर उसके पड़ोसी, घरवाले या तांत्रिक होते हैं. यह भी देखने को मिला है कि हर उम्र की महिलाओं को डायन घोषित कर दिया जाता है. महिलाओं को डायन बताकर उनके साथ घोर अमानवीय उत्पीड़न किया जाता है. हद तब हो जाती है जब इनके अपने भी इनका साथ छोड़ देते हैं. अधिकतर महिलाओं के डायन वाली घटनाएं ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली हैं.

डायन घोषित हुईं महिलाओं की मदद करने वाली ये महिला
महिलाओं को कोई कैसे डायन घोषित कर देता है? इस सवाल से पहले पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित छूटनी महतो को जानते हैं. छूटनी महतो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्हें साल 2021 में पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित किया है. उन्होंने डायन प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी. यहां तक कि उन्होंने इस प्रथा के खिलाफ जंग लड़कर कई महिलाओं की मदद की. छूटनी महतो झारखंड के सरायकेला खरसांवा जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के गांव बीरबांस की रहने वाली हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें भी डायन घोषित किया गया था, जिसके बाद उनकी जिदंगी पूरी तरह बदल गई थी.

छूटनी महतो को घोषित किया डायन, जबरन खिलाया मल-मूत्र
छूटनी महतो ने बताया कि उनकी शादी 12 साल की उम्र में गम्हरिया थाने के महतांड डीह गांव में कर दी गई थी. वह दिखने में सुंदर थीं और अच्छे कपड़े पहना करती थीं. गांव में लोग उनसे जलते थे. शादी के बाद उनके तीन बच्चे हुए. वह कहती हैं कि 2 सितंबर 1995 को उनके पड़ोसी भोजहरी की बेटी बीमार हो गई. इसका इल्जाम उनपर लगाया गया कि उसने जादू-टोना कर उसे बीमार कर दिया.

इसी बात को लेकर उन्हें गांववालों ने डायन घोषित कर दिया. उनके घर में घुसकर मारपीट की गई. उनके साथ बलात्कार करने कोई कोशिश की गई. हद तब हुई जब डायन से मुक्ति पान एके लिए उन्हें जबरन मानव मल खिलाया गया. इसके बाद उन्हें गांव से निकाल दिया और वह अपने मायके आ गईं.

पेट में हुआ दर्द तो घोषित कर दिया डायन
एक घटना अभी हाल ही में राजस्थान के बूंदी में हुई. यहां के शाहपुरा निवासी 50 वर्षीय नंदूबाई मीणा के पेट दर्द हुआ. उन्हें डॉक्टर को दिखाया लेकिन वह सही नही हुईं. परिजन उन्हें हिंडोली थाना क्षेत्र के गुडागोकुलपुरा गांव के पास एक स्थानीय देवता के पूजा स्थल ले गए. वहां मौजूद स्वयंभू ओझा बाबूलाल ने उनपर ‘बुरी आत्मा’ का ‘साया’ बताकर नंदूबाई को डायन घोषित कर दिया. दो दिन तक उन्हें पेड़ से बंधे रखा गया. उनके शरीर पर गर्म सलाखें दागी गईं. सिर के बाल काटकर मुंह पर कालिख पोत दी. नंदूबाई ने इसकी शिकायत पुलिस से की. ओझा और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

60 से ज्यादा महिलाओं से मुलाकात
साल 2012 में बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में विकास अध्ययन संस्थान की प्रोफेसर कंचन माथुर ने महिलाओं को किन आधारों पर डायन घोषित किए जाने के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इसके लिए वह गांव-गांव जाकर डायन करार दी गई 60 से ज्यादा महिलाओं से मुलाकात की थी. इनमें ज्यादातर पीड़ित महिलाएं पिछड़े वर्ग, आदिवासी और दलित समुदाय से हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर महिलाओं को छोटी-छोटी बातों पर गंभीर आरोप लगाकर उन्हें डायन घोषित कर दिया. इनमें अधिकतर कारण अंधविश्वास से जुड़े पाए गए.

इन वजहों से किया डायन घोषित
प्रोफेसर कंचन माथुर ने रिपोर्ट में बताया था कि महिलाओं को अंधविश्वास के चलते डायन बताया गया. इनमें दुधारू पशुओं का दूध देना बंद हो जाना. कुएं में पानी सूख जाना, किसी बच्चे का बीमार या मौत हो जाने जैसे मामलों में महिलाओं को डायन घोषित किया गया. वह कहती हैं कि कई मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें सम्पत्ति हड़पने की नीयत से भी महिलाओं को डायन करार दिया गया. इनके साथ रेप, बाल काट देना, मुंडन करना, जबरन मल-मूत्र मुंह में ठूसना जैसे अमानवीय घटनाएं की गईं.

डायन प्रथा के खिलाफ बना है कानून
बिहार के बक्सर निवासी पंडित मनोज चौबे के मुताबिक, शास्त्रों में बुरी शक्तियों का उल्लेख मिलता है. शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि राक्षस कुल की महिलाएं सिद्धियां प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ करती थीं. उन्हें अलौकिक शक्तियां भी प्राप्त हुई. लेकिन इन्हें डायन कहना बिल्कुल ठीक नहीं होगा. वहीं, डायन प्रथा के खिलाफ कानून बना है. ऐसे मामले सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. 

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Nov 30 2024, 14:58

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महाराष्ट्र में सीएम पद पर आज होगा फैसला, शिंदे देंगे साथ या बढ़ाएंगे तनाव?

महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।

24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे शिंदे
शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।  साथ ही उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी दिलचस्पी महाराष्ट्र की राजनीति में है। संजय शिरसाट ने कहा, महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को- संजय शिरसाट
शिवसेना नेता ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं। 24 घंटे तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला लेंगे। मुझे जानकारी है कि शपथ ग्रहण समारोह दो दिसंबर को होगा।

क्या चल रहा है शिंदे के मन में?
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने  गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में सरकार गठन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले सीएम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए फैसलों का पालन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया है कि अगर फडणवीस के नाम पर विचार किया जा रहा है तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लें। हालांकि, ऐसी खबरें भी हैं कि एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से किसी और को इस पद के लिए विचार किया जाएगा। 

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Nov 30 2024, 14:57

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संभल जाने पर अड़ी सपा, प्रतिनिधिमंडल के दौरे से पहले एक्शन, डीएम ने लगाई रोक, लखनऊ में पुलिस का कड़ा पहरा

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद अब शांति है। हालांकि, प्रशासन ने किसी भी बाहरी शख्स के संभल आने पर रोक लगा रखी है। इस बीच समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल का दौरा करेगा। इस 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे करेंगे। इसको देखते हुए राजधानी लखनऊ में शनिवार की सुबह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस लगा दी है। साथ ही विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के डालीबाग स्थित आवास के बाहर भी पुलिस तैनात है।

संभल में हुई हिंसा के बाद सपा का प्रतिनिधिमंडल आज वहां पहुंचने वाला है। इस दौरान वहां पीड़ितों से सपा प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। सपा का प्रतिनिधिमंडल संभल में हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी लेकर अखिलेश यादव को सौंपेगा।इस प्रतिनिधिमंडल में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप शामिल रहेंगे।

अभी फिलहाल संभल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक है। ये रोक 10 दिसंबर तक लागू रहेगी। सपा नेताओं के संभल दौरे से पहले ही पुलिस ने नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया है। माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है।विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के सेक्टर-11 वृंदावन योजना स्थित आवास के बाहर रात से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। अभी पुलिस बाहर तैनात है। पुलिस ने उन्हें संभल के डीएम का एक लेटर उपलब्ध कराया है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के डालीबाग स्थित आवास के बाहर भी पुलिस तैनात है।इसके अलावा सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस लगा दी गई है।

क्या बोले सपा नेता माता प्रसाद पांडेय
संभल की यात्रा को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद ने कहा कि अगर मीडिया वहां जा सकती है तो हम वहां क्यों नहीं जा सकते। माता प्रसाद ने कहा कि हम वहां लोगों को भड़काने के लिए नहीं जा रहे हैं। हमारा कहीं भी जाने का अधिकार है। सरकार लोगों का मौलिक अधिकार उनसे छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम पीड़ितों से मिलने के लिए संभल जाना चाह रहे हैं। सच सबके सामने आ जाएगा, इसलिए सरकार डर रही है और वहां जाने से हमें रोक रही है। 

कांग्रेस और एआईएमआईएम के नेता भी जाएंगे संभल
समाजवादी पार्टी के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी दो दिसंबर को संभल जाएगा। इससे पहले एआईएमआईएम ने भी 20 नेताओं की टीम को संभल भेजने का ऐलान किया था जो हालात सामान्य होने पर वहां जाएगी। हालांकि, संभल में बीएनएस की धारा 163 लागू है। इसका मतलब ये हुआ कि यहां एक साथ पांच या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। वहीं, बीते दिन जुमे की नमाज के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए थे। जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से हुई। 

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Nov 30 2024, 14:57

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खरगे की खरी-खीरः हरियाणा-महाराष्ट्र की हार पर सीडब्ल्यूसी की बैठक में लगाई क्लास, राहुल गांधी भी लपेटे में

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को इसी तरह हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी और गठबंधन की हुई करारी हार के बाद हुई पहली कांग्रेस वर्किंग कमिटि की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी नेताओं की क्लास लगाई।मल्लिकार्जुन खरगे ने खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि दो करारी हार के लिए जवाबदेही तय करने का वक्त आ गया है। गुटबाजी को लेकर भी उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की है।शुक्रवार को हुई कांग्रेस के सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई की बैठक में खरगे के अलावा तमाम सीनियर नेता, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। हालांकि बैठक खत्म होने से पहले ही राहुल और प्रियंका निकल गए।

पार्टी में अनुशासन की जरूरत पर दिया जोर 
मीटिंग में खरगे ने पार्टी के जहां एक ओर इस निराशाजनक प्रदर्शन के लिए तमाम वजहों को गिनाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कहा कि अब जवाबदेही तय करने का वक्त आ गया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष से सख्त एक्शन लेने की भी बात कही है। 

आपसी लड़ाई पर लगाई लताड़
खरगे ने पार्टी में गुटबाजी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अनुशासन की कमी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। खरगे का कहना है कि पार्टी में अनुशासन की कमी और पुराने ढर्रे की राजनीति के जरिए जीत नहीं मिल सकती। कांग्रेस के भीतर आपसी गुटबाजी एक स्थायी भाव बन चुकी है। खरगे ने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है।

राहुल गांधी को यूं लपेटा
बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे पूरे फॉर्म में दिखे। उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत देने के साथ-साथ कई बड़े नेताओं की क्लास लगाई। दरअसल, बैठक में राहुल गांधी ने चुनावी हारों का जिक्र करते हुए कहा कि हार से घबराना नहीं है। कांग्रेस हमेशा पुनर्जन्म लेने वाली पार्टी है और आगे भी रहेगी। इस पर तपाक से खरगे ने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं कांग्रेस अजर अमर है, जो अजर अमर होता है, उसे पुनर्जन्म की जरूरत नहीं होती। इस पर तुरंत राहुल ने कहा कांग्रेस अजर अमर है, ये बात सही है। मैं तो मुद्दे सामने आने पर, हार मिलने पर कांग्रेस नए सिरे से फिर लौटेगी उसकी बात कर रहा था।

सियासी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलु को भी धोया
खरगे ने कांग्रेस के सियासी रणनीतिकार और सर्वे करने वाले सर्वे सर्वा पार्टी के पदाधिकारी सुनील कोनूगोलु को धो दिया। राहुल-प्रियंका के सामने खरगे ने कांग्रेस के पदाधिकारी बने सियासी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलु को निशाने पर लिया। खरगे ने कहा कि बताते कुछ हो होता कुछ है। कई चुनावों से देख रहा हूं। अब तुम्हारे रिकॉर्ड के साथ बोलूं तो जहां बोलते हो जीत वहां मिलती है हार। ऐसे तो अंदाज लगाकर एक आध सही निकल जाता है, लेकिन सिस्टम तो तुम्हारा कतई ठीक नहीं है। 

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Nov 30 2024, 14:57

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“हास्यास्पदः”बस में राहुल गांधी के खिलाफ सुनी जा रही थी डिबेट, सुक्खू सरकार ने ड्राइवर-कंडक्टर को भेजा नोटिस

अगर आपका मूड खराब है तो निःसंदेश ये खबर आपके लिए ही है। ये खबर पढ़कर या तो आप हंसेंगे या फिर अपनी “भड़ास” निकालकर रिलैक्स महसूस करेंगे। ये खबर जूड़ी है हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार से। आए दिन हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने कारनामों के लिए सुर्खियों में रहती है। इस बार हिमाचल पथ परिवहन निगम में तैनात ड्राइवर और कंडक्टर को भेजे गए एक नोटिस की वजह से सुक्खू सरकार चर्चा में है। 

हिमाचल पथ परिवहन निगम में तैनात ड्राइवर और कंडक्टर को राज्य सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बस में एक यात्री को फोन पर डिबेट देखने से नहीं रोका, जिसमें राहुल गांधी और अन्य विपक्ष के नेताओं के खिलाफ टिप्पणी की जा रही थी। 

पूरा मामला 1 नवंबर 2024 का है। यहां हिमाचल पथ परिवहन निगम की एक बस शिमला से संजौली जा रही थी। बस में कई लोग सवार थे, जिसमें से एक यात्री फोन पर डिबेट देख रहा था। यात्री के फोन में चल रही डिबेट में राहुल गांधी और अन्य विपक्ष के नेताओं के खिलाफ टिप्पणी की जा रही थी। इस संबंध में ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस जारी किया गया है। सैमुयल प्रकाश नाम के शिकायतकर्ता की शिकायत पर मुख्यमंत्री के अवर सचिव की तरफ से हिमाचल पथ परिवहन निगम के उप मंडलीय प्रबंधक ने नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही नोटिस में तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। 

आरोप है कि इन सभी नेताओं के खिलाफ वीडियो में दुष्प्रचार किया जा रहा था। शिकायत में लगाए गए कि सार्वजनिक तौर से सरकारी वाहन में इस तरह से किसी भी राजनेता के विरुद्ध ऐसी वार्ता का ऑडियो चलाना उचित नहीं है। नोटिस में कहा गया है कि यह ड्राइवर और कंडक्टर का कर्तव्य बनता था कि वह इस प्रकार का आपत्तिजनक ऑडियो सरकारी गाड़ी में निषेध करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह इसमें असमर्थ रहे।

25 नवंबर को दोनों को नोटिस जारी किया गया और तीन दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया। जवाब दाखिल न होने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की भी बात कही गई। ड्राइवर टेक राज और कंडक्टर शेषराम ने अपना जवाब भी दे दिया है। 

अब एचआरटीसी विभाग ने पूरे मामले में सफाई दी है। शुक्रवार देर शाम को एचआरटीसी की तरफ से सफाई जारी की गई. शिमला के ढली के डिपो के सब डीवीजन मैनेजर ने एक नोट जारी किया और बताया कि शिकायत के बाद ड्राइवर कंडक्टर को नोटिस दिया गया था। और अब जांच के बाद इस नोटिस को रद्द कर दिया गया है। जांच और ड्राइवर कंडक्टर ने अपने जवाब में लिखा है कि ऐसा कोई वाक्या हमारी बस में नहीं हुआ था। उधर, शिकायतकर्ता की ओर से भी ऐसा कोई भी सुबूत शिकायत के साथ नहीं सौंपा गया था, जिसकी वजह से कंडक्टर और ड्राइवर पर एक्शन लिया जा सके। 

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Nov 30 2024, 14:56

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क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन जंग? सीजफायर को तैयार जलेंस्की

रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुलेआम रूस के खिलाफ यूक्रन की मदद कर रहे हैं। बाइडेन ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। इस बीच दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है। गहरी होती युद्ध की आशंका के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि वे रूस के साथ एक अस्थायी युद्ध विराम समझौते पर हामी भर सकते हैं।

द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि जेलेंस्की शांति के लिए रूस को यूक्रेनी क्षेत्र भी देने को तैयार हो गए हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के लिए यह खबर सबसे बड़ी है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ज़ेलेंस्की ने कह दिया है कि "मैं शांति हासिल करने के लिए यूक्रेनी क्षेत्र रूस को छोड़ दूंगा। 

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार कहा कि उनका देश 'नाटो की छत्रछाया' में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के लिए छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते वह नाटो की सुरक्षा में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाटो के संरक्षण में यूक्रेन अपने उस क्षेत्र को रूस के लिए अस्थायी रूप से छोड़ सकता है, जो रूस के कब्जे में है। व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार रात पहली बार कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए वह रूस को अपना क्षेत्र सौंपने को तैयार हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि किसी भी समझौते में यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं को मान्यता देनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि कब्जे वाले क्षेत्र सैद्धांतिक रूप से यूक्रेन का हिस्सा बने रहें। जेलेंस्की ने भविष्य में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए नाटो समर्थित युद्ध विराम को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि नाटो को तुरंत यूक्रेन के उस हिस्से को कवर करना चाहिए , जो हमारे नियंत्रण में है। ऐसा ना होने पुतिन की सेना फिर से यहां आ जाएगी वापस आ जाएगा। 

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Nov 30 2024, 14:56

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बांग्लादेश में इस्कॉन पर बवाल जारी, अब चिन्मय प्रभु के सचिव लापता, 17 लोगों के बैंक खाते भी फ्रीज

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर शुरू हुआ विवाद नहीं थम रहा। इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद से कई हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, चिन्मय प्रभु के सचिव के भी लापता होने खबर आ रही है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने कथित तौर पर देश के बैंकों को इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है।

कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने दावा किया है कि चिन्मय प्रभु के सचिव भी शुक्रवार से लापता हैं। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि चिन्मय दास के लिए प्रसाद लेकर गए दो भक्तों को मंदिर से लौटते समय अरेस्ट किया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि एक बुरी खबर आई है। चिन्मय दास के लिए प्रसाद लेकर गए दो भक्तों को मंदिर लौटते समय गिरफ्तार कर लिया गया और चिन्मय दास के सचिव भी लापता हैं।

17 लोगों के बैंक खाते फ्रीज किए गए
इधर, ढाका में स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि ‘बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई’ (बीएफआईयू) ने इस्कॉन बांग्लादेश से जुड़े 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है। इसमें जेल में बंद इसके नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं। रिपोर्टों से पता चला है, कि देश के कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों को खातों से एक महीने के लिए सभी लेन-देन को निलंबित करने का सरकारी निर्देश भेजा गया है।

चिन्मय दास के अलावा इन लोगों पर आरोप
आपको बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया था। हिरासत के एक दिन बाद जेल भेज दिया गया था। कृष्ण दास के अलावा, बांग्लादेश सरकार द्वारा निशाना बनाए गए अन्य 16 हिंदुओं में कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, विश्व कुमार सिंघा, चंदिदास बाला, जयदेव करमाकर, लिपि रानी करमाकर, सुधामा गौर दास, लक्ष्मण कांति दास, प्रियतोष दास, रूपन दास, रूपन कुमार धर, आशीष पुरोहित, जगदीश चंद्र अधिकारी और साजल दास शामिल हैं।

कैसे शुरू हुआ मामला?
चटगांव में ‘सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले महीने भगवा झंडा फहराने के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। इसके बाद हिंदू समुदाय के विरोध प्रदर्शन के बीच दास को मंगलवार को चटगांव की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अदालत परिसर में दास की पेशी के दौरान हिंसा भड़क गई। 

BiharFinancenews

Nov 30 2024, 14:56

मोहम्मद शमी फिर हुए चोटिल! दर्द से हुआ बुरा हाल

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पिछले 1 साल से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन सके हैं. वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान उन्हें चोट लगी थी. टखने की चोट के कारण शमी ने फरवरी 2024 में सर्जरी कराई थी. ऐसे में उन्होंने हाल ही में रणजी ट्रॉफी से मैदान पर वापसी की थी और अब वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में खेल रहे हैं. इस टूर्नामेंट के बीच शमी के फैंस के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. शमी बंगाल और मध्य प्रदेश के बीच खेले गए मुकाबले के दौरान दर्द से कराहते हुए दिखाई दिए. जिसके बाद मेडिकल टीम को बीच मैदान उनकी जांच करनी पड़ी.

मोहम्मद शमी का दर्द से हुआ बुरा हाल
मोहम्मद शमी शुक्रवार को निरंजन शाह स्टेडियम ग्राउंड सी पर मध्य प्रदेश के खिलाफ बंगाल के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान चोटिल हो गए. दरअसल, वह इस मुकाबले के दौरान पीठ की चोट के कारण काफी दर्द में दिखे. उन्हें गेंदबाजी करते समय पीठ में दिक्कत महसूस हुई. वह गेंदबाजी के दौरान नीचे गिर गए थे, इसके बाद शमी को असहज लग रहा था और वह अपनी पीठ के निचले हिस्से को पकड़कर जमीन पर लेट गए. जिसने हर किसी के दिलों की धड़कन बढ़ा थी.

मोहम्मद शमी को दर्द में देखकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मेडिकल टीम ने उनकी जांच की, इस दौरान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के मेडिकल पैनल के प्रमुख नितिन पटेल भी मैदान पर मौजूद रहे. हालांकि थोड़े समय के उपचार के बाद शमी ने फिर से गेंदबाजी की और अपना ओवर पूरा किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुकाबिक, शमी को गिरने पर हल्का झटका लगा होगा, लेकिन इससे कोई गंभीर चोट नहीं आई है. ऐसे में वह टूर्नामेंट में आगे भी खेलते हुए नजर आएंगे.

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हो सकती है एंट्री
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है. इस दौरे के लिए भारतीय सेलेक्टर्स ने 18 खिलाड़ियों को टीम में जगह दी है. लेकिन अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस टीम का हिस्सा नहीं हैं. वह पिछले एक साथ से चोट से परेशान थे और टीम के ऐलान तक फिट नहीं हो सके थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमी को इसी सीरीज के बीच टीम इंडिया में शामिल किया जा सकता है. जिसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मेडिकल टीम उन पर नजर बनाए हुए है. 

BiharFinancenews

Nov 30 2024, 14:55

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर: अगले 6 दिनों तक बेहद खराब श्रेणी में रहेगी हवा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं. अगले 6 दिनों तक दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने की संभावना जताई गई है. शनिवार सुबह 5 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स 347 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है. दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए तमाम इंतजाम कर रही है. शुक्रवार को आनंद विहार इलाके में ड्रोन से पानी का छिड़काव करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जो असफल रहा. हवा में सुधार लाने के लिए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 लागू किया गया है.

दिल्ली में सांस लेना अभी भी घातक बना हुआ है. धूल के कण हवा में घुले हुए हैं. हवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोग सांस संबंधित बीमारियों का शिकार होने लगे हैं. शनिवार की सुबह फिर से वहीं हाल रहा जो अब तक बना हुआ है. खराब हवा के मामले में दिल्ली के शादीपुर, मुंडका, जहांगीरपुरी और बवाना में एक्यूआई 400 से पार पहुंच गया है. वहीं, आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, द्वारका, नेहरु नगर, पंजाबी बाग, रोहिणी के हालात भी गंभीर बने हुए हैं. यहां की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में है.

सुबह-शाम कोहरा, दिन में आसमान रहेगा साफ
मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली में आसमान साफ रहेगा. तापमान में हल्की गिरावट रहेगी. सुबह के समय प्रमुख सतही हवा परिवर्तनशील दिशा से आने की संभावना है, जिसकी गति 4 किमी प्रति घंटे से कम होगी. वहीं, हल्का से मध्यम कोहरा रहने की संभावना है. दोपहर के समय हवा की गति धीरे-धीरे बढ़कर उत्तर-पश्चिम दिशा से 6-8 किमी प्रति घंटे हो जाएगी. इसके बाद शाम और रात के समय यह उत्तर-पश्चिम दिशा से 4 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी. रात में उथला कोहरा रहने की संभावना है.


दिल्ली के इन इलाकों में बेहद खराब श्रेणी में रहा AQI
दिल्ली के कई इलाकों में शनिवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से पार दर्ज किया गया. इनमें मुंडका में AQI 409, शादीपुर में 409, बवाना में 403, जहांगीरपुरी में 401, पंजाबी बाग में 391, नेहरू नगर में 386, रोहिणी में 377, आनंद विहार में 373, वजीरपुर में 373, DTU में 373, अशोक विहार में 371, द्वारका सेक्टर 8 में 367, आरकेपुरम में 362,ओखला फेस-2 में 355, अलीपुर में 351, मंदिर मार्ग में 344, विवेक विहार में 342, पड़पड़गंज में 340, आईजीआई एयरपोर्ट में 336, सोनिया विहार में 335 और दिलशाद गार्डन का एक्यूआई 314 दर्ज किया गया.